जालंधर में 'मिक्सोपैथी' के खिलाफ फिर डाक्टरों में उबाल, IMA सदस्यों ने की क्रमवार भूख हड़ताल
आईएमए के नेशनल उपप्रधान डा. नवजोत सिंह दहिया ने बताया कि केंद्र सरकार ने आयुर्वेदिक ग्रेजुएटस को सर्जरी के अधिकार देकर मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने की ठान ली है। केंद्र सरकार यह कानून वापस ले तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
जालंधर, जेएनएन। केंद्र सरकार की ओर से मिक्सोपैथी के आदेश जारी करने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) में खासा रोष है। बुधवार को आईएमए जालंधर के सदस्यों ने भूख हड़ताल करके रोष जताया। आईएमए हाउस में डाक्टरों ने शृंखलावार भूख हड़ताल की। थोड़ी थोड़ी देर के लिए चार-चार डाक्टरों का ग्रुप हड़ताल में भाग ले रहा था।
आईएमए के नेशनल उपप्रधान डा. नवजोत सिंह दहिया ने बताया कि केंद्र सरकार ने आयुर्वेदिक ग्रेजुएटस को सर्जरी के अधिकार देकर मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ करने की ठान ली है। आपरेशन करने के लिए पूरे उपकरण और डाक्टरों की टीम और ट्रेंड स्टाफ की जरूरत होती है, जिसका उनके पास अभाव है। उन्होंने कहा कि बुधवार को देश भर में आईएमए के डाक्टर भूख हड़ताल पर रहे। 10 फरवरी को आईएमए ने दोबारा भूख हड़ताल करने की घोषणा की है।
आईएमए जालंधर के प्रेसीडेंट डा. अमरजीत सिंह ने कहा कि डाक्टरों के हितों की सुरक्षा के लिए संघर्ष तेज किया जाएगा। केंद्र सरकार ने इंटेग्रेटिड डाक्टरों को दांत निकालने के अलावा कई प्रकार के आपरेशन करने के अधिकार देकर आईएमए के डाक्टरों के साथ सौतेला व्यवहार किया है। आईएमए केंद्र सरकार की ओर से पारित कानून वापस लिए जाने तक संघर्ष करेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने मांगें नहीं मानी तो डाक्टर सड़कों पर भी उतरेंगे।
इस मौके पर डा. नरेश बाठला, डा. एमएस भुटानी, डा. राजीव सूद, डा. हरीश कटारिया, डा. आरएस बल, डा. केएश मक्कड़, डा. योगेश्वर सूद, डा. राकेश विग, डा. एचएस भुटानी, डा. शमित चोपड़ा. डा. कमल गुप्ता तथा डा. सौरभ उप्पल के अलावा आईएमए के अन्य सदस्य व पदाधिकारी मौजूद थे।