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Coronavirus के साइड इफेक्ट्सः लोग भूले परिवार नियोजन, जालंधर में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा बच्चों का जन्म

कोरोना वायरस के कारण लगे कर्फ्यू और लाकडाउन के बाद जालंधर में बच्चों की जन्मदर में पिछले साल के मुकाबले बढ़ोतरी दर्ज की गई है। घर की चारदीवारी के अंदर कैद रहने के चक्कर में लोग परिवार नियोजन का मंत्र भूल गए।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 15 Mar 2021 10:54 AM (IST)Updated: Mon, 15 Mar 2021 10:54 AM (IST)
Coronavirus के साइड इफेक्ट्सः लोग भूले परिवार नियोजन, जालंधर में पिछले साल के मुकाबले ज्यादा बच्चों का जन्म
जालंधर में कोरोना काल से पहले के मुकाबले लाकडाउन खुलने के बाद जिले में बच्चों का अधिक जन्म हुआ।

जालंधर [जगदीश कुमार]। कोरोना लाकडाउन और कर्फ्यू के कारण जमीन से लेकर आसमान तक परिवहन सेवाएं बंद रहीं। व्यापार ठप रहा। कोरोना की दहशत ने जिंदगी रफ्तार पर ब्रेक लगा दी। लोग घरों में कैद रहे तो कोरोना काल से पहले के मुकाबले लाकडाउन खुलने के बाद जिले में बच्चों का अधिक जन्म हुआ। इसे कोरोना का साइड इफेक्ट कहा जा सकता है कि कोरोना काल में लोग परिवार कल्याण का मंत्र भूल गए।

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25 मार्च, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की रफ्तार थामने के लिए देशभर में लाकडाउन की घोषणा की थी। इस कारण सब कुछ बंद हो गया। लोगों की भागदौड़ वाली जिंदगी थम गई और लोग घरों में कैद हो गए। कई लोगों ने शादी समारोह भी रद कर दिए। इसके विपरीत लाकडाउन के बाद बच्चों की जन्मदर में पिछले साल के मुकाबले बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके पीछे एक कारण परिवार नियोजन से संबंधित सामग्री न मिलना भी माना जा सकता है। साथ ही घर की चारदीवारी के अंदर कैद रहने और मनोरंजन के अधिक साधन न होने से लोग परिवार नियोजन का मंत्र भूल गए।

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सेहत विभाग के अनुसार कोरोना काल से पहले अक्टूबर, 2019 के मुकाबले लाकडाउन के बाद अक्टूबर, 2020 में 682 बच्चे अधिक जन्मे। दिसंबर 2019 के मुकाबले दिसंबर 2020 में 1717 बच्चे तथा जनवरी 2020 के मुकाबले जनवरी 2021 में 696 बच्चों का अधिक जन्म हुआ है।

कोरोना काल से पहले

      महीना                 कुल जन्म

  • अक्टूबर 2019      2734
  • नवंबर 2019        2772
  • दिसंबर 2019      3000
  • जनवरी 2020      3096
  • फरवरी 2020      2232

कोरोना की दस्तक के एक साल बाद

  • अक्टूबर 2020      3416
  • नवंबर 2020         2952
  • दिसंबर  2020       4717
  • जनवरी 2021        3792
  • फरवरी 2021        2784

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'' पिछले साल लगे लाकडाउन से पहले और उसके बाद की अवधि में बच्चों की जन्मदर में इजाफा हुआ है। परिवार कल्याण की नीतियों की पालना का पता लगाने के लिए प्रति दंपती बच्चों की संख्या को देखना होगा। ऐसे हालात में जनसंख्या में इजाफा होना कुदरती बात है।

                                                              - डा. रमन गुप्ता, जिला परिवार कल्याण अधिकारी, जालंधर ।

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