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रास्ते में आने वाले पत्थरों को तराश कर बनाया सीढ़ी, लवली स्वीट्स का यहीं रहा फलसफा

Make Small Strong Jalandhar जालंधर की लवली स्वीट्स ने वरायटी क्वालिटी पैकिंग व बेहतर सर्विस के साथ ग्राहकों का विश्वास हासिल किया जो तीसरी पीढ़ी द्वारा कारोबार संभालने के बाद भी बरकरार है। संचालक नरेश मित्तल कहते हैं कि कारोबार में ग्राहक का विश्वास हासिल करना सबसे अहम होता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 12:30 AM (IST)
रास्ते में आने वाले पत्थरों को तराश कर बनाया सीढ़ी, लवली स्वीट्स का यहीं रहा फलसफा
जालंधर स्थित लवली स्वीट्स पर मुआयना करते हुए नरेश मित्तल।

जालंधर, जेएनएन। जब भी पत्थर बाधा बनते है तो उनसे घबराने की बजाए उन्हें तराश कर सीढ़ी बना लेना चाहिए। निश्चित रूप से यह सफलता में सहायक होते हैं। देश-विदेश में मशहूर जालंधर की लवली स्वीट्स का यहीं फलसफा रहा है। समय के साथ खुद को बदलना, हर मुश्किल को अपने तरीके से हल करना और ग्राहक की संतुष्टि को प्राथमिकता बना चुके लवली स्वीट्स ने समय व बाजार की मांग के मुताबिक आधुनिकता का जामा पहना। लवली स्वीट्स के नरेश मित्तल बताते है कि ग्राहकों के साथ केवल खरीदारी का नहीं बल्कि उनकी जरूरत के मुताबिक सामान उपलब्ध करवाने का रिश्ता है। इसीलिए उनके यहां हर वर्ग के ग्राहकों की जरूरतों के मुताबिक मिठाइयां तैयार की जाती हैं।

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लवली स्वीट्स ने वरायटी, क्वालिटी, पैकिंग व बेहतर सर्विस के साथ ग्राहकों का विश्वास हासिल किया जो तीसरी पीढ़ी द्वारा कारोबार संभालने के बाद भी बरकरार है। पारिवारिक संस्कार ही है कि तीसरी पीढ़ी ने विरासत को न केवल संभावा बल्कि आधुनिक तकनीक का सहारा लेते हुए इसे आगे भी बढ़ाया।

कैंटीन से लेकर स्वीट शाप और अब इतना बड़ा एंपायर खड़ा करने में पिता स्व. बलदेव राज मित्तल की बड़ी भूमिका रही। उनकी प्रेरणा ने ही परिवार को सफलता का मूल मंत्र प्रदान किया था। उन्होंने बताया कि विभाजन से पहले सुजातनगर (जयपुर) से जालंधर में कारोबार के लिए आए स्व. बलदेव राज मित्तल ने कैंटीन से काम की शुरुआत की थी। इसके बाद रमेश मित्तल ने उनके साथ काम संभाला तो मिठाई की दुकान खोलने का फैसला लिया। पहले कैंट व फिर शहर के नकोदर रोड पर दुकान शुरू की गई। ईश्वर की कृपा और पिता की उनकी प्रेरणा से कारोबार का दायरा बड़ा।

नरेश मित्तल बताते है कि ग्राहक के मन की पसंद व खर्च करने की क्षमता जान लेना वाला ही सही व्यापारी है। इसीलिए उनकी शाप में निम्न व मध्यम के साथ-साथ उच्च वर्ग के लिए भी वैरायटी इजाद की गई। सोसायटी में निम्न व मध्यम वर्ग ज्यादा होने के चलते उनकी जेब की क्षमता वाली वैरायटी अधिक रखी गईं। उच्च वर्ग के लिए वरायटी तो काफी तैयार की लेकिन उनकी संख्या सीमित रखी।

ग्राहक का विश्वास हासिल करना कारोबार का मूलमंत्र

नरेश मित्तल कहते हैं कि ग्राहक का विश्वास हासिल करना भी कारोबार का मूल मंत्र है। इसे लवली स्वीट्स ने पहले दिन से ही अपनाया है। लॉकडाउन के दौरान कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा था लेकिन ग्राहकों के साथ संवाद व तालमेल का दौर निरंतर जारी रहा। इसके लिए फेसबुक पेज, गूगल, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, व्हाटसअप ग्रुप, ट्विटर सहित तमाम तरह के सोशल माध्यमों से ग्राहकों के साथ संपर्क बनाए रखा गया। इसके लिए बाकायदा अलग से टीम तैयार की गईं।

अनलॉक प्रक्रिया शुरू होते ही होम डिलीवरी शुरू की

अनलॉक प्रक्रिया शुरू होते ही लवली स्वीट्स ने होम डिलीवरी भी शुरू कर दी। इसके अलावा जोमैटो, स्वीगी सहित फूड सप्लायर चैन के साथ भी तालमेल करके लोगों तक उनकी मांग व जरूरत के मुताबिक सामान पहुंचाया गया। परिवर्तन संसार का नियम है। इसके साथ ही कारोबार में परिवर्तन लाना समय की जरूरत है। इसी मंत्र के तहत युवा पीढ़ी में मिठाई खाने के कम हो रहे क्रेज से निपटने के लिए उनके स्वाद के मुताबिक उत्पाद इजाद किए। इस समय मिठाइयों की खरीददारी में युवाओं की संख्या कम नहीं है।

क्वालिटी के साथ कारोबार आगे बढ़ाया

नरेश मित्तल बताते हैं कि कच्चे माल के दामों में समय-समय पर इजाफा होता रहा लेकिन उन्होंने क्वालिटी के साथ सभी समझौता नहीं किया। स्वाद और क्वालिटी के साथ उन्होंने कारोबार को आगे बढ़ाया है। इसी कारण सोनॉलिका, हीरो ग्रुप, जगजीत मिल्स, खन्ना पेपर मिल सहित कई बड़े कॉरपोरेट घराने उनके नियमित ग्राहक हैं। एक बार मुंह का स्वाद बन चुकी लवली स्वीट्स की मिठाई के मुरीद विदेश में भी है। शहर से विदेश में पलायन कर चुके कई ग्राहक जब भी देश आते हैं तो उनके यहां स्वाद लेने जरूर पहुंचते है। नरेश मित्तल कहते हैं कि ग्राहकों के विश्वास से मिली इस सफलता पर उन्हें अहंकार नहीं बल्कि गर्व है।


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