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RTPCR टेस्ट के ज्यादा रेट वसूल रहे, जालंधर की निजी लैब के खिलाफ FIR की सिफारिश

जालंधर के अतुल्या लैब के खिलाफ अधिक चार्ज वसूले जाने की शिकायत 16 मार्च को मिली थी। इसकी जांच के लिए सिविल सर्जन एसडीएम नगर निगम के संयुक्त कमिश्नर व जिला परिवार भलाई अफसर की टीम बनाई थी। उनकी रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 09:48 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 09:48 AM (IST)
RTPCR टेस्ट के ज्यादा रेट वसूल रहे, जालंधर की निजी लैब के खिलाफ FIR की सिफारिश
अतुल्या लैब के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है।

जालंधर, जेएनएन। डीसी के आदेशों पर सहायक कमिश्नर (शिकायतें) ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर ग्रीन पार्क स्थित अतुल्या लैब द्वारा मरीज से कोरोना टेस्ट के अधिक चार्ज वसूलने के आरोप साबित होने पर लैब के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश की है।

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पत्र में कहा है कि लैब के खिलाफ अधिक चार्ज वसूले जाने की शिकायत 16 मार्च को मिली थी। इसकी जांच के लिए सिविल सर्जन, एसडीएम, नगर निगम के संयुक्त कमिश्नर व जिला परिवार भलाई अफसर की टीम बनाई थी। उनकी रिपोर्ट में आरोप सही पाए गए ।

रिपोर्ट के मुताबिक लैब ने कोविड टेस्ट के 1200 रुपये व होम कलेक्शन के 1500 रुपये वसूले जबकि सरकार की तरफ से कोरोना टेस्ट का रेट 900 रुपये निर्धारित किया गया है। 5 मई को भी लैब के खिलाफ आरटी पीसीआर टेस्ट के लिए 450 रुपये से अधिक रकम वसूलने की शिकायत मिली थी। सहायक कमिश्नर (शिकायतें) ने नोटिस जारी करके लैब मालिकों को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था ।

लैब के हरपाल सिंह के स्पष्टीकरण के बाद यह सिद्ध हो गया था कि लैब मालिक ने निर्धारित रेट से अधिक पैसे वसूले थे। सिफारिश में लिखा है कि लैब बार-बार सरकार के आदेशों की उल्लंघना कर रही है, उस पर आईपीसी-1860, एपीडेमिक डिसीजज एक्ट 1897 व प्राकृतिक आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाए।

अस्पतालों के खिलाफ जिला प्रशासन ने शुरू किया डंडा चलाना

कोरोना के संदिग्ध या संक्रमित मरीजों को इलाज के नाम पर लूटने वाले अस्पतालों के खिलाफ जिला प्रशासन ने डंडा चलाना शुरू कर दिया। मंगलवार को डीसी ने शमशेर अस्पताल की कोविड कोरोना केयर की लेवल-2 की सेवाएं सस्पेंड कर दी गई। आगे की जांच के लिए चार सदस्यों की कमेटी भी गठित की गई। अस्पताल पर आरोप लगा है कि मरीज का कोरोना टेस्ट किए बगैर ही शमशेर अस्पताल में कोरोना का इलाज किया जा रहा था। एक मामले में लेवल-2 के मरीज को लेवल थ्री की आक्सीजन सपोर्ट पर रखकर इलाज किया गया। इलाज के साथ मरीज के परिजनों का अच्छा खासा बिल भी बना दिया। इसके बाद मरीज के परिवारवालों से दवा व इंजेक्शन के लिए ओवरचार्जिंग भी की गई। बाद में मरीज की मौत भी हो गई। इसको लेकर मृतक के परिजनों व भाजपा नेताओं ने मामले की शिकायत डिप्टी कमिश्नर से की।

डीसी घनश्याम थोरी ने प्राथमिक जांच के बाद शमशेर अस्पताल की कोविड केयर फेसिलिटी सस्पेंड कर दी। वहां कोरोना के नए मरीज दाखिल नहीं हो सकेंगे। विस्तृत जांच के लिए एसडीएम-1, सिविल सर्जन, जोनल लाइसेंसिंग अथारिटी ड्रग्स व वडाला के मेडिकल अफसर डा. अशोक कुमार की कमेटी बना दी गई। अस्पताल में हुई अनियमितताओं के साथ ओवरचार्जिंग, दवा खरीद सहित अन्य तथ्यों पर जांच पड़ताल कर टीम तीन दिन में रिपोर्ट देगी।

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