यूपी के बरेली से हथियार मंगवा नशा तस्करों को करते थे सप्लाई, पिस्तौल समेत दो गिरफ्तार
जालंधर के गुरु अमरदास नगर फेज टू दो मरले के रहने वाले मनदीप ने अवैध हथियार मंगवाकर होशियारपुर के दो नशा तस्करों को बेचे थे।
जालंधर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के बरेली से हथियार मंगवाने वाला आरोपित नशा तस्करों को भी अवैध हथियार मुहैया करवाता था। उसे नशा बेचने वालों ने पुलिस व दूसरे गिरोह से बचने के लिए रखा था। इसका पता सीआईए स्टाफ की जांच में चला। पुलिस ने अवैध पिस्तौल खरीदने वाले दोनों नशा तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ पहले से ही कई थानों में नशा तस्करी के केस दर्ज हैं। अब उनसे एक पिस्तौल बरामद कर आर्म्स एक्ट का केस दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस के मुताबिक कुछ दिन पहले थाना डिवीजन एक में दर्ज मामले में गुरु अमरदास नगर फेज टू दो मरले के रहने वाले मोहन कुमार उर्फ मनदीप को पकड़ा गया था। उससे पुलिस ने 9 एमएम की पिस्तौल बरामद की थी। पूछताछ में उसने बताया कि इससे पहले भी वह अवैध पिस्तौल मंगवाकर बीडीओ दफ्तर में काम करने वाले अमृतसर जिले के रमदास बाहरले कोठे गांव के सुखबीर सिंह सुख को बेच चुका है। इसे बिकवाने का काम उसके दोस्त परमिंदर सिंह बिट्टू ने किया था। पुलिस ने इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद भी मनदीप से पूछताछ जारी रही।
अब पता चला है कि उसने .315 बोर का एक देसी पिस्तौल व दो कारतूस होशियारपुर के थाना मेहटियाना के गांव खनौड़ा के रहने वाले युसूफ मसीह उर्फ बिल्ला और होशियारपुर के ही गांव नडालो के रहने वाले गुरदीप सिंह को बेचे थे। पुलिस ने दोनों आरोपितों को घर से पकड़ लिया है।
पूछताछ में यूसुफ बिल्ला ने बताया कि वह जीएनए फैक्ट्री मेहटियाना में काम कर रहा था। दूसरा आरोपित गुरदीप सिंह उसका दोस्त है। इस दौरान वह बुरी संगत में पड़ गया और नशा करने के बाद उसे बेचने भी लगा। उसके खिलाफ होशियारपुर, कपूरथला व जालंधर में नशा तस्करी व धोखाधड़ी के पांच केस दर्ज हैं। वह जेल में था और 28 मई को ही जमानत पर बाहर लौटा था। वहीं, गुरदीप सिंह ने भी यही कहा कि वह बुरी संगत में पड़ गया था और जीएनए फैक्ट्री में काम करता था। उसे साल 2010 में एनडीपीएस एक्ट में दस साल कैद की सजा हो चुकी है। दिसंबर, 2019 में वह होशियारपुर जेल से बाहर आया था। उसके खिलाफ होशियारपुर व जालंधर में नशा तस्करी के चार केस दर्ज हैं।
पुलिस को संदेह है कि ऐसे और भी नशा तस्कर व कुख्यात अपराधियों के साथ गैंगस्टरों को भी हथियार मुहैया कराने के मामले सामने आ सकते हैं। इसलिए इन सभी आरोपितों से गहनता से पूछताछ की जा रही है।