जालंधर खेल इंडस्ट्री ने कारोबार पटरी पर लाने के लिए मार्जिन छोड़ा, कमिटमेंट पर किए जा रहे है आर्डर पूरे
जालंधर की खेल इंडस्ट्री ने कारोबार को दुरुस्त करने के लिए अपना मार्जिन भी छोड़ना शुरु कर दिया है। सामान तैयार करने का कच्चा माल रबड़ कपड़ा प्लास्टिक दाना महंगा हो गया है। रबड़ की कीमत एक महीने पहले 120 रुपए किलो थी अब 200 रुपए मीटर है।
जालंधर, [कमल किशोर]। कच्चा माल महंगा होने की वजह से जालंधर की खेल इंडस्ट्री ने अपना मार्जिन भी छोड़ना शुरु कर दिया है। प्रत्येक उत्पाद में इंडस्ट्री का पांच प्रतिशत मार्जिन होता था। आलम अब यह है कि इंडस्ट्री नो लॉस्ट, लो प्रोफिट के मुताबिक काम मेंं जुटी हुई है। कच्चा माल तीस प्रतिशत महंगा हो गया है।
इंडस्ट्री ने खरीदार से आर्डर के दौरान कीमतों की कमिटमेंट की है उसी कीमत पर उत्पाद का भुगतान करेंगे। खेल उत्पाद तैयार करने में प्रयोग होने वाले कच्चा माल रबड़, कपड़ा, प्लास्टिक दाना महंगा हो गया है। रबड़ की कीमत एक महीने पहले 120 रुपए किलो थी, फिर 200 रुपए मीटर हुई, अब 280 रुपए मीटर बिक रहा है। पालीमर्स मैटीरियल में तीस प्रतिशत कीमत बढ़ घई है। नाइलोन धागे के साथ-साथ बैट तैयार करने में प्रयोग होने वाला धागा में भी बीस प्रतिशत कीमत में बढ़ोतरी हो चुकी है।
इंडस्ट्री करती है प्रतिवर्ष 3000 करोड़ का कारोबार
खेल इंडस्ट्री की बात करें तो 2200 छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाईयां है। प्रतिवर्ष 3000 करोड़ का कारोबार करती है। खेल एक्सपोर्टर को फ्रांस, जर्मनी, रूस, पुर्तगाल, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, स्पेन, ब्राजील देशों से आर्डर मिले हुए है। लाकडाउन में इंडस्ट्री को 25 करोड़ के आर्डर मिले थे। जिसमें बीस करोड़ के आर्डर विदेशों से मिले थे। पांच करोड़ के आर्डर घरेलू मार्किट से मिले थे।
स्पोर्ट्स एंड टॉय एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रधान आशीष आनंद ने बताया कि कच्चा माल महंगा होने की वजह से इंडस्ट्री ने मार्जिन छोड़ दिया है। इंडस्ट्री के पास आर्डर है। इंडस्ट्री ने खरीददार से उत्पाद की कमिटमेंट की है उसी कीमत पर भुगतान किया जाएगा। नो लास, नो प्रोफिट में इंडस्ट्री कारोबार चल रहा है।
स्पोर्टेिक्स सिडिंकेट के एमडी अलकेश कोहली ने बताया कि सरकार को कच्चा माल की कीमतों को कम किया जाना चाहिए। इंडस्ट्री स्वयं का मार्जिन को छोड़कर कारोबार करने में जुटी हुई है। खरीददार उसी कीमत पर आर्डर की मांग कर रहा है। इंडस्ट्री खरीददार से मिले आर्डर को पूरा करने में जुटी हुई है।