CoronaVirus: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में विभाग की बड़ी लापरवाही, जालंधर में कोवैक्सीन का स्टाक खत्म; अस्पतालों में भटक रहे लोग
Jalandhar corona Vaccination कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पहली बार सेहत विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जालंधर में कोवैक्सीन का स्टाक पूरी तरह से खत्म है और अब जिन लोगों ने कोवैक्सीन की दूसरी डोज लगवानी है वे अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पहली बार सेहत विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जालंधर में कोवैक्सीन का स्टाक पूरी तरह से खत्म है और अब जिन लोगों ने कोवैक्सीन की दूसरी डोज लगवानी है, वे अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें वहां से एक ही जवाब मिल रहा है कि अभी कोवैक्सीन का स्टाक खत्म है। दो सप्ताह बाद संपर्क करें। ऐसे लोगों की संख्या जालंधर के सिविल व निजी अस्पतालों में बढ़ती जा रही है। पहली डोज लगने के बाद चार सप्ताह का पीरियड होने के बाद वे अस्पताल पहुंच रहे हैं लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
स्टाक आता न देख सेहत विभाग ने भी पीरियड बढ़ा दिया है। अब चार से छह सप्ताह के बीच में कोवैक्सीन लग सकती है। परेशानी इसलिए भी अधिक है क्योंकि कोवैक्सीन लगवाने वालों को सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोविशील्ड नहीं दी जा सकती। कोविशील्ड का स्टाक पर्याप्त मात्रा में हैं और इसकी सप्लाई भी बड़ी संख्या में पहुंच चुकी है जबकि कोवैक्सीन की एक ही बार 11 हजार डोज की सप्लाई पहुंची और उसी में बड़ी लापरवाही सामने आई।
जिला टीकाकरण अधिकारी डा. राकेश चोपड़ा ने कोवैक्सीन का स्टाक खत्म होने की पुष्टि की। हालांकि उन्होंने लोगों से अपील की कि वे घबराएं नहीं। अगर दो सप्ताह तक वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं भी लगाई जाती तो भी कोई परेशानी नहीं। सरकार को स्थिति से अवगत करवाया जा चुका है कि वैक्सीन का स्टाक खत्म है। पंजाब में 25 हजार डोज वैक्सीन की चंडीगढ़ के स्टाक में है। जल्द ही उसकी सप्लाई मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि जिन भी लोगों ने कोवैक्सीन की पहली डोज लगवा ली थी, उन्हें दूसरी डोज लगनी चाहिए, लेकिन अगर किन्ही कारणों ने वैक्सीन उपलब्ध नहीं है तो परेशानी की बात नहीं है। शरीर में वैक्सीन लगवाने के बाद इम्यूनिटी बूस्ट करने में चार से छह सप्ताह का समय लगता है।