शहर में लगे सखी बॉक्स, हिंसा और शोषण की शिकार महिलाएं कर सकेंगी शिकायत
शुरुआत में जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स बस स्टैंड सिटी रेलवे स्टेशन सिविल अस्पताल व कंपनी बाग चौक सखी में सखी बॉक्स लगाए गए हैं। महिलाएं इनमें शिकायत ड्रॉप कर सकती हैं।
जालंधर [मनीष शर्मा]। हिंसा व शोषण की शिकार महिलाओं को अब शिकायत लेकर भटकना नहीं पड़ेगा। न ही उन्हें अफसरों के दफ्तर में एडिय़ां घिसनी पड़ेंगी। पुलिस थानों में भी कार्रवाई की आस में बेइज्जत नहीं होना होगा। अब वो आसानी से पुलिस व प्रशासन तक अपनी शिकायत पहुंचा सकेंगी। इसके लिए शहर में सखी-बॉक्स लगने शुरू हो गए हैं। इसकी शुरूआत जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स, बस स्टैंड, सिटी रेलवे स्टेशन, सिविल अस्पताल व कंपनी बाग चौक में नेहरू गार्डन स्कूल से कर दी गई है। इसके बाद दो सखी बॉक्स कैंट में लगाए जाएंगे। फिर, जिले की नकोदर, फिल्लौर, शाहकोट, करतारपुर आदि सब डिवीजनों में भी यह बॉक्स लगाए जाएंगे। सखी बॉक्स में आने वाली शिकायतें सिविल अस्पताल में चल रहे सखी-वन स्टॉप सेंटर के जरिए हल की जाएंगी। डिप्टी कमिश्नर वङ्क्षरदर शर्मा के जरिए मंगलवार को इन्हें शिकायतों के लिए औपचारिक तौर पर शुरू कर दिया जाएगा।
रोजाना खुलेंगे बॉक्स
सखी-बॉक्स में आने वाली शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई के लिए रोजाना खोला जाएगा। कोई भी शिकायत 24 घंटे से ज्यादा इस बॉक्स के अंदर नहीं रहेगी। इसके लिए सामाजिक सुरक्षा और महिला व बाल विकास विभाग की संयुक्त टीमें बनाई गई हैं। इन्हें सखी वन स्टॉप सेंटर में खोला जाएगा। फिर टीम शिकायत करने वाली महिलाओं से संपर्क करेगी। टीम पहले तथ्यों की पड़ताल करेगी। अगर उन्हें शिकायत में सच्चाई नजर आई तो फिर आगे संबंधित विभाग को जांच व कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। पुलिस से जुड़ी शिकायतों में मदद के लिए सखी सेंटर में पुलिस अफसर की भी तैनाती होगी।
ऐसी शिकायतें दे सकेंगी महिलाएं
सखी बॉक्स में महिलाएं घरेलू हिंसा या शोषण, दुष्कर्म, यौन उत्पीडऩ जैसी उन घटनाओं की शिकायत दे सकती हैं। जिसमें उन्हें शारीरिक व मानसिक तौर पर परेशान होना पड़ा हो। शिकायत देने के बावजूद अगर उनकी सुनवाई नहीं की जा रही तो वो महिलाएं भी इसका लाभ उठा सकती हैं।
इसलिए जरूरी है पहल
प्रशासन की यह पहल इसलिए जरूरी है क्योंकि महिलाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई अक्सर सही ढंग से नहीं हो पाती। खासकर, पुलिस विभाग से जुड़ी शिकायतों में उन्हें ज्यादा परेशानी होती है। जांच के नाम पर तरह-तरह के सवाल और फिर आरोपित की सिफारिश आने पर पुलिस कार्रवाई नहीं करती। इससे महिलाओं को चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ता है। हालांकि इसके लिए 181 व 1093 हेल्पलाइन नंबर चल रहे हैं लेकिन महिलाओं की परेशानी फिर भी नहीं थमी। अब वे निःसंकोच अपनी शिकायत दे सकती है। इसका फायदा यह भी है कि महिलाओं पर अत्याचार के विरूद्ध कार्रवाई के लिए खोले सखी सेंटर के जरिए इनकी निगरानी होगी।
सखी बॉक्स लगाने शुरू कर दिए हैं। अगर रिस्पांस अच्छा रहा तो और भी लगाए जाएंगे। शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। शिकायत के साथ महिलाओं को अपना पता व फोन नंबर जरूर देना होगा ताकि उनसे आसानी से संपर्क किया जा सके। मंगलवार को इसकी अधिकारिक शुरूआत कर रहे हैं।
-अमरजीत भुल्लर, जिला प्रोग्राम अफसर।
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