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जालंधर की इंडस्ट्री कोरोना की मार से उबरी नहीं, पहले कच्चे माल कीमत बढ़ी अब पावरकाम भेज रहा नोटिस

पावरकाम ने बिजली खपत के मुताबिक सिक्योरिटी जमा करवाने के लिए नोटिस भेजें हैं। उद्यमियों का कहना है कि कोरोना काल में इंडस्ट्री किसी तरह सरवाइव कर रही है। नोटिस भेजना सरासर गलत है। इस फैसले को वापस लेना चाहिए।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 11:59 AM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 11:59 AM (IST)
जालंधर की इंडस्ट्री कोरोना की मार से उबरी नहीं, पहले कच्चे माल कीमत बढ़ी अब पावरकाम भेज रहा नोटिस
पावरकाम ने उद्यमियों को सिक्योरिटी मनी जमा करवाने के नोटिस भेजे हैं। सांकेतिक चित्र।

कमल किशोर, जालंधर। कोरोना वायरस के चलते इंडस्ट्री का कारोबार पटरी पर आया नहीं है। धीरे-धीरे कारोबार पटरी पर आ रहा है। कच्चा माल की बढ़ी कीमतें भी इंडस्ट्री को परेशान कर रही है। वहीं दूसरी तरफ पावरकाम ने उद्यमियों को सिक्योरिटी मनी जमा करवाने के नोटिस भेजकर दुविधा में डाल दिया है। पावरकाम ने बिजली खपत के मुताबिक सिक्योरिटी जमा करवाने के लिए नोटिस भेजें हैं। मौजूदा समय में इंडस्ट्री की स्थिति यह है कि कच्चे माल की प्रतिदिन बढ़ रही है। नो प्रोफिट, नो लास में काम कर रही है। उद्यमियों का कहना है कि कोरोना काल में इंडस्ट्री किसी तरह सरवाइव कर रही है। नोटिस भेजना सरासर गलत है। इस फैसले को वापस लेना चाहिए। उद्यमी पहले ही कच्चे माल की बढ़ी कीमतों से परेशान है। पहले ही सरकार ने इंडस्ट्री पर विभिन्न टैक्स लगा रखे है। उद्यमियों ने सरकार से कई मांग रख चुके है फिलहाल इसका कोई हल नहीं निकला है। पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली नहीं मिली है।

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जिले में है 15,600 इंडस्ट्री, प्रतिवर्ष करती है करोड़ों का कारोबार

जिले में 15,600 इंडस्ट्री है जो प्रतिवर्ष करोड़ों का कारोबार करती है। सिक्योरिटी मनी को लेकर पावरकाम ने फिलहाल 60 इंडस्ट्री को नोटिस भेजे है। पावरकाम का तर्क है कि हर महीने आने वाले बिल की रकम के बराबर पैसा सिक्योेरिटी के रूप में पावरकाम अपने पास रखता है। पावरकाम सिक्योरिटी मनी इसलिए जमा करवाने के लिए कहता है ताकि कोई इंडस्ट्री बंद हो जाती है या फिर बिल जमा नहीं होता है तो पावरकाम को कनेक्शन काटना पड़ता है। सिक्योरिटी मनी जमा होने की वजह से इंडस्ट्री का आर्थिक नुकसान नहीं होता।

फिलहाल पावरकाम इंडस्ट्री को नोटिस भेज रहा है। जालंधर इंडस्ट्री पर तीन करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। किसी इंडस्ट्री को पांच लाख , किसी को दो लाख, एक लाख, पचास हजार बिल के मुताबिक सिक्योरिटी मनी जमा करवाने के लिए कहा है। फिलहाल उद्यमियों में रोष है कि कारोेबार पटरी पर आया नहीं नोटिस भेजे जा है। जालंधर में हैंडटूल्स, पाइप फिटिंग, गार्डनर टूल्स, स्पोर्ट्स, नट बोल्ट, चमड़ा इंडस्ट्री, रबड़ व वाल्व एंड काक्स, आटो पार्ट्स इंडस्ट्री है। प्रतिवर्ष करोड़ों का कारोबार करती है।

क्या कहते है उद्यमी

नोवा फिटनेस के एमडी सुमित शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में कारोबार पटरी पर आया नहीं है। पावरकाम सिक्योरिटी मनी नोटिस भेजने बंद करना चाहिए। पहले ही रा मैटीरियल महंगा हो रहा है।

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आटो पार्ट्स मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष मनीष क्वात्रा ने कहा कि कोरोनाकाल में इंडस्ट्री बंद रही। प्रत्येक इंडस्ट्री का कारोबार भी बीस प्रतिशत रह गया था। अभी पचास प्रतिशत पहुंचा है। सिक्योरिटी मनी के नोटिस पावरकाम को वापिस लेने चाहिए।

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पावरकाम के डिप्टी चीफ इंजीनियर हरजिंदर सिंह बांसल ने कहा कि सिक्योरिटी मनी जमा करवाने के लिए पचास उद्यमियों को नोटिस भेजे है। समय पर जमा करवाने के लिए भी कहा गया है। खपत के हिसाब से सिक्योरिटी मनी ली जा रही है।


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