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जानलेवा हो सकता है धुंध में हाईवे पर प्रीमिक्स डालना, जालंधर में क्वालिटी पर लगा सवालिया निशान

जालंधर-पानीपत हाईवे पर आधी रात के बाद डाली जा रही रही है प्रीमिक्स से सड़क निर्माण की क्वालिटी पर सवालिया निशान लग गया है। निजी कंपनी के अधिकारी तमाम खतरों को नजरअंदाज करके वाहनों के कम हो जाने का तर्क देकर रात में निर्माण कार्य करवा रहे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 11:41 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 11:41 AM (IST)
जानलेवा हो सकता है धुंध में हाईवे पर प्रीमिक्स डालना, जालंधर में क्वालिटी पर लगा सवालिया निशान
कम तापमान के बावजूद जालंधर-पानीपत हाईवे पर निजी कंपनी ने प्रीमिक्स डालने का काम शुरू कर दिया है।

जालंधर [मनुपाल शर्मा]। कड़ाके की सर्दी, धुंध और आधी रात के बाद हाईवे के ऊपर प्रीमिक्स बिछाना जानलेवा साबित हो सकता है। धुंध की वजह से पहले ही हाईवे के ऊपर दृश्यता बेहद कम हो चुकी है और इतनी कम दृश्यता में हाईवे पर प्रीमिक्स डालने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है। वाहन चालकों को धुंध में दूर से कुछ भी दिखाई नहीं देता है, जबकि प्रीमिक्स बिछाने की प्रक्रिया के दौरान हाईवे के बीचो बीच भारी भरकम मशीन रीमिक्स बिछाती है। इसके बाद रोड रोलर उसके ऊपर चलाए जाते हैं। दूरी से हाईवे के ऊपर चल रहे इस काम का अंदाजा वाहन चालकों को नहीं हो पा रहा है और ऐसे हालातों में वाहनों के टकरा जाने की प्रबल संभावना बनी रहती है।

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हालांकि हाईवे के ऊपर कार्य कर रही निजी कंपनी सीगल इंडिया की तरफ से यह तर्क दिया जा रहा है कि दिन के समय हाईवे के ऊपर वाहनों का भारी रहता है। इस वजह से उस समय के दौरान प्रीमिक्स बिछाने का कार्य किया जा रहा है, जिस समय वाहनों का आवागमन बेहद कम हो जाता है। 10 डिग्री से भी कम तापमान में प्रीमिक्स बिछाना क्वालिटी के ऊपर भी सवालिया निशान लगा रहा है, लेकिन कंपनी के अधिकारी तमाम खतरों को नजरअंदाज करते हुए मात्र वाहनों के कम हो जाने का तर्क देकर रात में निर्माण कार्य करवा रहे हैं।

पिछले दिनों हो चुके हैं कई हादसे

जालंधर में पिछले दिनों इस हाईवे की सड़क को रिकारपेटिंग के लिए उखाड़ दिया गया था। इसके बाद इस सेक्शन में कई हादसे होने के कारण इसके जल्द निर्माण की मांग की गई थी। पिछले दिनों निजी कंपनी ने कारपेटिंग के लिए उचित तापमान ना होने के बात कही थी। कहा था कि सड़क बिछाने के लिए तापमान दस डिग्री से कम नहीं होना चाहिए। अब अचानक यू टर्न लेते हुए कंपनी ने आठ डिग्री से भी कम तापमान में रात में प्रीमिक्स डालनी शुरू कर दी है।


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