दीवाली पर चरम पर टैक्स चोरी, रात के अंधेरे में बिना बिल के अवैध बसों में भरकर लाया गया माल
दीवाली से ठीक पहले दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार और राजस्थान से जालंधर में बिक्री के लिए सामान अवैध तरीके से बस माफिया की मदद से पहुंचाया गया। बिना बिल का माल रामा मंडी चौक पीएपी चौक और मकसूदां आदि में उतारा गया।
जालंधर, जेएनएन। सरकारी तंत्र की विफलता इस बार दीवाली पर टैक्स चोरों के लिए भी खासी फायदेमंद साबित हुई है। परिवहन विभाग अवैध बसों पर लगाम नहीं लगा पाया है और टैक्सेशन विभाग रात के अंधेरे में इन्हीं अवैध बसों में लाए जा रहे बिना बिल के माल को नहीं पकड़ सका।
दीवाली से ठीक पहले दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान से जालंधर में बिक्री के लिए सामान अवैध तरीके से बस माफिया की मदद से पहुंचाया गया। बिना बिल के इस माल को रामा मंडी चौक और पीएपी चौक में ही उतारा गया। बिना बिल का माल कारों, थ्री व्हीलर और छोटे हाथी में लादकर गोदामों तक महफूज पहुंचा दिया गया। मकसूदां क्षेत्र में भी बिना बिल के माल उतारे जाने की सूचना है।
हैरानी इस बात की है कि छोटे से पैकेट में बंद गहनों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपाने वाली टैक्सेशन विभाग की अफसरशाही को भारी भरकम बोरों में बंद बिना बिल का माल नजर ही नहीं आया। हालांकि कुछ महीने पहले ही रेलवे स्टेशन पर रेलवे पार्सल विभाग से पार्सल माफिया का माल जब्त करने को ही टैक्सेशन विभाग कि सांस तक फूल गई थी।
बसों में अवैध माल रखने को गुप्त डिग्गी
अवैध बस माफिया मात्र यात्रियों से भारी-भरकम किराये के तौर पर पैसा नहीं कमा रहा है, बल्कि बिना बिल के माल को लाने के लिए भी चांदी कूट रहा है। अवैध बसों में बिना बिल का माल रखने के लिए गुप्त डिग्गी बनाई गई है, जहां बाहर से देखने पर माल रखा होने के बारे पता ही नहीं चल पाता। 52 सीटर बस के निचले हिस्से में डिग्गी होने की वजह से ही अवैध बसों की ऊंचाई साधारण बसों से ज्यादा होती है। हालांकि तर्क यह दिया जाता है कि स्लीपर कोच की वजह से ही ऊंचाई ज्यादा है।
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