दुकान पर 10 से ज्यादा ग्राहक नहीं के आदेश से व्यापारी नाराज, बोले-भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पर फोकस करे प्रशासन
एक दुकान पर 10 से अधिक ग्राहक होने पर चालान काटा जाएगा। इसे लेकर शेखां बाजार के व्यापारियों में रोष है। उनका मानना है कि अगर जिला प्रशासन केवल भीड़भाड़ वाले इलाकों पर फोकस करे तो इसकी नौबत नहीं आएगी।
जालंधर, जेएनएन। जिला प्रशासन ने कोरोना महामारी को देखते हुए दुकानदारों के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत एक दुकान पर 10 से अधिक ग्राहक होने पर चालान काटने का प्रावधान तय किया गया है। इसे लेकर शेखां बाजार के व्यापारियों में रोष है। उनका मानना है कि अगर जिला प्रशासन केवल भीड़भाड़ वाले इलाकों पर फोकस कर ले तो दुकानों के लिए इस तरह के फरमान जारी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसी विषय को लेकर 'दैनिक जागरण' ने बाजार के व्यापारियों की राय जानी। व्यापारियों ने इस इस नियम को गलत बताया, साथ ही कहा कि इससे उनका मनोबल गिरेगा।
ऐसे आदेश से मनोबल गिरेगा
व्यापारी हमेशा से सरकार व प्रशासन के साथ रहे हैं। बात रेवेन्यू देने की हो या फिर व्यापार को लेकर कानून व नियम लागू करने की। सरकार को भी व्यापारियों के हित की बात करनी चाहिए। इस तरह के आदेश से व्यापारियों का मनोबल गिरेगा।
- राहुल बाहरी।
सरकार को दुकानदारों से बात करनी चाहिए थी
बाजार में कई दुकानें बहुत कम जगह में बनी हुई हैं, जहां पर कई बार ग्राहक का दुकान में प्रवेश करना भी संभव नहीं रहता है। ऐसे में सरकार व प्रशासन को मंदी के दौर से गुजर रहे व्यापारियों को राहत देने की बात करनी चाहिए थी। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा।
- राजेश अरोड़ा।
मंडियों में ज्यादा भीड़, वहां फोकस करें
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बाजारों से अधिक मंडियों में फोकस किए जाने की जरूरत है। यहां पर बाजारों के अपेक्षाकृत कहीं अधिक भीड़ रहती है, जिससे खतरा भी अधिक है। बाजारों में आते समय लोग तमाम तरह के सुरक्षा साधन इस्तेमाल करते हैं।
- सौरभ कत्याल।
नए नियम लागू करने से पहले जमीनी हकीकत से रूबरू हो सरकार
मंदी के दौर से गुजर रहे कारोबार के बीच प्रशासन द्वारा लागू किए जा रहे नए-नए नियम कारोबार को प्रभावित कर रहे हैं। कोरोना महामारी की इस विपरीत परिस्थिति में किसी भी तरह का नियम कानून लागू करने से पहले सरकार को जमीनी हकीकत जरूर जान लेनी चाहिए।
- शुभम।
बाजारों से सुरक्षा व्यवस्था नदारद
जिला प्रशासन द्वारा दिए गए तमाम आदेशों का पालन सख्ती से किया जाता है। जुदा बात है कि आदेश जारी करने के बाद बाजार में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर नियम लागू करवाने के लिए कोई खास व्यवस्था नहीं की जाती। इसी के चलते ये नियम खासे कारगर सिद्ध नहीं होते हैं।
- सुखविंदर सिंह।
प्रशासन फैसले पर दोबारा विचार करे
बाजारों के कल्चर को नहीं बदला जा सकता। आमतौर पर एक ग्राहक के साथ परिवार के तीन चार सदस्य जरूर आते हैं। ऐसे में अगर दो ग्राहक भी आ गए तो 10 की संख्या पूरी हो जाएगी। प्रशासन को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए ताकि उन्हें राहत मिल सके।
- मनिंदर सिंह।
नए फरमान व्यापारियों की दिक्कत बढ़ा रहे
पहले कोरोना महामारी, फिर किसान आंदोलन के चलते पहले से ही व्यापारी परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं, ऊपर से आए दिन नए फरमान उनकी दिक्कत बढ़ा देते हैं। इसलिए किसी भी तरह की सख्ती करने से पहले उनकी स्थिति को जान लेना बहुत जरूरी है।
- योगेश नंदा।
शेखां बाजार में केवल संडे को ही अधिक भीड़ रहती है। यह देखते हुए जिला प्रशासन को नियम निर्धारित करना चाहिए था। बाजार के व्यापारी तो पहले से ही डरे हुए हैं। ऊपर से आए दिन नया फरमान उनके लिए परेशानी का सबब बन रहा है।
- हरजिंदर पाल।
मंदी के दौर से गुजर रहे व्यापारियों को सरकार व प्रशासन राहत दे। बाजार की बड़ी दुकानों पर 8 से 10 लोगों का एक साथ होना आम बात है। ऐसे में प्रशासन को निर्धारित किए गए 10 ग्राहकों से अधिक पर चालान करने के नियम को वापस लेना चाहिए।
- करण ग्रोवर
कोरोना महामारी के चलते ग्राहकों की आमद तेजी से कम हुई है। अब एक दुकान पर 10 ग्राहकों का होना ख्वाब बन चुका है। दुकान पर 10 ग्राहक एक साथ आते ही नहीं हैं तो इस तरह का नियम निर्धारित करने का कोई औचित्य ही नहीं बनता।
- चंद्र महेंद्रू।