उद्यमियों की सरकार से गुहार, बोले- लेबर का जाना न रुका तो इंडस्ट्री बर्बाद हो जाएगी
रबड़ फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान नीरज अरोड़ा ने कहा अगर सारी लेबर शहर से चली गई तो इंडस्ट्री में काम कौन करेगा। लेबर इंडस्ट्री से 2 महीने का एडवांस ले चुकी है।
जालंधर, जेएनएन। देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू करने के लिए केंद्र सरकार ने एक ओर उद्योग और दुकानें खोलने की एलान किया है तो दूसरी तरफ प्रदेश से लेबर का पलायन हो रहा है। श्रमिकों के अपने गांव जाने के कारण इंडस्ट्री की चिंता बढ़ गई है।
मामले को लेकर रबड़ फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने वीरवार को कन्हैया रबर इंडस्ट्री में करके विस्तार से चर्चा की। एसोसिएशन प्रधान नीरज अरोड़ा ने कहा कि सरकार का लेबर को ट्रेन से घर भेजने का फैसला सरासर गलत है। अगर सारी लेबर शहर से चली गई तो इंडस्ट्री में काम कौन करेगा। लेबर इंडस्ट्री से 2 महीने का एडवांस ले चुकी है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि शहर से वही लेबर घर भेजी जाए जो किसी कारणवश यहां फंसी है। अन्यथा फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी और पंजाब की अर्थव्यवस्था चौपट हो जाएगी। केंद्र और राज्य सरकार को तत्काल इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
इंडस्ट्री चलेगी तो सरकार को रेवेन्यू आएगी
अरोड़ा ने कहा कि इंडस्ट्री का काम का चलेगा तो सरकार को रेवेन्यू प्राप्र होगी। उन्होंने बताया कि कर्नाटक सरकार ने लेबर को वापस भेजने पर रोक लगा दी है इस दौरान एसोसिएशन प्रधान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस समस्या संबंधित ट्वीट भी किया। इस अवसर पर एसोसिएशन के महासचिव कपिल पूंछी, चेयरमैन बीबी ज्योति, वाइस चेयरमैन रविंदर अरोड़ा, विजय शर्मा, मानिक गुलाटी, अमित, सनी व अन्य मौजूद थे।
लेबर को अप्रैल के पैसे दिए थे, जाने वालों से इंडस्ट्री की एनओसी ली जाए
उधर, स्पोर्ट्स सर्जिकल कंपलेक्स एसोसिएशन के प्रधान मनीष अरोड़ा ने बताया है कि लेबर को बिना काम किए अप्रैल का वेतन दिया गया है। वह काम को बीच में छोड़कर अपने गांव की तरफ रुख कर रहे हैं जो कि सरासर गलत है जिला प्रशासन से मांग है कि जाने वाली लेबर से इंडस्ट्री की एनओसी ली जाए। इंडस्ट्री ने अपने काम-काज को चलाने के लिए लेबर को पेमेंट दी थी। अगर सारी लेबर चली गई तो इंडस्ट्री का कामकाज ठप हो जाएगा। उन्होंने कहा है कि सरकार ने इंडस्ट्री खोलने की इजाजत तो दे दी है लेकिन लेबर अपने गांव की तरफ पलायन कर रही है। उन्हें ही भेजा जाए जो पंजाब में फंसे हैं।
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