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जालंधर में 319 में से 289 सेंटरों में नहीं लगा कोरोना टीका, महज 828 लोगों को ही लगी वैक्सीन

Jalandhar Coronavirus Vaccination जालंधर में 16 जनवरी से शुरू हुई कोरोना वैक्सीनेशन मुहिम साढ़े तीन महीने में ही दम तोडऩे लगी। हालात ये हो गए कि रविवार को 319 में से सिर्फ 289 सेंटरों में टीकाकरण हुआ ही नहीं।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 08:20 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 08:20 AM (IST)
जालंधर में 319 में से 289 सेंटरों में नहीं लगा कोरोना टीका, महज 828 लोगों को ही लगी वैक्सीन
जालंधर में सेहत विभाग के पास कोविशील्ड का स्टाक तकरीबन खत्म हो चुका है।

जालंधर, जेएनएन। वैक्सीन की किल्लत के कारण 16 जनवरी से शुरू हुई कोरोना वैक्सीनेशन मुहिम साढ़े तीन महीने में ही दम तोडऩे लगी। हालात ये हो गए कि रविवार को 319 में से सिर्फ 289 सेंटरों में टीकाकरण हुआ ही नहीं। बाकी तीस सेंटरों पर भी 828 लोगों को ही टीका लग सका। सेहत विभाग के पास कोविशील्ड का स्टाक तकरीबन खत्म हो चुका है। कोवैक्सीन पहले से खत्म है।

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करीब एक सप्ताह से वैक्सीन को लेकर तंगी चल रही है और सेहत विभाग ने किसी तरह सेंटर कम करके मुहिम को चलाया हुआ था लेकिन रविवार को तो एक हजार लोगों को भी टीका नहीं लग सका। साढ़े तीन महीने में यह पहली बार है जब इतनी कम संख्या में टीकाकरण हुआ हो। सेहत विभाग के स्टाक में केवल 150 डोज कोविशील्ड पड़ी है। आज या कल तक और वैक्सीन आने की संभावना भी नहीं है। हालांकि सेहत विभाग ने निजी अस्पतालों के पास पेंडिंग डोज को मंगवाया है लेकिन इसकी संख्या भी काफी कम है। फिलहाल सोमवार को इसी पेंडिंग डोज से काम चलाया जाएगा।

उधर, निजी अस्पतालों से दूसरी डोज लगवाने वाले लोग चिंतित होने लगे है। रविवार को सिविल अस्पताल, पुलिस लाइन सहित जिले में 30 सेंटर ही चले। इन सेंटरों में भी वैक्सीन कम होने से लाभार्थियों को लौटना पड़ा।

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पीएपी गए थे, वहां से सिविल भेज दिया

सिविल अस्पताल में वैक्सीन लगवाने माता के साथ आए सुभाष चंद्र ने कहा कि वह पीएपी में वैक्सीन लगवाने गए थे। वहां पता चला कि स्टाक न होने की वजह से टीका नहीं लगेगा। वहां से सिविल भेज दिया गया। लाकडाउन के बीच सिविल पहुंच टीका लगवाया।

दूसरी डोज कहां से लगवाऊं

निजी अस्पताल में कोरोना की दूसरी डोज लगवाने आए सुनील का कहना है कि निजी अस्पताल में 250 रुपये देकर पहली डोज लगवाई थी। अब दूसरी डोज कहां से लगवाएं, किसी के पास कोई जानकारी नहीं है।


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