जालंधर में फिर पटरी से उतरने लगा होटल व रेस्तरां कारोबार, जानिए क्यों कम संख्या में पहुंच रहे लोग
जालंधर में कोरोना वायरस की मार झेल रहे होटल व रेस्तरां कारोबारियों के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहे। कर्फ्यू से पहले होटल व रेस्तरां की प्रतिदिन की सेल पचास हजार से एक लाख तक पहुंच गई थी। अब इसमें फिर गिरावट आ जाएगी।
जालंधर, जेएनएन। होटल व रेस्तरां इंडस्ट्री का कारोबार अभी पटरी पर आना शुरु हुआ था कि रात को दोबारा क्फर्यू लगने से कारोबार पर असर पड़ना तय है। शहर में क्फर्यू लगने से पहले होटल व रेस्तरां में दस से तीस लोग आते थे। अब इनकी गिनती पांच से सात रह जाएगी।
इंडस्ट्री का तीस प्रतिशत तक कारोबार पहुंच गया था। अब कारोबार पन्द्रह प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। लोग रात को खाने के लिए रात को आठ बजे होटल व रेस्तरां का रुख करते थे। अब होटल व रेस्तरां को रात साढे़ नौ बजे बंद करने का आदेश दिया है। जिससे लोग आने कम होंगे। होटल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि कर्फ्यू से पहले होटल व रेस्तरां की प्रतिदिन की सेल पचास हजार से एक लाख तक पहुंच गई थी। अब सेल दस से तीस हजार के बीच रह जाएगी। पहले ही होटल में रूम सर्विस नहीं लग रही है।
शहर में 140 होटल-रेस्तरां है। 200 करोड़ का प्रतिवर्ष कारोबार करती है। आठ हजार से अधिक कर्मी काम करते है। पहले ही तीस प्रतिशत कर्मी कोरोना के कारण कम है। आईपीएल मैचों के दौरान भी होटल इंडस्ट्री का कारोबार दस प्रतिशत था। जबकि इन दिनों में होटल व रेस्तरां का कारोबार तीस से चालीस प्रतिशत बढ़ जाता था।
होटल व रेस्तरां एसोसिएशन आफ जालंधर के चेयरमैन परमजीत सिंह ने कहा कि इंडस्ट्री का कारोबार अभी पटरी पर आना शुरु ही हुआ था। रात के कर्फ्यू लगने से कारोबार पर दस से पन्द्रह फीसद की गिरावट आनी तय है। जिला प्रशासन की ओर से रात साढे नौ बजे बंद करने के आदेश है। अभी सकार ने पन्द्रह दिन का कर्फ्यू लगाया है। कर्फ्यू की तारीख बढ़ती है तो होटल व रेस्तरां का कारोबार करना मुश्किल हो जाएगा।
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