जालंधर में ABVP ने कहा- तकनीकी शिक्षा को आठ भारतीय भाषाओं में पढ़ाए जाने का निर्णय स्वागत योग्य
ABVP की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का यह निर्णय महत्वपूर्ण है और एबीवीपी इसका अभिनंदन करती है। एबीवीपी ने वर्ष 2016 में शिक्षा मंत्री को दिए ज्ञापन में यह मांग की थी जो आज साकार हो रही है।
जालंधर, जेएनएन। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने तकनीकी शिक्षा को अगले अकादमिक सत्र से 8 भारतीय भाषाओं में पढ़ाए जाने का स्वागत किया है। ABVP की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का यह निर्णय महत्वपूर्ण है और एबीवीपी इसका अभिनंदन करती है। एबीवीपी ने वर्ष 2016 में शिक्षा मंत्री को दिए ज्ञापन में यह मांग की थी जो आज साकार हो रही है।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद का यह निर्णय विशेष तौर पर ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के युवाओं के लिये महत्वपूर्ण औ लाभप्रद सिद्ध होगा। इससे ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के छात्र अपने सपनों को साकार करने में सफल होंगे।
तकनीकी शिक्षा की उपलब्धता भारतीय भाषाओं में न होने के कारण पिछड़े, ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों के छात्र इससे वंचित रह जाते थे। तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई मुख्यतः अंग्रेजी भाषा में होने के कारण अंग्रेजी में किंचित असहज अनुभव करने वाले छात्र मानसिक दबाव में शिक्षा ग्रहण करते थे। इसी असहजता के कारण तकनीकी शिक्षा से दूर हो जाते थे। अखिल भारतीय तकनीकी संस्थान के इस निर्णय से अब लाखों छात्र तकनीकी शिक्षा को ग्रहण कर पाएंगे और देश व समाज के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा पाएंगे।
महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि एबीवीपी की लंबे समय से मांग कर रही है की मातृ भाषा में शिक्षा मिले। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी भारतीय भाषाओं में शिक्षा की उपलब्धता पर जोर दिया गया है। एआईसीटीई पाठ्यक्रम को जल्द से जल्द सभी भाषाओं में उपलब्ध करवाए, जिससे यह निर्णय जल्द से जल्द लागू हो।
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