Move to Jagran APP

कांग्रेस ने मोहिंदर केपी को फिर लटकाया, आदमपुर से पार्टी प्रत्याशी सुखविंदर कोटली भी नहीं कर पा रहे प्रचार

कांग्रेस ने एक और लिस्ट जारी कर दी है लेकिन मोहिंदर केपी पर फैसला फिर लटक गया। सीएम चन्नी की सिफारिश भी नहीं चली। नतीजतन केपी को न तो वेस्ट से टिकट मिला और न ही आदमपुर से।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 03:53 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 03:53 PM (IST)
कांग्रेस ने मोहिंदर केपी को फिर लटकाया, आदमपुर से पार्टी प्रत्याशी सुखविंदर कोटली भी नहीं कर पा रहे प्रचार
पूर्व सांसद और कैबिनेट मंत्री मोहिंदर केपी को लेकर कांग्रेस अभी तक फैसला नहीं ले सकी है। पुरानी फोटो

मनोज त्रिपाठी, जालंधर। मंगलवार की देर रात कांग्रेस की ओर से जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में आदमपुर को लेकर फिर कोई फैसला नहीं हो सका। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उनकी टीम आदमपुर पर रिव्यू करने की घोषणा कर चुकी है। इसके चलते आदमपुर से चुनावी मैदान में उतारे जा चुके सुखविंदर कोटली चुनाव प्रचार भी नहीं कर पा रहे हैं। सुखविंदर बसपा के कद्दावर नेताओं में शामिल रहे हैं। पिछला चुनाव भी उन्होंने लड़ा था लेकिन हार गए थे। इस बार सीएम चन्नी ने जालंधर में खेल व शिक्षा मंत्री परगट सिंह के हल्के में आयोजित रैली में कोटली को कांग्रेस की सदस्यता ज्वाइन करवाकर उम्मीदवार बनाने का आश्वासन दिया था। 

loksabha election banner

दलित बाहुल्य दोआबा में मतदाताओं के समीकरण को देखते हुए चन्नी ने कोटली को कांग्रेस ज्वाइन कराई थी। आदमपुर की सीट से पिछला चुनाव पूर्व मंत्री व पंजाब कांग्रेस के प्रधान रह चुके मोहिंदर सिंह केपी लड़े थे। केपी जोर लगा रहे थे कि उनकी पारंपरिक सीट वेस्ट हलके से उन्हें चुनावी मैदान में उतारा जाए। इस हलके से मौजूदा विधायक सुशील रिंकू के टिकट कटने के आसार भी चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद बन गए थे लेकिन कांग्रेस के घमासान और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा भाजपा के गठबंधन को देखते हुए कांग्रेस ने तमाम सीटों पर मौजूदा विधायकों को दोबारा मैदान में उतारा है। 

इसलिए, केपी का गणित वेस्ट हलके को लेकर गड़बड़ा गया। चन्नी की सिफारिश भी नहीं चली। नतीजतन केपी को न तो वेस्ट से टिकट मिला और न ही आदमपुर से। इसके बाद केपी ने कैंट से आजाद चुनाव लड़ने के साथ भाजपा की ओर से वेस्ट हलके से टिकट की दावेदारी की लेकिन वैसे भाजपा ने मोहिंदर भगत को चुनाव में उतार दिया। नतीजतन केपी को भाजपा से भी निराशा हाथ लगी।

मोहिंदर सिंह केपी को मनाने के लिए चन्नी ने खुद यह कहा था कि आदमपुर व फगवाड़ा की सीटों पर पार्टी दुबारा रिव्यू करेगी। उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस की अगली लिस्ट में केपी को लेकर कोई ना कोई फैसला जरूर हो जाएगा लेकिन मंगलवार देर रात जारी लिस्ट में आदमपुर की सीट पर कोई फैसला नहीं लिया गया। केपी फिर हवा में लटक गए। कांग्रेस की इस लेटलतीफी के चलते न तो केपी कोई फैसला ले पा रहे हैं। न ही सुखविंदर कोटली अपना चुनाव प्रचार तरीके से शुरू कर पा रहे हैं नतीजतन इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है।

कैप्टन की नजरें अभी भी केपी पर

अगर कांग्रेस एक-दो दिनों में केपी को लेकर कोई फैसला नहीं ले पाती है तो कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी से केपी को आदमपुर किसी से चुनावी मैदान में उतार सकते हैं कि पी के लिए भी यही आखिरी रास्ता बचा है इसलिए केपी ने कैप्टन के साथ भी संपर्क साधना शुरू कर दिया है।

यह भी पढ़ें - पंजाब चुनाव 2022ः संस्पेंस हटा, लंबी से ही चुनाव लड़ेंगे अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.