सुरजीत के दिल में बसता है क्रिकेट, एक खिलाड़ी से गुरु और फिर सचिव तक का शानदार सफर
Jalandhar ki Shaan Surjit Rai Bitta पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव सुरजीत राय बिट्टा ने हरभजन सिंह जैसे तमाम खिलाड़ियों का करियर संवारा है। अब वह जालंधर में क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण करवा यहां आईपीएल मैच करवाने का सपना लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
जालंधर [मनोज त्रिपाठी]। मेरी जिंदगी, दिल और जहान में सिर्फ क्रिकेट बसता है। मैने बचपन से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। आज तक न क्रिकेट ने मुझे छोड़ा और न ही मैने क्रिकेट को छोड़ने के बारे में कभी सोचा। क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ दिया है और मैने अपना जीवन क्रिकेट को समप्रित कर दिया है। पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव सुरजीत राय बिट्टा ने हरभजन सिंह जैसे तमाम खिलाड़ियों का करियर संवारा है। वह कहते हैं, मैंने 50 साल से सिर्फ क्रिकेट और क्रिकेट को ही अपनी दुनिया बना रखा है। मैंने 50 साल पहले वाला क्रिकेट भी देखा है और लगातार पांच दशकों से बदल रहे इस खेल की बारीकियों को भी समझा है।
मेरा जन्म किला मोहल्ला जालंधर में हुआ था। पिता जी भी यहीं से थे। पिता जी इज्जत राय वालिया नगर निगम (उस समय नगर कौंसिल) में अधिकारी थे। मेरे पूर्वज राहों से जालंधर शिफ्ट हुए थे। जालंधर के साईं दास स्कूल में मैने प्रारम्भिक शिक्षा हासिल की। उस दौर में साईं दास स्कूल क्रिकेट खिलाड़ियों का पसंदीदा स्कूल होता था। इसके बाद मैने स्पोर्ट्स कालेज और फिर डीएवी कालेज से इतिहास में पोस्ट ग्रेज्युएशन की। मैने शुरू से ही क्रिकेट खेला। इसके दम पर जिला व स्टेट लेवल तक का सफर तय किया। उसके बाद युवाओं को क्रिकेट खिलाने लगा।
जालंधर में पहले क्रिकेट एसोशिएशन नहीं होती थी। मैने अपने साथियों के साथ मिलकर एसोसिएशन का गठन करवाया। उसके बाद से जालंधर में प्रोफेशनल तरीके से क्रिकेट को प्रमोट किया। यह सिलसिला आज जिले से निकल पंजाब स्तर तक जारी है। अभी मैं पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन में सचिव हू्ं। पहले मैं जालंधर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन में सचिव था।
हमारा ग्रुप क्रिकेट के खिलाड़ियों का ग्रुप होता था
हमारे ग्रुप में शामिल सभी दोस्त क्रिकेट खेलते थे। सभी का अच्छा गेम होता था। राकेश राठौर, दविंदर अरोड़ा, अरविंद चोपड़ा व हरविंदर हैरी जैसे दोस्तों ने मिलकर खुद भी क्रिकेेट खेला और बाद में क्रिकेट की फील्ड में आने वाले युवा खिलाड़ियों के लिए बेहतर मौके उपलब्ध करवाए। हरभजन सिंह, राहुल वेंकी व मनदीप जैसे तमाम खिलाड़ियों को जालंधर के बर्ल्टन पार्क से तराश कर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया।
जिमखाना क्लब जालंधर में सबसे अच्छा लगता है
बिट्टा बताते हैं कि जालंधर में सबसे अच्छा जिमखाना क्लब लगता है। वह जब भी जालंधर में होते हैं तो क्लब जरूर जाते हैं। क्लब में उनका ग्रुप है। क्लब एक परिवार की तरह है। अगर जालंधर होते हैं और क्लब न जाएं तो एेसा महसूस होता जैसे अपने घर ही नहीं गए। क्लब में सभी सदस्य एक दूसरे का मान-सम्मान करते हैं। यही वजह है कि जालंधर में आज भी शहर का पुराना कल्चर जिमखाना क्लब ने जिंदा रखा है।
बिट्टा बताते हैं कि उन्हें सबसे ज्यादा बुरा जालंधर का अव्यवस्थित यातायात लगता है। बेलगाम यातायात शहर की खूबसूरती भी खराब करता है और ईमेज भी। शहर से लगातार ग्रीन बेल्ड कम होती जा रही है। इस दिशा में संबंधित विभाग को गंभीरता से काम करना चाहिए।
अपनी ऊर्जा व समय को युवा बर्बाद न करें
एक सवाल को लेकर बिट्टा कहते हैं कि आज का युवा अपनी ऊर्जा व समय बर्बाद कर रहा है। अपना गोल तय करें और ईमानदारी के साथ मेहनत करके उसे हासिल करें। जिन भी युवाओं ने मेहनत की है, उन्हें सफलता मिली है। चाहें वह खिलाड़ी हों या फिर किसी अन्य क्षेत्र से हों। तरक्की का यही रास्ता है। इसे युवाओं को अपने परिवार के बड़ों से सीखना चाहिए।
जालंधर में प्रोफेशनल क्रिकेट की एेसे की शुरुआत
हम लोग जब बचपन में क्रिकेट खेलते थे तो हमें आलू की टिक्की के साथ चाय मिलती थी। हम सभी अच्छे घरों से संबंधित थे। इसलिए हमें उसी समय महसूस होता था कि खेलने के बाद अच्छी डाइट मिलनी चाहिए। इसे लेकर हम सभी दोस्तों ने मिलकर प्रोफेशनल तरीके से काम किया। आज हम एसोसिएशन की तरफ से खेलने वाले खिलाड़ियों को अच्छा नाश्ता व खाना देते हैं। खिलाड़ियों की सुविधा का ख्याल रखते हैं। शायद यही वजह है कि मैं 35 सालों से एसोसिएशन में सचिव के पद पर काम कर रहा हूं। अब हमने सेकेंड लाइन भी तैयार कर ली है। नए सिरे से जालंधर में क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण का करवाया जा रहा है। 60 लाख रुपये पास करवा लिए गए हैं। मेरी अंतिम इच्छा यही है कि जालंधर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम बनाकर उसमें आईपीएल के मैच करवाऊं।
कोहली, भज्जी व डिविलियर्स सबसे अच्छे खिलाड़ी
मेरी नजरों में विराट कोहली व हरभजन सिंह व डिवेलियर्स सबसे अच्छे क्रिकेटर हैं। यह सब मैदान में खेल रहे होते हैं जो इनकी लय देखना लायक होती है। अपने क्षेत्र के ये खिलाड़ी महारथी हैं। इन्हें खेलते हुए देखकर लगता है कि जैसे स्पीड व इनके बीच शानदार दोस्ती है।
जालंधर के खेल उद्योग को संभालने की जरूरत
बिट्टा बताते हैं कि जालंधर ने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ही नहीं बल्की खेल नगरी के रूप में अतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने ब्रांडों के दम पर मौजूदगी दर्ज करवाई है। ग्रेनिकाल, बीटआल स्पोर्ट्स, साके इंटरनेशनल जैसी कंपनियों ने पूरी दुुनिया में अपने उत्पादों का लोहा मनवाया है। सरकार को एेसी तमाम कंपनियों को और ज्यादा प्रमोट करने की जरूरत है।