डीड राइटर के बेटे को डीएसपी बनाने का झांसा दे करोड़ों ठगने वाली टीम का पांचवां सदस्य गिरफ्तार
नीला महल निवासी राजिंदर पाल कपूर ने पुलिस कमिश्नर को दी शिकायत में कहा था कि पुनीत व अन्य ने उसके बेटे को सीधा डीएसपी लगाने का झांसा देकर कुल साढ़े तीन करोड़ रुपये ठगे हैं। धोखाधड़ी में कुल तीन लोग शामिल थे।
जालंधर [सुक्रांत]। तहसील कांप्लेक्स में डीड राइटर का काम करने वाले कृष्णा कॉलोनी, नीला महल निवासी राजिंदर पाल कपूर के बेटे को सीधा डीएसपी भर्ती करवाने का झांसा दे साढ़े तीन करोड़ रुपये ठगने के मामले में
पुलिस ने पांचवा आरोपित गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित ग्रीन सिटी, मोहाली निवासी विपन है।
एंटी फ्राड इंचार्ज सुरिंदर सिंह ने कुछ दिन पहले ही मुख्य आरोपित पुनीत को गिरफ्तार किया था। अब विपन को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। सुरिंदर सिंह ने बताया कि विपन के अकाउंट में पुनीत ने लाखों रुपये डलवाए थे। इस मामले में पुलिस ने विपन को नामजद किया था। विपन को पुलिस ने अदालत में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया है। जांच में सामने आया था कि पुनीत मैचों पर सट्टा लगाने का आदी थी। मोहाली में बैठे विपन से वह सट्टा लगवाता था। मैचों में पैसा हार गया तो उसने डीड राइटर से उसे पैसे दिलवाने की स्कीम बनाई। उसने विपन को एक बड़े अधिकारी की तरह पेश किया और डीड राइटर को कहा कि वो उनके बेटे विशू को डीएसपी बनाने में मदद करेगा। इसके बाद उसके अकाउंट में पैसा डलवा कर अपना कर्जा चुका लिया।
इसके बाद, पुलिस उसके पीछे काफी समय से पड़ी हुई थी। बीते दिनों पुलिस को सूचना मिली थी कि विपन को मोहाली पुलिस ने हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है। विपन दड़ा-सट्टा का काम करता था, इसके साथ ही हेरोइन बेचने का काम भी करने लगा। ऐसे में उसके खिलाफ मामला दर्ज कर संगरूर जेल में भेज दिया गया था। वहां से जालंधर पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लाई और जालंधर अदालत में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया है।
यह था मामला
गत वर्ष कृष्णा कॉलोनी, नीला महल निवासी राजिंदर पाल कपूर ने पुलिस कमिश्नर को दी शिकायत में कहा था कि कुछ लोगों ने उसके बेटे को सीधा डीएसपी बनाने का झांसा देकर साढ़े तीन करोड़ रुपये ठगे हैं। पुलिस ने बयानों के आधार पर चंदन और पुनीत के साथ-साथ तरुण छाबड़ा, सपना, जतिन, गौतम, विपन, अजीत, जगदीश और जस के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बठिंडा निवासी जगसीर सिंह और भार्गव कैंप निवासी शमशेर सिंह को जांच में शामिल किया गया था।
राजिंदर ने बताया था कि चंदन और पुनीत उसके बेटे विंशू के साथ पढ़ते थे। 2015 को उन्होंने विंशू को बातों में लेकर सीधा डीएसपी भर्ती करवाने की बात कही। उन्होंने 2015 में उनके बेटे से 50 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद उसे दिल्ली में ले जाया गया जहां पर उसे सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाकर साबित किया कि उनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है। इसके बाद लगातार पैसों की मांग करते रहे और कई बार फर्जी दस्तावेज भी दिखाए। उन्होंने कुल साढ़े तीन करोड़ रुपये ले लिए जिसमें 10 लोग और शामिल थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में एक सपना नाम की लड़की भी शामिल थी जिसे सरकारी कर्मी बता कर उसके जरिए सारा काम करवाने की बात कही जाती थी। चार साल बाद भी उनके बेटे को डीएसपी नहीं बनाया गया और न पैसे वापस किए गए।