जालंधर में धार्मिक स्थलों ने कपाट बंद करने का समय बदला, रात को नहीं होंगे धार्मिक कार्यक्रम
पंजाब में करोना वायरस संक्रमित केसों में हो रहे इजाफे के चलते 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। इसी वजह से जालंधर के धार्मिक स्थलों नें भी कपाट बंद करने व आयोजनों से समय में बदलाव किया है।
जालंधर, जेएनएन। नाइट कर्फ्यू के साथ ही शहर के धार्मिक स्थलों ने रात को संस्थान बंद करने के समय में परिवर्तन कर दिया है। इसके साथ ही रात को होने वाले आयोजनों का समय भी बदल कर संध्या काल तक कर दिया है। जिसके चलते अब श्रद्धालु भी रात्रि होने से पहले धार्मिक स्थलों पर पहुंचने लगे हैं।
दरअसल, पंजाब में करोना वायरस संक्रमित केसों में लगातार हो रहे इजाफे के चलते 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही नाइट कर्फ्यू नियमों की उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान भी तय किया गया है। जिसके तहत सभी नाकों पर पुलिस की तैनाती सुनिश्चित करने के अलावा बिना किसी ठोस कारण के सड़कों पर घूमने वाले लोगों पर मामला दर्ज करने का फैसला भी लिया हुआ है। यही कारण है कि नाइट कर्फ्यू के दौरान लोग बिना किसी जरूरी कारण के घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं।
08:00 बजे के बाद नहीं होता कोई आयोजन
इस बारे में प्राचीन हनुमान मंदिर चौक सुदां के अध्यक्ष मनीष बाहरी बताते हैं कि अब मंदिर में रात 08:00 बजे के बाद कोई भी आयोजन नहीं करवाया जाता। कारण इसके बाद होने वाले आयोजन नाइट कर्फ्यू से पहले नहीं सिमट सकते। जिसके चलते मंदिर में कोई भी आयोजन केवल 8 बजे तक ही करने का फैसला लिया गया है।
10:00 बजे से पहले बंद कर दिए जाते हैं मंदिर के कपाट
इस बारे में श्री महालक्ष्मी मंदिर जेल रोड के प्रवक्ता राहुल बाहरी बताते हैं कि रात 10 बजने से पहले ही मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की हिदायतों की पालना करते हुए नाइट कर्फ्यू को लेकर मंदिर के समय में परिवर्तन किया गया है।
भगवती जागरण के आर्डर हुए कैंसिल
उधर भजन गायक प्रदीप पुजारी एंड पार्टी के प्रदीप कुमार बताते हैं कि नाइट कर्फ्यू के चलते भगवती जागरण के बॉर्डर कैंसिल कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि नाइट कर्फ्यू खत्म होने के बाद ही भगवती जागरण या फिर भजन संध्या का आर्डर मिलने की उम्मीद है।