प्राइवेट छोड़ सरकारी स्कूलों में Admission लेने वाले स्टूडेंट्स का आंकड़ा अब रोज होगा अपडेट, शिक्षा विभाग की मुहिम को मिला अच्छा रिस्पांस
सरकारी स्कूलों में दाखिलों को लेकर अच्छा रिस्पांस मिलने लग पड़ा है। अब तक राज्य भर के प्राइवेट स्कूल छोड़ कर सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगभग पौने दो लाख हो चुकी है। जालंधर में विद्यार्थियों की संख्या दस हजार के पार हो चुका है।
जालंधर, [अंकित शर्मा]। सरकारी स्कूलों में पिछले के साल के मुकाबले दाखिलों को लेकर अच्छा रिस्पांस मिलने लग पड़ा है। अब तक राज्य भर के प्राइवेट स्कूल छोड़ कर सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगभग पौने दो लाख हो चुकी है। जालंधर में विद्यार्थियों की संख्या का आंकड़ा दस हजार के पार हो चुका है, जबकि सर्वाधिक संख्या लुधियाना की 18 हजार के पार है।
शिक्षा सचिव दाखिला मुहिम पर निरंतर नजर रख रहे हैं। ऐसे में अब उनकी तरफ से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ-साथ स्कूल मुखियों और स्कूल हेड्स को हिदायतें दी हैं कि सरकारी स्कूलों में प्राईवेट से आने वाले विद्यार्थियों की संख्या रोज के रोड अपडेट करनी होगी। इसके पीछे शिक्षा विभाग का मकसद यही है कि निरंतर हो रही अपडेशन के हिसाब से विद्यार्थियों की सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाना है, जिनमें निशुल्क वर्दियां, किताबें व सरकार की स्कीमों का लाभ दिलाना है। जिसके तहत वर्किंग टीम में पहले स्कूलों की तरफ से अपना-अपना रिकार्ड अपडेट किया जाता है, जिसके बाद जिला एमआईएस टीम विद्यार्थियों की संख्या का रिकार्ड अपडेट कर रहे हैं और स्टेट टीम उस पर मानीटर कर रही है। ताकि कहीं भी किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
शिक्षा विभाग की तरफ से 31 मई तक सरकारी स्कूलों में दाखिले किए जाने हैं और शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने पहले ही सभी को हिदायतें दी हुई हैं कि किसी भी रूप में विद्यार्थी के स्कूल में दाखिल होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। अगर विद्यार्थी के पास स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, कक्षा पास का सर्टिफिकेट नहीं है तो भी दाखिले से इंकार नहीं किया जा सकता है। कक्षा पास की आंकलन करने के लिए स्कूल मुखी सुविधानुसार विद्यार्थियों का इंटर्नल टेस्ट लेकर दाखिला करने के योग्य हैं। प्राईवेट स्कूलों की तरफ से अभिभावकों से निरंतर फीसों का अतिरिक्त बोझ डाल देने की वजह से प्राईवेट स्कूलों से हटकर विद्यार्थी सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं। दूसरा इसका मुख्य कारण यह भी है कि अब विद्यार्थियों की इंग्लिश स्पीकिंग के साथ-साथ स्मार्ट स्कूल कांस्पेक्ट के तहत बदली सूरत भी इस दाखिला मुहिम के लिए बेहतर साबित हुई है।