जालंधर में मनी एक्सचेंजर की शाप में काम करने वाली लड़की की बहन ने ही करवाई थी लूट, तीन दबोचे
जालंधर पुलिस ने दो महिलाओं सहित चार लोगों को गिरफ्तार करके 18 घंटे में बस स्टैंड के पास मनी एक्सचेंजर की शाप में लूट का पूरा मामला ट्रेस कर लिया है। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल पिस्तौल व लूटी गई रकम भी बरामद कर ली है।
जालंधर, जेएनएन। बस स्टैंड के पास स्थित अरोड़ा मनी चेंजर की दुकान पर लाखों की लूट करने के मामले में कमिश्नरेट पुलिस ने लूट की योजना बनाने वाली तरनतारन के गुरु तेग बहादुर नगर निवासी सर्बजीत कौर, पंडोरी गोला गांव निवासी जसपाल सिंह (22) और गगनदीप सिंह (22) को गिरफ्तार कर लिया है। चौथा आरोपित बलियांवाल निवासी गुरकृपाल सिंह फरार बताया जा रहा है, जिसकी तलाश में छापेमारी की जा रही है। आरोपितों के पास से पुलिस ने .32 बोर की पिस्टल, तीन मोबाइल, ढाई लाख की भारतीय करंसी, साढ़े तीन लाख की विदेशी करंसी, तीन मोबाइल और वारदात में इस्तेमाल होने वाला बाइक बरामद कर लिया है।
कमिश्नरेट पुलिस ने इस केस को मात्र 18 घंटे में ही हल कर लिया। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने केस हल करने वाली टीम को इनाम देने की घोषणा की है। शुक्रवार शाम को अरोड़ा वेस्टर्न यूनियन दोआबा मार्केट के पास बस स्टैंड से अज्ञात व्यक्तियों ने गन प्वाइंट पर लूट की थी। आरोपित 2.59 लाख की भारतीय करंसी, 2 हजार कैनेडियन डालर, 850 यूरो, 779 यूएस डालर, 800 दिरहम, 16 हजार थाई बाठ मुद्रा और तीन फोन लूट ले गए थे।
दुकान के मालिक करार खां मोहल्ला निवासी राकेश कुमार के बयानों पर थाना छह में मामला दर्ज हुआ था। लूट की वारदात के समय सर्बजीत कौर, जोकि दुकान पर काम करने वाली रुपिंदर कौर की रिश्ते में बहन थी, को मिलने के लिए आई हुई थी। लूट के बाद भी सर्बजीत कौर वहीं पर बैठी रही थी, जिसे पुलिस ने राउंडअप कर लिया था। पुलिस की थोड़ी सी सख्ती के बाद सर्बजीत कौर टूट गई और लूट की सारी कहानी बता दी। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने जसपाल सिंह और गगनदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया और उनके पास से लूटी गई रकम बरामद हो गई। गुरकृपाल सिंह की तलाश में पुलिस टीम रवाना कर दी गई है।
पांच साल से राकेश कुमार के पास आ रही थी सर्बजीत कौर, सात दिन में तैयार कर ली योजना
सर्बजीत कौर के पति की मौत हो चुकी है और वो अपने बेटे के साथ रहती है। उसकी बहन रुपिंदर कौर मनी चेंजर राकेश कुमार के पास काम करती थी। करीब पांच साल पहले सर्बजीत ने राकेश से विदेशी करंसी के बदले भारतीय करंसी ली थी। इसके बाद से वो वहां पर आती जाती थी। उसे मालूम था कि राकेश कुमार के पास हर वक्त भारतीय और विदेशी करंसी मौजूद होती है। वहीं राकेश कुमार बुजुर्ग है और उससे विरोध नहीं हो सकता। उसकी बहन रुपिंदर भी विरोध नहीं कर सकती।
करीब एक सप्ताह पहले उसने अपने घर से थोड़ी दूर रहने वाले गगनदीप सिंह से बात की और लूट की बात कही और कहा कि लूट बड़ी आसानी से हो सकती है। गगनदीप ने जसपाल सिंह को साथ मिलाया और जसपाल ने तरनतारन के रहने वाले गुरकृपाल सिंह से इस बारे में बात की। जसपाल ने लूट की योजना तैयार की और सात दिनों में रेकी की। सर्बजीत कौर ने सात दिनों में तीन बार दुकान पर आकर रेकी करवाई जिसके बाद लूट की वारदात को अंजाम दिया गया।
जसपाल सिंह के खिलाफ दर्ज है हत्या का मामला, वही लेकर आया था अवैध पिस्तौल
