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जालंधर के सेंट सोल्जर ला कालेज में लोकतांत्रिक भारत में शिक्षकों की भूमिका पर की चर्चा

जस्टिस आनंद का विचार था कि लैंगिक गुणवत्ता और धर्मनिरपेक्षता के समृद्ध मूल्यों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र सबसे विकसित राष्ट्र हो सकता है। चेयरमैन चोपड़ा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में शिक्षकों को एक आधुनिक और विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आदर्श और पथ प्रदर्शक बताया।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 05:00 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 05:00 PM (IST)
जालंधर के सेंट सोल्जर ला कालेज में लोकतांत्रिक भारत में शिक्षकों की भूमिका पर की चर्चा
लोकतांत्रिक भारत में शिक्षकों की भूमिका विषय पर वेबिनार आयोजित की गई।

जासं, जालंधर। सेंट सोल्जर ला कालेज में लोकतांत्रिक भारत में शिक्षकों की भूमिका विषय पर वेबिनार में चर्चा करके शिक्षक दिवस मनाया गया। इस वेबिनार की अध्यक्षता सेंट सोल्जर ग्रुप के चेयरमैन अनिल चोपड़ा ने की। वहीं, जस्टिस एसडी आनंद ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार रखे। कालेज के डायरेक्टर डा. एससी शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। इस अवसर पर डीन अकादमिक प्रो. रविंदरजीत कौर ने सबका धन्यवाद किया और छात्रा हरसिमरनजीत कौर सिमरन सहित अन्य स्टूडेंट्स ने अपने पेपर प्रस्तुत किए।

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लैंगिक गुणवत्ता और धर्मनिर्पेक्षता के समृद्ध मूल्यों से भारत बन सकता है विकसित राष्ट्र 

जस्टिस आनंद ने इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए कहा कि वे चाहते थे कि शिक्षक छात्रों में लोकतांत्रिक मूल्यों का विकास करें। जस्टिस आनंद का विचार था कि लैंगिक गुणवत्ता और धर्मनिरपेक्षता के समृद्ध मूल्यों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र सबसे विकसित राष्ट्र हो सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक इस कार्य में बढ़-चढ़कर भाग ले सकते हैं।

चेयरमैन चोपड़ा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में शिक्षकों को आधुनिक और विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आदर्श और पथ प्रदर्शक बताया। उन्होंने कहा कि बेहतर गुरु वही होता है जो निष्काम भाव से विद्यार्थियों को श्रेष्ठ मार्गदर्शन करते हुए उन्हें भविष्य के लिए तैयार करता है। विद्यार्थियों को हर मुश्किल घड़ी का सामना करना सिखाता है। स्टूडेंट्स में ऐसी सोच व समझ को विकसित करने में शिक्षकों का बेहद कठिन व कठोर तप होता है। आज जरूरत है कि अध्यापकों को समय के साथ-साथ खुद को अपग्रेड करने की ताकि वे विद्यार्थियों को उनकी सोच व समझ के साथ भविष्य के निर्माता के रूप में तैयार कर सकें। उन्होंने अंत में संस्थान के वेबिनार के जरिये भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों पर चर्चा करने के प्रयास की भी सराहना की।

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