जालंधर में स्कूल खुले, बच्चों को भेजने की बाध्यता नहीं, आनलाइन क्लास का विकल्प भी खुला
जालंधर में प्राइमरी स्कूल खुलने के बाद छात्रों को कुछ मानक संचालन प्रक्रियाओं (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर- SOP) का पालन भी करना पड़ेगा। मौजूदा समय में 40 फीसद बच्चे स्कूलों में पहुंच रहे हैं। उम्मीद है कि इस फैसले के बाद बच्चों की संख्या बढ़ेगी।
जालंधर, जेएनएन। जिले में वीरवार को सरकार के आदेश पर प्राइमरी स्कूल खोल दिए गए। अभी सरकार ने पांचवीं से बारहवीं तक के स्टूडेंट्स को कक्षाएं अटेंड करने की इजाजत दी है। हालांकि इसके लिए अभिभावकों की सहमित जरूरी है। छात्रों को कुछ मानक संचालन प्रक्रियाओं (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर- SOP) का पालन भी करना पड़ेगा। मौजूदा समय में 40 फीसद बच्चे स्कूलों में पहुंच रहे हैं। उम्मीद है कि इस फैसले के बाद बच्चों की संख्या बढ़ेगी लेकिन बच्चों और अभिभावकों को एसओपी का पालन करना होगा।
इन एसओपीज का करना पड़ेगा पालन
- सभी स्कूल सुबह दस से शाम तीन बजे तक खुलेंगे। 18 अक्टूबर की एसओपी में तीन घंटे के लिए बोला गया था।
- बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। अभिभावकों की लिखित मंजूरी जरूरी होगी।
- आनलाइन कक्षाएं लगाने का आप्शन भी रहेगा।
- स्कूल के सभी स्टाफ सदस्यों को मास्क व सैनिटाइजर का प्रयोग जरूरी होगा।
- माता-पिता यह यकीनी बनाएंगे कि बच्चा मास्क पहनकर ही स्कूल आएं। दूसरों के साथ मास्क की अदला-बदली न करे।
- बच्चे सार्वजनिक स्थानों के संपर्क में आने से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनकर आएं।
- बच्चा अपनी पानी की बोतल साथ लेकर आएगा, टिफिन शेयर नहीं करेगा।
- बच्चा न किसी से कोई समान मांगेगा न ही कुछ देगा।
- कोवा मोबाइल ऐप स्टाफ मेंबर्स के लिए अनिवार्य
- स्कूल में पैर से नल चलाने की व्यवस्था व पैर से इस्तेमाल होने वाले डस्टबिन जरूरी।
- हरेक स्कूल को किसी प्रकार के लक्ष्ण दिखने पर लोकल स्वास्थ टीम के साथ निरंतर संपर्क में रहना होगा।
- होस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए पहले सैनिटाइजेशन करवाई जाए।
- कक्षा में छह फीट की शारीरिक दूरी का पालन करना होगा।
- स्कूल में अगर स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा है तो प्रबंधक अपने स्तर पर दो शिफ्टों में कक्षाएं लगाने या वैकल्पिक दिन की व्यवस्था कर सकते हैं।