लूट की योजना बनाने वाले मुख्य आरोपित जसपाल सिंह के खिलाफ 2018 में तरनतारन पुलिस स्टेशन में खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। आपराधिक प्रवृति का जसपाल अवैध पिस्टल लेकर आया था और लूट के बाद पिस्टल लेकर निकल गया था। उसे गिरफ्तार कर पुलिस ने पिस्टल बरामद कर ली और रिमांड पर लेकर पता लगाया जाएगा कि वो पिस्टल कहां से लेकर आया था।
बाइक पहले ही खड़ा कर दिया था पुल पर
सात दिन पहले बनी लूट की योजना के बाद तीन बार रेकी हुई थी और आरोपित जानते थे कि लूट के बाद मौके से भागने में परेशानी आ सकती है क्योंकि बस स्टैंड के पास भीड़ होती है। इसके चलते गगनदीप बाइक पर वहां आया लेकिन बाकी तीनों बस में बैठ कर आए। लूट से पहले बाइक पुल पर ही खड़ा कर दिया गया ताकि भागने में आसानी हो। वारदात के बाद जब सभी भागे तो सीधे पुल पर गए और गगन के पीछे बैठ कर फरार हो गए।
सर्बजीत ने अपना मोबाइल खुद लुटवाया, दैनिक जागरण ने पहले ही जता था कि उस पर शक
सर्बजीत कौर ने लूट के दौरान अपना मोबाइल खुद ही आरोपितों को पकड़ा दिया था। यह भी योजना में शामिल था। रुपिंदर कौर और राकेश का मोबाइल इसलिए छीना था कि वो जल्दी से पुलिस को फोन न कर सकें। वहीं सर्बजीत का मोबाइल इसलिए ले गए थे ताकि एक तो लूट की वारदात में उस पर शक न जाए और दूसरा उसके फोन से बार बार फोन कॉल और मैसेज हो रहे थे, जिनको पुलिस ट्रेस न कर पाए। उसके मोबाइल लूटे जाने पर दैनिक जागरण ने अपने शनिवार के अंक में ही उस शक जता दिया था कि उसका मोबाइल लूटा जाना संदिग्ध है। वहीं यह भी बता दिया था यह वारदात किसी अपने के ही किए जाने की आशंका है और रेकी के बाद वारदात हुई है। जिस पर पुलिस ने भी इस एंगल पर काम करते हुए मामला ट्रेस कर लिया।
यह था मामला
शुक्रवार शाम को बस स्टैंड के पास स्थित अरोड़ा मनी चेंजर की दुकान पर शुक्रवार शाम को नकाबपोश लुटेरों ने गन प्वाइंट पर लाखों लूट लिए थे। जाते-जाते दुकान मालिक राकेश कुमार और उनके पास काम करने वाली लड़की और मिलने के लिए आई रुपिंदर की बहन तरनतारन निवासी सरबजीत कौर के मोबाइल भी साथ ले गए थे। सूचना मिलते ही एडीसीपी अश्वनी कुमार, एसीपी हरेंद्र सिंह, थाना छह के प्रभारी सुरजीत सिंह, सीआईए प्रभारी हरमिंदर सिंह, बस स्टैंड चौकी प्रभारी मेजर सिंह मौके पर पहुंचे। वहां पास ही लगे सीसीटीवी कैमरे में लुटेरे कैद हो गए थे। पुलिस को दिए बयानों में मालिक राकेश कुमार ने बताया था कि वह करार खां मोहल्ला में रहता है और कई सालों से मनी चेंजर का दफ्तर चला रहा है।
शुक्रवार करीब पांच बजे वह अपनी दुकान पर बैठा था। उसके साथ दुकान पर काम करने वाली लड़की रूपिंदर कौर, जो उसके पास करीब चार साल से काम करती है, और रुपिंदर की बहन सर्बजीत कौर, जो तरनतारन से आई थी, भी बैठी थी। इसी बीच मुंह पर मफलर बांधे दो युवक अंदर आए। उनमें से एक के हाथ में गन थी। उन्होंने आते ही मालिक राकेश कुमार को गन प्वाइंट पर लिया और कहा कि सारे पैसे निकाल दे। इसके बाद लुटेरों ने खुद ही गले में पड़ी ढाई लाख की भारतीय करंसी और करीब साढ़े तीन लाख की विदेशी करंसी, जिसमें डालर, थाई बाठ, कैनेडियन डालर थे, उठा ली। इसके बाद दोनों लुटेरे बाहर भागे तो रुपिंदर कौर लुटेरों के पीछे भागी लेकिन लुटेरे फरार हो गए। लूट के बाद भाग रहे लुटेरे पास ही एक डाक्टर के क्लिनिक के बाहर लगे कैमरे में कैद हो गए थे। पुलिस ने सर्बजीत कौर को भी पूछताछ के लिए राउंडअप कर लिया था।