पंजाब चुनाव 2022 : जालंधर के डीसी घनश्याम थोरी बोले- कोरोना के लक्षण वाले मरीज आखिर में डालेंगे वोट
पारदर्शिता से चुनाव करवाने को लेकर डीसी घनश्याम थोरी ने रणनीति तैयार की है। इन दिनों कोरोना का संकट फिर से गहराता जा रहा है। इस बीच लोकतंत्र का महापर्व यानी विधानसभा चुनाव भी 20 फरवरी को होने जा रहे हैं। डीसी ने दोनों की कमान संभालते ली है।
जालंधर [शाम सहगल]। जून 2020 में जब डीसी घनश्याम थोरी ने जिले की कमान संभाली तो उनके सामने केवल कोरोना महामारी की ही चुनौती थी। कोरोना के केसों में भारी इजाफा हुआ तो यह चुनौती उनके लिए मिशन बन गया। इसमें सफलता हासिल करने के लिए डीसी ने सेहत विभाग की योजनाओं से आगे निकलकर रणनीति तैयार की। इसके तहत रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने व आक्सीजन की मनमानी वसूली करने वालों का स्टिंग आपरेशन करने को प्रोत्साहित किया। इसके बदले बाकायदा 25 हजार रुपये के पुरस्कार की भी पेशकश की। इसी मिशन के तहत जिले के सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने से लेकर इनके दाम निर्धारित किए गए। अब चुनाव में हथियार जमा करवाने का काम भले ही जिला पुलिस द्वारा किया जा रहा है, लेकिन इसकी मानिटरिंग भी डीसी घनश्याम थोरी ही कर रहे हैं।
इन दिनों कोरोना का संकट फिर से गहराता जा रहा है। इस बीच लोकतंत्र का महापर्व यानी विधानसभा चुनाव भी 20 फरवरी को होने जा रहे हैं। दोनों की कमान संभालते हुए जिला चुनाव अधिकारी कम डीसी ने फिर से कमर कस ली है। इसके लिए उन्होंने अपनी दिनचर्या में तो परिवर्तन किया ही है, साथ ही स्टाफ व तमाम संबंधित विभागों के साथ तालमेल स्थापित कर काम की अवधि भी बढ़ा दी है। पारदर्शिता से चुनाव करवाने को लेकर डीसी ने क्या रणनीति तैयार की है, इसको लेकर ‘दैनिक जागरण’ संवाददाता शाम सहगल ने उनसे बातचीत की।
जिले में आचार संहिता को सख्ती के साथ लागू करवाने के लिए क्या रणनीति है?
-आचार संहिता को प्रभावी ढंग से लागू करवाने के लिए सी-विजल एप के अलावा हेल्पलाइन नंबर 1950 जारी किया गया है। इस पर चुनाव को लेकर किसी भी तरह की अवहेलना संबंधी शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा 81 मोबाइल वाहन जिले में लगाए गए हैं। इसमें 27 वाहन सीसीटीवी कैमरा तथा जीपीएस से लैस हैं। डीसी आफिस में इसकी मानिटरिंग की जा रही है। किस समय यह वाहन कहां पर मूव कर रहे हैं, इसकी तमाम जानकारी जीपीएस सिस्टम के माध्यम से रखी जाती है।
बुजुर्ग तथा दिव्यांग वोटरों के लिए इस बार क्या होगी व्यवस्था?
बुजुर्ग तथा दिव्यांग वोटरों के लिए पोस्टल बैलेट पेपर की सुविधा दी गई है। इसके माध्यम से वह अपने मत का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें संबंधित बूथ के आरओ से संपर्क करना होगा।
कोरोना महामारी के बीच सुरक्षित ढंग से कैसे संपन्न करवाएंगे चुनाव?
कोरोना महामारी के बीच चुनाव संपन्न करवाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। स्टाफ व जनता के सहयोग से इसे पूरा किया जाएगा। इसके लिए पहले से तैयारी की जा चुकी है। इसके तहत हर वोटर को सिंगल यूज ग्लव्स दिया जाएगा, जिसे अपने मत का इस्तेमाल करने के बाद पोलिंग बूथ में बनाए गए बायो वेस्ट डस्टबिन में फेंकना होगा। इसके अलावा हर बूथ के बाहर शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए गोले बनाए जाएंगे। हर वोटर की थर्मल स्कैनिंग तथा हैंड सैनिटाइज करने का प्रबंध होगा।
पोलिंग स्टाफ की सुरक्षा के लिए क्या रहेंगे प्रबंध?
जिले के पोलिंग स्टेशनों पर सेवाएं देने वाले स्टाफ की सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इसके तहत उन्हें पीपीई किट तथा फेस शील्ड मुहैया करवाई जाएगी। इसके अलावा स्टाफ को मास्क, हैंड सैनिटाइजर तथा ग्लव्स उपलब्ध करवाए जाएंगे।
जिले में कुल कितने पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे?
जिले में 16,50,867 वोटरों के लिए कुल 1,974 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसके अलावा एक पोलिंग स्टेशन पिंगलाघर में बनाया जाएगा। इसमें 59 माडल पोलिंग बूथ तथा नौ महिला बूथ शामिल हैं, जहां पर पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स सुरक्षा के लिए तैनात रहेगी।
’लोगों को जागरूक करने के लिए क्या योजना है?
लोगों को मत का इस्तेमाल करने को जागरूक करने के लिए शहर में 30 जगह पर ग्रैफिटी लगाई गई है। इसमें हिंदी फिल्म गजनी के अभिनेता आमिर खान की ग्रैफिटी लगाई गई है। इसमें लोगों को इस बार मत का इस्तेमाल नहीं भूलने का संदेश दिया जा रहा है। इसके अलावा जिला स्वीप की मदद से देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर 75 किलो का केक काटने को लेकर भी विचार चल रहा है।
सर्दी के बीच कोरोना व चुनाव के काम को कैसे मैनेज कर रहे हैं?
-सुबह से लेकर देर शाम तक आफिस में मौजूद रहने के साथ ही संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठकें करने के अलावा जरूर हिदायतें जारी की जा रही हैं। इस बीच सेहत संभाल के लिए योग व डाइटिंग की जा रही है। इसमें स्टाफ का सहयोग भी अहम है।
चुनाव करवाने का आपका अनुभव?
2014 में बतौर एसडीएम व 2017 में संगरूर में बतौर डीसी विधानसभा चुनाव संपन्न करवाए हैं। वहीं, 2019 में लोकसभा चुनाव करवाने का अनुभव है, जो इस बार के चुनाव में निश्चित रूप से काम आएगा।
पोलिंग बूथ पर संक्रमित के आने पर क्या करेंगे?
पोलिंग बूथ पर अगर किसी वोटर का थर्मल स्कैनिंग के दौरान अधिक टेंपरेचर आता है या फिर संक्रमित होने का शक होता है तो उसे तुरंत वापस भेज दिया जाएगा। कोरोना के लक्षणों वाले लोगों को मतदान की अवधि के अंतिम समय के बीच आने को कहा जाएगा, ताकि वो वोट डाल सकें।
जरुरी कदम
सिंगल यूज ग्लव्स पहन वोट डालेंगे लोग
बूथों के बाहर शारीरिक दूरी बनाए रखने के लिए बनाए जाएंगे गोले
वोटरों की होगी थर्मल स्कैनिंग
हैंड सैनिटाइज करने का भी होगा प्रबंध
पोलिंग स्टाफ को पीपीई किट व फेस शील्ड दी जाएगी
कोरोना से बचाने के लिए एहतियाती कदम उठाएंगे