Jalandhar MC House Meeting : एलईडी प्रोजेक्ट में गड़बड़ी पर जोरदार हंगामा, पार्षदों ने मेयर जगदीश राजा को घेरा
सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों का यह आरोप है कि इस प्रोजेक्ट में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है। इसी वजह से मेयर जगदीश राजा ने यह विशेष मीटिंग बुलाई है। बैठक के दौरान इसे लेकर हंगामा हो गया।
जागरण संवाददाता जालंधर। रेड क्रास भवन में जारी नगर निगम सदन की मीटिंग में एलईडी प्रोजेक्ट को लेकर जोरदार हंगामा हो रहा है। पार्षदों ने प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए मेयर जगदीश राजा की जबरदस्त घेराबंदी कर दी है। एलईडी घोटाले की जांच को लेकर पार्षद आपस मे उलझे हुए हैं लेकिन अभी तक जांच को लेकर एकमत नहीं हो सके।अब बुधवार को होने वाली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। उधर, बैठक में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों के न पहुंचने पर भी पार्षदों ने नाराजगी जाहिर की गई।
एलईडी प्रोजेक्ट को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों का यह आरोप है कि इसमें बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है। इसी वजह से मेयर जगदीश राजा ने यह विशेष मीटिंग भी बुलाई थी। इससे पहले इस प्रोजेक्ट पर चर्चा को लेकर रखी गई बैठक पिछले महीने होनी थी लेकिन तब भी इसे स्थगित कर दिया गया था।
निगम पार्षदों को आरोप है कि एलईडी लाइट्स लगाने वाली कंपनी ने अभी तक कंट्रोल रूम तक स्थापित नहीं किया है, जबकि प्रोजेक्ट की शुरुआत में दावा किया गया था कि इससे निगम का बिजली बिल 60 प्रतिशत तक कम हो जाएगा। कंट्रोल रूम से पूरे शहर के मार्गों की बिजली व्यवस्था को संचालित किया जा सकेगा। इसके अलावा, डार्क पॉइंट्स पर एलईडी लाइट्स नहीं लगाई गई हैं। सभी यह मांग कर रहे हैं कि इस प्रोजेक्ट की जांच करवाई जाए।
44 करोड़ के प्रोजेक्ट की लागत बढ़कर 62 करोड़ हुई
बता दें कि एलईडी प्रोजेक्ट जब शुरू हुआ था तो इसकी की लागत करीब 44 करोड़ रुपये थी। अब यह बढ़कर 62 करोड़ रुपये हो गई है। यह भी आरोप लग रहे हैं कि पुरानी सोडियम लाइट को बेचने में भी गड़बड़ी हुई है और अभी यह भी पता नहीं लग रहा है कि उन्हें बेचा गया है या फिर ठेकेदार को दे दिया गया है।
रेड क्रास भवन के बाहर धरना देते हुए नगर निगम में अनुबंध पर तैनात कर्मचारी।
बैठक स्थल के बाहर निगम कर्मियों का धरना
एक तरफ रेड क्रास भवन में निगम सदन की बैठक में एलईडी प्रोजेक्ट को लेकर हंगामा चल रहा है तो दूसरी तरफ हाल के बाहर नगर निगम में अनुबंध पर तैनात कर्मचारियों ने पक्का करने की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया है। एक दिन पहले भी अनुबंधित कर्मचारियों ने ज्वाइंट कमिश्नर से स्थायी किए जाने की मांग की थी। उनका कहना था कि जब पांच कर्मचारियों को स्थायी किया जा सकता है तो उन्हें क्यों नहीं।