Punjab Police ने पेश की मिसाल, ग्रीन कोरिडोर बना कोरोना मरीज को 40 मिनट में पहुंचाया जालंधर से लुधियाना
एक कोरोना मरीज की हालत गंभीर होने पर पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाते हुए उसे सिर्फ 40 मिनट में जालंधर से लुधियाना पहुंचाया है। मामला शहर के एक निजी अस्पताल से जुड़ा है। यहां बेंगलुरु की एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले अंकुर गुप्ता को भर्ती करवाया गया है।
जालंधर/लुधियाना, जेएनएन। कोरोना काल में पुलिस के कई रूप देखने को मिले। कभी पुलिस जरूरतमंदों को रोटी खिलाती नजर आई तो कभी लोगों के घर राशन पहुंचाती दिखी। शनिवार को ऐसे ही पुलिस का एक और रूप देखने को मिला, जब एक कोरोना मरीज को जालंधर से लुधियाना के अस्पताल में शिफ्ट करने का जिम्मा लिया। पुलिस ने जालंधर के पठानकोट रोड स्थित श्रीमन अस्पताल से से लुधियाना के एसपीएस अस्पताल शेरपुर तक ग्रीन कोरिडोर बनाया और मरीज की एंबुलेंस को एस्कार्ट किया। पुलिस ने 70 किलोमीटर की दूरी 40 मिनट में तय की। लुधियाना पुलिस ने एंबुलेंस को टोल प्लाजा से शेरपुर तक करीब 19 किलोमीटर की दूरी 9 मिनट में तय करवाई।
मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले और आइआइएम बेंगलुरु के पूर्व छात्र अंकुर गुप्ता को बीती पांच मई को कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद पठानकोट रोड के श्रीमन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फेफड़ों में इन्फेक्शन के चलते उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था। इसके बाद डाक्टरों ने अंकुर के लिए एक्स्ट्रा कारपोरियल मैंब्रैन आक्सीजीनेशन (ईसीएमओ) बेड की जरूरत बताई। इस बेड में जो मशीन लगी होती है वह फेफड़ों में बाईपास कर सीधा आक्सीजन की सप्लाई पहुंचाती है। अंकुर के स्वजनों ने जालंधर में इस बेड की काफी तलाश की, लेकिन नहीं मिला। इसके बाद उन्हें लुधियाना के एसपीएस अस्पताल में यह बेड मिल गया। इसके बाद स्वजनों ने बेड को रिजर्व कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।
दोस्तों ने लगाई थी इंटरनेट मीडिया से लेकर सोनू सूद तक से गुहार
अंकुर के स्वजनों का कहना है कि ईसीएमओ बेड के लिए उन्होंने इंटरनेट मीडिया से लेकर सोनू सूद तक से गुहार लगाई। इसके बाद उन्हें जानकारी मिली कि लुधियाना के एसबीएस अस्पताल में ईसीएमओ बेड मौजूद है। इस मदद के लिए अंकुर के स्वजनों ने जालंधर पुलिस का शुक्रिया अदा किया है।
जालंधर पुलिस ने लाडोवाल टोल प्लाजा तक पहुंचाई एंबुलेंस
जालंधर पुलिस ने लाडोवाल टोल प्लाजा तक एंबुलेंस को पहुंचाया और फिर लुधियाना पुलिस को इसकी जानकारी दी। सीपी राकेश अग्रवाल ने टोल प्लाजा से शेरपुर तक एंबुलेंस पहुंचाने की जिम्मेदारी एसीपी ट्रैफिक गुरदेव सिंह को दी। एसीपी गुरदेव सिंह ने पहले टोल प्लाजा से शेरपुर तक जायजा लिया और फिर सर्विस लेन से मेन रोड के सभी एंट्री प्वाइंट बंद करवाए और वहां पर पुलिस मुलाजिम तैनात किए। लाडोवाल थाने के सामने, जालंधर बाईपास ग्रीन लैंड स्कूल के सामने, काली सड़क के पास, कैलाश चौक, सुंदर नगर के सामने, ताजपुर चौक और ओसवाल अस्पताल के सामने से ट्रैफिक की एंट्री बंद करवाई। एंबुलेंस के लाडोवाल टोल प्लाजा पर पहुंचने से पहले ट्रैफिक पुलिस की एक टीम को हाईवे पर दौड़ाया। एसीपी ट्रैफिक गुरदेव सिंह ने बताया कि सुबह 11:10 बजे जालंधर पुलिस की एस्कार्ट एंबुलेंस लेकर टोल प्लाजा पर पहुंची। वहां से उन्होंने सबसे आगे ट्रैफिक के जोन इंचार्ज की गाड़ी को लगाया। उसके बाद खुद की गाड़ी लगाई। फिर लुधियाना पुलिस की पायलट और जालंधर पुलिस की पायलट थी। इस तरह सिर्फ अस्पताल तक की 19 किलोमीटर की दूरी सिर्फ नौ मिनट में तय की।
क्या है ईसीएमओ
एक्स्ट्रा कारपोरियल मैंब्रैन आक्सीजीनेशन ईसीएमओ ऐसी तकनीक है, जिसमें फेफड़ों को बाईपास करके मरीज के शरीर में आक्सीजन पहुंचाई जाती है। इससे फेफड़ों पर दबाव नहीं पड़ता है और आराम मिल जाता है। इससे फेफड़ों का इलाज आसान हो जाता है।
मरीज की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने लिया फैसला : थाना प्रभारी
थाना डिवीजन नंबर आठ के प्रभारी रविंद्र कुमार का कहना है कि स्वजनों ने उन्हें सूचना दी थी कि उनके मरीज की हालत गंभीर है और उसे जल्द से जल्द लुधियाना पहुंचाया जाना जरूरी है। इसके बाद पुलिस ने यह फैसला लिया। उन्होंने बताया कि फेफड़े में इंफेक्शन फैलने के बाद अंकुर को शुक्रवार को रेफर किया जाना था। इसका पता चलते ही पुलिस अस्पताल पहुंच गई, लेकिन मरीज की हालत ठीक न होने के चलते डाक्टरों ने उसे रेफर करने से इन्कार कर दिया। शनिवार सुबह अंकुर के फेफड़ों में पोर्टेबल मशीन लगाने के बाद डाक्टरों ने उसे रेफर करने की इजाजत दी। इसके बाद उनकी जिप्सी एंबुलेंस के आगे लगाई गई। पीएपी चौक तक थाना प्रभारी ने एस्कार्ट किया और फिर एंबुलेंस जालंधर से लुधियाना की तरफ बढ़ी तो लाडोवाल टोल प्लाजा पर लुधियाना पुलिस ने एंबुलेंस को एस्कार्ट करना शुरू कर दिया।
यह भी पढ़ें - Adani Logistics ने हाई कोर्ट में दायर की याचिका, लुधियाना में डिपो के बाहर बैठे किसानों को हटाने की मांग