जालंधर के थाना बारादरी में डटे कांग्रेस नेता और समर्थक, आरटीआइ एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े
प्रापर्टी को लेकर आरटीआई डालकर ब्लैकमेल करने के आरोप आरटीआई एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह की गिरफ्तारी न होने पर पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर और कांग्रेस नेता मेजर सिंह ने समर्थकों सहित थाना बारादरी का किया घेराव कर दिया है।
जालंधर, जेएनएन। प्रापर्टी को लेकर आरटीआई डालकर ब्लैकमेल करने के आरोप आरटीआई एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह की गिरफ्तारी न होने पर पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर और कांग्रेस नेता मेजर सिंह ने समर्थकों सहित थाना बारादरी का किया घेराव कर दिया है। दो घंटे से जारी धरने में पुलिस के खिलाफ नारेबाजी जारी है। शाम को डीसीपी गुरमीत सिंह प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे। वह कांग्रेस नेता मेजर सिंह को थाने के अंदर ले गए। उनके साथ कुछ अन्य नेता भी थे। डीसीपी ने उन्हें जल्द उचित कार्रवाई की आश्वासन दिया जिसके बाद धरना उठा लिया गया।
इससे पहले, प्रदर्शनकारियों के पास पहुंचे एसीपी बिमल कांत ने कहा था कि कोर्ट के आदेशों के बाद ही एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी होगी। उन्होंने कोर्ट में वारंट लेने के लिए अपनी टीम भेज दी है। दूसरी तरफ प्रदर्शनकारी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। दोपहर बाद तक मामले का कोई हल नहीं निकला तो थाने के बाहर ही प्रदर्शनकारियों ने लंच किया। कुछ ने छोले व समोसे खाकर भूख मिटाई।
बता दें कि पिछले दिनों कांग्रेस नेता मेजर सिंह ने सिमरनजीत पर आरटीआइ डालकर पैसे मांगने का आरोप लगाया था। मामले में पुलिस ने केस दर्ज करके सिमरनजीत को शुक्रवार को जांच में शामिल होने की बात कह गिरफ्तारी की छूट दे दी थी। हालांकि इसके बाद सिमरनजीत बीमारी सहित कई कारण बताते हुए जांच में शामिल नहीं हुआ है। एसीपी हरसिमरत सिंह ने कहा था कि अगर सोमवार तक सिमरनजीत जांच में शामिल नहीं हुआ तो उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निकाला जा सकता है।
जालंधर में थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस नेता मेजर सिंह और उनके समर्थक।
अब शनिवार और रविवार को भी सिमरजीत सिंह जांच में शामिल नहीं हुआ तो मेजर सिंह और उनके समर्थकों ने थाना बारादरी का घेराव कर दिया। सोमवार सुबह मेजर सिंह अपने समर्थकों के साथ थाने के बाहर पहुंचे। उन्होंने हाथों में पोस्टर पकड़े थे, जिन पर लिखा था चोरों को शह देना बंद करो। समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। उनका आरोप था कि पुलिस की मिलीभगत से सिमरनजीत सिंह गिरफ्तार नहीं हो रहा। जानबूझकर पुलिस उसे तफ्तीश में शामिल होने की बात कहकर छोड़ रही है। इस मौके पर कांग्रेस पार्षद बलराज ठाकुर, रिपन, सुभाष अरोड़ा, सुरेश, नरेश सहगल, विवेक, सुभाष, सुरेश कुमार, तरसेम खौसला सहित अन्य मौजूद थे।
यह था मामला
गत बुधवार को आरटीआइ डाल कर ब्लैकमेलिंग करने के आरोप को लेकर आपस में उलझे पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर मेजर सिंह और आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह उलझ गए थे। विवाद बढ़ने पर थाना बारादरी की पुलिस आरटीआइ एक्टिविस्ट को थाने ले गई थी। बाद में मेजर सिंह भी थाने पहुंचे। पुलिस को दोनों पक्षों ने शिकायत दी। मेजर सिंह का आरोप था कि सिमरनजीत सिंह ने उनकी और उनके जानकारों की प्रापर्टी को लेकर आरटीआइ डाली है। उनका आरोप था कि वह उन्हें ब्लैकमेल कर रहा है। इसी को लेकर बुधवार रात को उन्हें पुडा दफ्तर के पीछे बुलाया था। वह ट्रैप के तहत एक लाख रुपये लेकर आए थे।
उनका आरोप था कि इस दौरान सिमरनजीत ने एक लाख रुपये ले लिए और कहने लगा कि वो तो हर साइट के हिसाब से पैसे लेता है। इसके बाद विवाद बढ़ गया। मेजर सिंह ने आरोप लगाया था कि सिमरजीत के साथी ने तेजधार हथियार निकालकर हमला करने की कोशिश की। इतने में पुलिस भी पहुंच गई। सिमरनजीत का साथी मौके से भाग गया जबकि सिमरनजीत सिंह को उन्होंने पकड़ लिया। दूसरी ओर सिमरनजीत सिंह का कहना है कि उन पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उन्हें फंसाया जा रहा है।