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जालंधर में बेरोजगार अध्यापकों ने सीएम चन्नी के दावों को बताया झूठा, लोगों से कहा- सच्चाई देखकर करें मतदान

बीएड टीईटी पास बेरोजगार अध्यापकों ने शिक्षा मंत्री परगट सिंह के हलके में सोमवार बाद दोपहर रोष मार्च निकालना शुरू किया है। इस दौरान पूरे मार्ग में वे शिक्षा मंत्री परगट सिंह और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के दावों को झूठा बताते हुए नारेबाजी कर रहे थे।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 27 Dec 2021 05:02 PM (IST)Updated: Mon, 27 Dec 2021 05:02 PM (IST)
जालंधर में बेरोजगार अध्यापकों ने सीएम चन्नी के दावों को बताया झूठा, लोगों से कहा- सच्चाई देखकर करें मतदान
बीएड टेट पास बेरोजगार अध्यापकों ने बस स्टैंड से शिक्षा मंत्री के खिलाफ मार्च निकाला है। जागरण

जासं, जालंधर। खाली पोस्टों पर भर्ती न किए जाने से नाराज बीएड टीईटी पास बेरोजगार अध्यापकों ने शिक्षा मंत्री परगट सिंह के हलके में सोमवार बाद दोपहर रोष मार्च निकालना शुरू किया है। इस दौरान पूरे मार्ग में वे शिक्षा मंत्री परगट सिंह और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के दावों को झूठा बताते हुए नारेबाजी कर रहे थे। शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री की तस्वीरें अपने कपड़ों पर चिपकाकर उस पर क्रास का निशान बनाया हुआ था, जो साफ-साफ उनकी नाराजगी को जाहिर कर रहा था।

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अध्यापकों का विरोध का यह भी कारण था कि दो महीने से प्रदर्शन करने के बावजूद उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है। इस वजह से उन्हें रोजाना सड़कों पर उतरकर अपना हक मांगना पड़ रहा है। इसी वजह से शिक्षकों ने मार्ग से गुजरने वालों लोगों से भी चन्नी सरकार और शिक्षा मंत्री के खोखले दावों की सच्चाई जान कर ही वोट डालने की अपील की। बेरोजगार बीएड टीईटी पास शिक्षक पहले भी कई बार शिक्षा मंत्री परगट सिंह की कोठी के बाहर धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। मंत्री परगट सिंह ने भी उनसे मिलकर शिक्षकों की भर्ती किए जाने का आश्वासन दिया है। हालांकि अभी तक इसे लेकर सरकार की ओर से कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इसी कारण बेरोजगार शिक्षकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।  

जालंधर में दो महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं बेरोजगार शिक्षक 

बता दें कि बीएड टीईटी पास बेरोजगार शिक्षकों की यूनियन ने पुराने बस स्टैंड की पानी की टंकी के नीचे 28 अक्टूबर से स्थायी धरना लगाया हुआ है। उसी दिन से टंकी के ऊपर मनीष कुमार फाजिल्का और जसवंत घुबाया बैठे हुए हैं। ठंड की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ रही है, मगर सरकार और शिक्षा मंत्री केवल आश्वासनों की घुट्टी पिलाकर पल्ला झाड़ रहे हैं। इसी कारण प्रदर्शनकारियों को अब शिक्षा मंत्री के विरोध में मार्च करना पड़ रहा है।


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