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कोरोना काल में भी ग्राहकों के साथ बरकरार रखा तालमेल, पटरी से नहीं उतरने दिया कारोबार

इंद्रपाल सिंह के पिता ने 35 वर्षों तक दुबई में होटल का संचालन किया है। फिर उन्होंने अपने शहर जालंधर में होटल खोलने की ठानी। उनका सपना वर्ष 2016 में साकार हुआ। होटल ने कोरोना काल में ग्राहकों के साथ बेहतर तालमेट के चलते कारोबार पटरी से नहीं उतरने दिया।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 10:02 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 10:02 AM (IST)
कोरोना काल में भी ग्राहकों के साथ बरकरार रखा तालमेल, पटरी से नहीं उतरने दिया कारोबार
जालंधर का होटल इंपीरिया सूइट्स वर्ष 2016 में शुरू किया गया था। (जागरण)

जालंधर, जेएनएन। बाजार के हालात कैसे भी हों, कारोबार को मंदी के दौर से उबारने के लिए नए-नए प्रयोग करना समय की जरूरत बन गया है। समय के साथ बदलाव करके और आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर ही आगे बढ़ा जा सकता है। इसी मूल मंत्र होटल इंपीरिया सूइट्स ने भी अपनाया। विदेश में होटल संचालन का अनुभव पिछले चार दशकों से था ही। शहर में होटल खोलने के दौरान इसका काफी लाभ मिला। इसी अनुभव के दम पर होटल कारोबार को कभी पटरी से उतरने नहीं दिया।

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होटल संचालक इंद्रपाल सिंह बताते हैं कि दुबई में पिता नरेंद्र पाल सिंह ने 35 वर्षों तक होटल का संचालन किया। वतन की मिट्टी की खुशबू ने उन्हें अपने शहर में भी होटल खोलने को प्रेरित किया। यह सपना 2016 में साकार हुआ। होटल शुरू करते समय ग्राहक की संतुष्टि, बेहतर क्वालिटी का फूड और स्टैंडर्ड को बरकरार रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसे निरंतर पूरा किया जा रहा है।

इंद्रपाल ने कहा कि जीवन में पहली बार करोना काल में गंभीर हालात देखने को मिले। इन विपरीत परिस्थितियों में भी कारोबार का पहिया पटरी से उतरने नहीं दिया। जिला प्रशासन ने एनआरआई को होटलों में ठहरने का अवसर दिया था। इसमें उनके होटल ने भी पूरा सहयोग किया। यह एक ऐसा अवसर था, जिसमें अपनी प्रतिभा को जन-जन तक पहुंचाया जा सकता था। होटल के बेहतर प्रबंधन ने ऐसा ही किया। इस दौरान होटल में ठहरने वाले एनआरआई को ना सिर्फ सरकारी हिदायतों के मुताबिक सेवाएं दी गई, बल्कि उनके परिजनों के साथ भी लगातार तालमेल स्थापित रखा। एनआरआई के परिजनों को यहां पर पारिवारिक माहौल जैसा एहसास होता रहा। इस घटनाक्रम का मौखिक प्रचार इस कदर हुआ कि उन दिनों में दी गई सेवाओं के चलते आज भी लोग उनके जहां आते हैं।

सोशल मीडिया पर ग्राहकों के साथ जुड़ने का फायदा लाकडाउन और उसके बाद भी मिला

वह बताते हैं कि दुबई में होटल चलाने के लिए तमाम मापदंड पूरे करना जरूरी होता है। इन्हीं मापदंडों के आधार पर शहर में होटल का संचालन किया है। बेहतर सेवाएं, उच्च क्वालिटी और स्टैंडर्ड के बल पर मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म ने फोर स्टार के समान मान्यता दी है। उन्होंने कहा कि होटल शुरू करते ही ग्राहकों के साथ तालमेल और बेहतर संवाद बनाए रखने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया। इसमें फेसबुक पेज, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप ग्रुप के साथ-साथ तमाम तरह की साइट्स के माध्यम से लोगों के साथ तालमेल स्थापित किया। इसका लाभ लाकडाउन के दौरान और उसके बाद भी मिला। लोगों की तमाम जिज्ञासा सोशल साइट्स के माध्यम से दूर की जाती रही।

कोरोना काल में नैतिक जिम्मेदारी भी निभाई

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए स्वास्थ्य गाइडलाइंस का पालन आज भी किया जा रहा है। जोमैटो तथा स्विगी के माध्यम से दी जा रही फूड की सप्लाई के दौरान भी सुरक्षा नियमों का पालन किया जा रहा है। इंद्रपाल सिंह बताते हैं कि कोरोना के दौर में कारोबार करने के साथ-साथ नैतिक जिम्मेदारी निभाने का भी मौका मिला। इसमें होटल के स्टाफ सदस्यों को यहीं पर रहने के अलावा खानपान का प्रबंध करने से लेकर वेतन की सामान्य तौर पर अदायगी की जाती रही।


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