जालंधर के इस सरकारी दफ्तर पर चार साल से लगा है ताला, चाबी के लिए नेताओं में मची होड़
जालंधर प्लानिंग बोर्ड के दफ्तर पर चार साल से ताला लटक रहा है और सरकार यह तय नहीं कर पा रही है कि इस ताले की कुंजी किसको दी जाए। इस समय प्लानिंग बोर्ड चेरयमैन पद के चार दावेदार हैं।
जालंधर, जेएनएन। जिला प्लानिंग बोर्ड जालंधर को चार साल से चेयरमैन का इंतजार है। प्लानिंग बोर्ड के दफ्तर पर चार साल से ताला लटक रहा है और सरकार यह तय नहीं कर पा रही है कि इस ताले की कुंजी किसको दी जाए। ताले की चाबी हासिल करने के लिए कई नेता जोड़-तोड़ में जुटे हैं, लेकिन हाईकमान इस पर सहमति नहीं बना पा रहा है।
जिला प्लानिंग बोर्ड का काम है कि वह पूरे जिले में विकास कार्यों को लेकर नए प्लान तैयार करें। पिछली बार शिरोमणि अकाली दल और भाजपा की सरकार के समय उनको चरण सिंह चन्नी पद पर विराजमान रहे हैं। कांग्रेस की सरकार आने के बाद सही है कुर्सी खाली है। कांग्रेस सरकार ने सभी जिलों में चेयरमैन नियुक्त करती हैं लेकिन जालंधर के प्लानिंग बोर्ड के पद पर अभी तक काम लटका है।
चेयरमैन पद के लिए चार दावेदार
प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन पद के लिए चार नाम चर्चा में हैं। अकाली दल से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री सरवन सिंह फिल्लौर, महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं पार्षद डॉ जसलीन सेठी, सांसद चौधरी संतोख सिंह के बेटे चौधरी विक्रमजीत सिंह और डॉक्टर नवजोत दहिया प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन पद के प्रमुख दावेदार हैं। चेयरमैन की नियुक्ति की फाइल मुख्यमंत्री ऑफिस में फंसी है। पूर्व मंत्री सरवन सिंह फिल्लौर इस पद को लेने के इच्छुक नहीं है। बाकी 3 दावेदार जोड़-तोड़ में लगे हैं और लड़ाई इतनी बढ़ चुकी है कि सीएम ऑफिस भी फैसला नहीं ले पा रहा।
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