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जालंधर में पंजाब सरकार के विरोध में उतरी पनबस यूनियन, कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने की मांग

डिपो जालंधर-1 के चेयरमैन जसवीर सिंह और जालंधर 2 के महासचिव दलजीत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार ट्रांसपोर्ट विभाग के सभी कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने की मांग बार-बार ठुकरा रही है। सरकार टालमटोल की नीति अपना रही है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 02:26 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 02:26 PM (IST)
जालंधर में पंजाब सरकार के विरोध में उतरी पनबस यूनियन, कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने की मांग
जालंधर में पंजाब सरकार के विरोध में प्रदर्शन करते हुए पनबस यूनियन के सदस्य। जागरण

जालंधर, जेएनएन। महानगर के शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटरस्टेट बस टर्मिनल में पनबस डिपो जालंधर-1 एवं जालंधर-2 की यूनियन ने पंजाब सरकार की मुलाजिम विरोधी नीतियों के विरुद्ध प्रचार किया। डिपो जालंधर-1 के चेयरमैन जसवीर सिंह और जालंधर 2 के महासचिव दलजीत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार ट्रांसपोर्ट विभाग के सभी कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने की मांग बार-बार ठुकरा रही है। सरकार टालमटोल की नीति अपना रही है। पंजाब की जनता को निःशुल्क सफर की सहूलियत देने के झूठे दावे करने वाली सरकार लोगों को बसें नहीं मुहैया करवा सकी है। मुलाजिमों का काम दोगुना होने के साथ-साथ 50 फीसद यात्रियों के साथ आम जनता एवं मुलाजिमों को तंगी का सामना करना पड़ रहा है।

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उन्होंने कहा कि पनबस व पीआरटीसी को कोई बजट नहीं दिया जा रहा। सरकारी परिवहन सेवाओं को बंद करने की साजिश रची जा रही हैं। मुलाजिम नेताओं ने कहा कि जालंधर के दोनों डिपों का मासिक डीजल 30-35 करोड़ रुपये का है जबकि बसों की आमदनी खत्म हो गई है। सरकार ने निःशुल्क सफर की सहूलियत मात्र वोट इकट्ठे करने के लिए दी है। पनबस डिपो जालंधर 1 के संरक्षक गुरजीत सिंह, जालंधर-2 के कोषाध्यक्ष मलकीत सिंह ने कहा कि पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी में नई बसों की संख्या कम से कम 10,000 की जानी चाहिए। मुलाजिमों को बहाल किया जाना चाहिए तथा स्टाफ की कमी पूरी की जानी चाहिए। फ्री सफर सहूलियत देने के लिए स्पेशल बजट घोषित किया जाना चाहिए तथा बराबर काम बराबर वेतन को तुरंत लागू करना चाहिए।

28, 29 एवं 30 जून को तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा

इस मौके पर वरिष्ठ उपप्रधान देवेंद्र सिंह, हरकेवल सिंह, सुखचैन सिंह वर्कशॉप प्रधान, तीरथ पाल सिंह एवं अन्य सदस्यों ने कहा कि 5 एवं 6 जून को सब-कमेटी कैबिनेट मंत्री के गेटों के आगे धरने दिए जाएंगे। 14 जून को गेट रैली कर बस स्टैंड पर सरकार के पुतले फुके जाएंगे। 16 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी, 25 जून को गेट रैलियां करने के बाद 28, 29 एवं 30 जून को तीन दिवसीय हड़ताल कर पटियाला, चंडीगढ़, मलेरकोटला में रोष धरना दिया जाएगा और मार्च निकाले जाएंगे।


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