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साढ़े तीन माह से अयोध्या के सिविल अस्पताल में अपनों की बाट जोह रहा जालंधर का बुजुर्ग, बेटी-बेटे के इंग्लैंड में होने की कह रहे बात

अयोध्या के सिविल अस्पताल में भर्ती दिमागी रूप से अनफिट तरलोक ठीक से बात करने की स्थिति में नहीं हैं लेकिन दिन में जब भी उन्हें तीन से चार मिनट के लिए होश आता है तो वह खुद को जालंधर के आदमपुर का रहने वाला बताते हैं।

By Vinay KumarEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 08:21 AM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 11:47 AM (IST)
साढ़े तीन माह से अयोध्या के सिविल अस्पताल में अपनों की बाट जोह रहा जालंधर का बुजुर्ग, बेटी-बेटे के इंग्लैंड में होने की कह रहे बात
अयोध्या के सिविल सिविल में भर्ती तरलोक सिंह। (जागरण)

जालंधर [अखंड प्रताप]। जालंधर के आदमपुर के रहने वाले 75 साल के तरलोक सिंह यहां से करीब 11 सौ किलोमीटर दूर सिविल अस्पताल के वार्ड नंबर तीन (लावारिस वार्ड) के एक बेड पर अपनी बेटी की राह देख रहे हैं। दिमागी रूप से अनफिट तरलोक ठीक से बात करने की स्थिति में नहीं हैं लेकिन दिन में जब भी उन्हें तीन से चार मिनट के लिए होश आता है तो वह खुद को जालंधर के आदमपुर के नबी ड़ोली गांव का रहने वाला बताते हैं।

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अयोध्या के सिविल अस्पताल में तरलोक का इलाज डा आरके राय की देखरेख में चल रहा है। इसके साथ ही राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और अयोध्या वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य डा राज नारायण पांडेय भी तरलोक ङ्क्षसह के संपर्क में हैं। पांडेय का कहना है कि जब भी तरलोक को होश आता है तो वह अपनी बेटी का नाम तरनजीत कौर बताते हैं और उन्हें याद कर रोने लगते हैं। इसके साथ वह अपने बेटे का जिक्र भी करते हैं लेकिन बेटे का नाम उन्हें याद नहीं है।

बेटी और बेटा इंग्लैंड में सेटल

तरलोक बताते हैं कि उनकी बेटी तरनजीत कौर और बेटे की पढ़ाई इंग्लैड में हुई है। इसके बाद वह दोनों इंग्लैंड में सेटल हो चुके हैं। गावं में उनका तीन मंजिला मकान है जहां उनका एक केयरटेकर जसवीर सिंह और चार नौकर रहते हैं। जसवीर उनके रिश्ते में आता है जिसे उनकी बेटी ने केयरटेकर के तौर पर रखा हुआ है। इसके साथ ही तरलोक गांव में स्थित एसबीआइ बैंक में अपने खाते के होने की जानकारी भी देते हैं।

गुरुद्वारा कमेटी और एंबेसी से किया गया संपर्क

मामले को लेकर अयोध्या वेलफेयर कमेटी के सदस्यों ने जालंधर के गुरुद्वारा कमेटी से संपर्क साध कर बुजुर्ग को उनके घर पहुंचाने के लिए मदद मांगी है। इसके साथ ही कमेटी अब बुजुर्ग को अपने घर वापस भेजने के लिए एंबेसी से संपर्क कर रही है। इसके साथ ही तरलोक सिंह की देखभाल  तीन महीने से अस्पताल प्रशासन और कमेटी के सदस्यों की मदद से की जा रही है। तरलोक सिंह को जब सिविल अस्पताल लाया गया था तो उनके पास लुधियाना से अमृतसर का ट्रेन का 23 मई का एक रिजर्वेशन टिकट भी पड़ा हुआ था, लेकिन पानी में भीग जाने के चलते वह काफी धुंधला हो चुका है।

तीन जून को एंबुलेंस लेकर आई थी सिविल अस्पताल

अयोध्या सिविल अस्पताल के सीएमएस डा सीबीएन त्रिपाठी से बात की ई तो उनका कहना था कि तरलोक ङ्क्षसह को बीते तीन जून को सिविल अस्पताल में 108 एबुलेंस की मदद से लेकर आया गया था। डाक्टर आरके राय उनका इलाज कर रहे हैं। तरलोक सिंह की हालत अभी मेंटली अनफिट बनी हुई है।

तरलोक के परिवार की तलाश में जुटी आदमपुर पुलिस

अयोध्या वेलफेयर सोसाइटी ने मामले को लेकर जालंधर पुलिस से भी संपर्क साधा है। मामले को लेकर थाना आदमपुर के थाना प्रभारी हरजिंदर सिंह का कहना है कि मामला उनकी जानकारी में है और तरलोक सिंह की तलाश के लिए पुलिस के प्रयास जारी हैं। अभी तक की जांच में नबी ड्रोली की एसबीआई ब्रांच में दो खाते मिले हैं जो कि तरलोक सिंह के नाम से चल रहे हैं। इनमें से एक की कुछ दिनों पहले ही मौत हो चुकी है तो वहीं दूसरे खाता धारक तरलोक सिंह का परिवार काफी लंबे समय से कहीं विदेश में रहता है। तरलोक सिंह के खाते में बड़ी रकम जमा है लेकिन खाता कई सालों पहले खुलवाया गया है। इससे फोटो की पहचान नहीं हो पा रही है। पुलिस की टीमों परिजनों के विषय में जानकारी इकट्ठा की जा रही है।


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