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Jalandhar Petrol Diesel Price: पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों ने तोड़ी कारोबारियों की कमर

पेट्रोल व डीजल के दाम में लगातार इजाफा हो रहा है। उससे केवल जनता ही नहीं बल्कि व्यापारी वर्ग भी खासा परेशान है। शहर के व्यापारी पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग भी करते हैं।

By Rohit KumarEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 09:04 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 09:04 AM (IST)
Jalandhar Petrol Diesel Price: पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों ने तोड़ी कारोबारियों की कमर
पेट्रोल व डीजल के दाम में लगातार इजाफा हो रहा है। (फाइल फोटो)

जालंधर, जेएनएन। पेट्रोल व डीजल के दाम में लगातार इजाफा हो रहा है। उससे केवल जनता ही नहीं बल्कि व्यापारी वर्ग भी खासा परेशान है। उनका मानना है कि पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में बढ़ोतरी का असर सीधे रूप से कारोबार पर पड़ा है। शहर के व्यापारी पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग भी करते हैं। उनका मानना है कि इससे रोजाना बढ़ रहे रेट पर लगाम लगेगी और दाम कम होंगे। इसी विषय पर 'दैनिक जागरण' ने शेखां बाजार के व्यापारियों से विस्तार से चर्चा की। पेश है उसके अंश:

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पेट्रोलियम पदार्थों के दामों पर सरकार नियंत्रण खो चुकी है। आए दिन दामों में हो रही थी बढ़ोतरी का असर सीधे रूप से कारोबार पर पड़ा। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।

- हरबख्शीश सिंह।

आयल कंपनियों की मनमर्जी जारी है। सरकार भी लोगों का नहीं सोच रही। कच्चे तेल का दाम कम हेा रहा है और भारत में रेट बढ़ता जा रहा है। पता नहीं कब महंगाई की मार कम होगा।

- संजय कुमार

तमाम तरह के सामान को जीएसटी के दायरे में लाया गया लेकिन पेट्रोलियम पदार्थों को नहीं। सरकार भी कंपनियों को फायदा पहुंचाना चाहती है। कुछ महीनों में दाम सौ पार कर जाएंगे।

- सुभाष सुखेजा।

दामों में इजाफे का असर खाद्य पदार्थों पर भी पड़ा है। दालों से लेकर घी-तेल तथा तमाम तरह के सामान के दाम बढ़ा दिए गए। लोगों का घर का बजट भी गड़बड़ा गया है।

- जोगिदंर क्वात्रा।

परिवहन सेवाओं में चंद दिनों में ही इजाफा हो गया। उसके लिए सीधे रूप से पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़े दाम प्रमुख कारण है। कोरोना के कारण पहले से मंदी का माहौल है।

- परमवीर सिंह।

किसी भी देश या फिर राज्य की आर्थिक स्थिति पेट्रोलियम पदार्थों के दामों पर निर्भर करती है। इन दिनों  दामों में लगातार हो रहे इजाफे से जनता पर बोझ बढ़ रहा है। सरकारें गंभीर नहीं है।

- जतिदंरपाल सिंह।

कभी एक तो कभी दो रुपये के साथ इस समय पेट्रोल के दाम 90 रुपये प्रति लीटर का आंकड़ा पार कर चुके हैं। दामों में इजाफे का दौर निरंतर जारी है। सरकार ने भी चुप्पी साध रखी है।

- अवतार चंद सेठी।

लोगों से लेकर विपक्ष सब विरोध कर रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ से कोई बयान भी जारी नहीं होता। टैक्स कम करके जनता को राहत दी जा सकती है। पता नहीं कब रेट कम होंगे।

- राजिंदर कुमार।

पेट्रोलियम पदार्थों के दाम किसी समय अंतरराष्ट्रीय मार्केट के मुताबिक निर्धारित किए जाते थे लेकिन पंजाब तथा हिमाचल व चंडीगढ़ के दाम ही आपस में नहीं मिलते हैं। पारदर्शिता कहां है।

- स्वर्ण सिंह।

पेट्रोलियम पदार्थ वास्तव में जरूरी वस्तुओं की श्रेणी में आते हैं। उस पर सरकार का नियंत्रण होना बहुत जरूरी है। बावजूद इसके सरकार द्वारा इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।

- त्रिलोचन सिंह।


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