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जालंधर में नकली आयुष्मान कार्ड बनाने वाले बाप-बेटा गिरफ्तार, पंजाब के कई शहरों में कर चुके हैं ठगी

स्पेशल आपरेशन यूनिट ने जालंधर में फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर जनता से लाखों रुपये ठगने वाले आरोपित सतपाल और उसके बेटे अनमोल को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से पुलिस ने कुल 161 फर्जी आयुष्मान कार्ड लैपटाप व प्रिंटर बरामद किया।

By Vikas KumarEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 07:30 AM (IST)
जालंधर में नकली आयुष्मान कार्ड बनाने वाले बाप-बेटा गिरफ्तार, पंजाब के कई शहरों में कर चुके हैं ठगी
जालंधर में फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर ठगी करने वाली बाप-बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

जालंधर, जेएनएन। स्पेशल आपरेशन यूनिट की टीम ने फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर जनता से लाखों रुपये ठगने वाले आरोपित सतपाल और उसके बेटे अनमोल की गिरफ्तारी आखिर तीन दिन बाद दिखा दी। आरोपितों के पास से पुलिस ने कुल 161 फर्जी आयुष्मान कार्ड, लैपटाप व प्रिंटर बरामद किया।

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एसीपी कंवलजीत सिंह ने कहा कि स्पेशल आपरेशन यूनिट के प्रभारी अश्वनी नंदा ने गुप्त सूचना के आधार पर अमृतसर के अजनाला निवासी सतपाल (42) और अनमोल (21) को गिरफ्तार किया था। दोनों को सिविल अस्पताल जालंधर से ही किसी ग्राहक को फंसाते हुए पकड़ा गया। उनके पास से 63 फर्जी आयुष्मान कार्ड बरामद किए गए थे। बाद में पुलिस ने उनकी निशानदेही पर एक लैपटाप, एक प्रिंटर और 98 फर्जी आयुष्मान कार्ड और बरामद किए।

अब तक की जांच में सामने आया कि दोनों जालंधर के सिविल अस्पताल परिसर में ही बैठकर नकली कार्ड बनाते थे। यहीं पर वे ग्राहकों को ढूंढते, मरीजों के परिजनों से मिलते, रेकी करते और पांच लाख का इलाज फ्री में होने की बात कह पैसे लेते थे। पुलिस ने उनके तीन और साथियों को वीरवार देर शाम गिरफ्तार किया है।

बताया जा रहा है कि वे सरकारी विभाग के कर्मचारी हैं और उनके लिए काम करते हैं। तीनों की मिलीभगत से ही फर्जी कार्ड का धंधा चल रहा था। आरोपितों से पुलिस पूछताछ कर रही है। दोनों ने करीब छह महीने पहले नीले कार्डधारकों को आयुष्मान कार्ड बनाकर देने की एजेंसी ली थी। एक कार्ड के बदले उनको पचास रुपये मिलते थे। बाद में जल्द पैसे कमाने के लालच में हर वर्ग के लोगों को नकली आयुष्मान कार्ड बनाकर देने शुरू कर दिए और बदले में पांच सौ से लेकर दो हजार रुपये तक लेने लग गए। एसओयू प्रभारी अश्विनी नंदा ने बताया दोनों को कोर्ट में पेश कर दो दिन का रिमांड हासिल किया गया है। दोनों के पास से और कार्ड रिकवर होने की संभावना है।

अस्पतालों में कार्ड चलाने गए तो बोगस निकला, शिकायत पर हुई कार्रवाई

दोनों सिविल अस्पताल में कुछ दिन से घूम रहे थे। जो भी मरीज वहां दाखिल होने के बाद प्राइवेट अस्पताल जाने की कोशिश करता, उसके पास जाकर खुद को सरकारी दफ्तर का कर्मचारी बताकर आयुष्मान कार्ड बनाने का लालच देते। मरीजों का परिवार भी पैसे बचाने के चक्कर में उनके झांसे में आ जाता था। कई मरीजों ने कार्ड बनवाकर प्राइवेट अस्पतालों में चलाने का प्रयास किया लेकिन सभी बोगस निकले। इसके बाद किसी ने पुलिस को शिकायत दे दी और दोनों पकड़ में आ गए।


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