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कोरोना के कारण लाकडाउन में जरूरतमंद कर्मचारियों का रखा ध्यान, काम बंद होने पर भी हौसला रखा

न्यू इमेज इंस्टीट्यूट की एमडी पूजा कहती है कि जब कोई सफर शुरू करो तो रास्ते में तमाम बाधाएं आती हैं। पर आपका जुनून कम नहीं होना चाहिए। कोई भी मुकाम पाना आसान नहीं होता उसके लिए काबिल बनना जरूरी होता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 11:45 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 11:45 AM (IST)
कोरोना के कारण लाकडाउन में जरूरतमंद कर्मचारियों का रखा ध्यान, काम बंद होने पर भी हौसला रखा
न्यू इमेज इंस्टीट्यूट की एमडी पूजा सिंह ने कोरोना काल में अपने हर कर्मचारी का ध्यान रखा।

जालंधर, [प्रियंका सिंह]। सफलत उसी के कदम चूमती है जो कठिन परिस्थितियों में भी दूसरों को साथ लेकर आगे बढ़ता है। मुश्किल चाहे कैसी भी हो, हिम्मत और बुलंद हौसले इंसान को फर्श से अर्श तक पहुंचा देते हैं। इसी जज्बे के साथ पूजा सिंह ने विज्ञापन से लेकर न्यू इमेज इंस्टीट्यूट तक का सफर तय किया और अपनी एक अलग पहचान बनाई।

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पूजा कहती है कि जब कोई सफर शुरू करो तो रास्ते में तमाम बाधाएं आती हैं। पर आपका जुनून कम नहीं होना चाहिए। कोई भी मुकाम पाना आसान नहीं होता, उसके लिए काबिल बनना जरूरी होता है। पूजा ने बिजनेस में अपना काम पूजा विज्ञापन नाम की फर्म से शुरू किया था। आज वह न्यू इमेज इंस्टीट्यूट की एमडी हैं। उन्होंने वर्ष 2004 में इसकी स्थापना की थी। इसकी आज जालंधर में 4 ब्रांच हैं, जिनमें 100 से भी अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। इंस्टीट्यूट में वह कॉस्मेटोलॉजी, होटल मैनेजमेंट व अन्य कई कोर्स करवाती हैं।

पूजा बताती हैं कि उनका काम बहुत अच्छा चल रहा था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण सब ठप हो गया था। लकडाउन में सब कुछ बंद होने का कारण उनके साथ काम कर रहे 100 से ज्यादा कर्मचारी मुसीबत में पड़ गए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस दौरान बहुत कठिन समय का सामना करना पड़ा। इतनी परेशानी तो बिजनेस शुरू करते समय भी नहीं हुई थी। इंस्टीट्यूट बंद होने के कारण सबको घर बैठाना पड़ा। बावजूद इसके हमने हिम्मत नहीं हारी और जरूरतमंद कर्मियों की मदद करते रहे।

अपने कर्मचारियों का रखा ध्यान

फेसबुक पेज, गूगल, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के जरिये जरूरतमंदों और अपने कर्मचारियों से तालमेल बनाए रखा। हम नहीं चाहते थे कि कोई भी कर्मचारी इंस्टीट्यूट से अलग हो। जिन्होंने ईमानदारी और लगन से काम किया है, उन्हें वह संकट के समय खोना नहीं चाहती थीं। काम बंद होने के कारण कहीं उनके घर के चूल्हे ना बंद हो जाए। इसकी चिंता करते हुए हर कर्मचारी से तालमेल बनाए रखा और उनकी मदद की।

पैसे इकट्ठा कर कोरोना काल में जरूरतमंदों की मदद की

पूजा ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को सेहत और ब्यूटी से जुड़े टिप्स भी देती रही हैं। आनलाइन आकर लोगों को दूसरों की मदद करने के लिए जागरूक किया। पूजा ने बताया कि उन्होंने अपनी सोसाइटी के लोगों से आग्रह कर जरूरतमंदों के लिए पैसे जुटाए। इन पैसों से राशन या जरूरत का सामान लेकर लोगों में बांटा। मई में काम दोबारा शुरू हुआ लेकिन काम 25 प्रतिशत ही रह गया। जो भी ग्राहक आ रहे थे वो बहुत कम खर्च में अपना मेकअप करवा रहे थे। वे मेकअप करवाने अकेले ही आते थे। उनकी शर्त होती थी कि वहां पर केवल मेकअप आर्टिस्ट ही हो और कोई नहीं।

अब पटरी पर लौटा काम, कर्मचारियों को वेतन मिलना शुरू

जुलाई से काम पटरी पर आने लगा है। कर्मचारियों ने पहले की तरह ही अपना काम शुरू कर दिया है। उनको वेतन मिलना भी शुरू हो गया है। पूजा का कहना है कि मैं खूद को बहुत किस्मत वाली समझती हूं कि भगवान ने मुझे लोगों की मदद करने लायक बनाया। जिस तरह से कोरोना काल में अपने कर्मचारियों को और खुद को संभाला है उसी तरह ही आने वाले समय में भी अपने कर्मचारियों का ध्यान रखेंगे। कभी हौसला नहीं हारेंगे, सब को साथ लेकर चलते रहेंगे।


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