कॉमे ने डाला कन्फ्यूजन, जालंधर की 20 फीसद इंडस्ट्री रही बंद
शिफ्ट में कार्य करने वाली औद्योगिक इकाइयों में अब श्रमिकों को ओवरटाइम न करने के लिए कह दिया गया है। छुट्टी का समय 530 बजे निर्धारित कर दिया है।
जालंधर, जेएनएन। कर्फ्यू को लेकर सरकार की तरफ से जारी किए गए दिशा-निर्देशों में एक कॉमे ने ऐसा कन्फ्यूजन डाला की शनिवार को महानगर की लगभग 20 फीसद औद्योगिक इकाइयां बंद रहीं। सरकार की तरफ सेे शुक्रवार को कर्फ्यू को लेकर जो दिशा-निर्देश जारी किए गए थेस उनमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट एवं इंडस्ट्री इन मल्टी शिफ्ट्स के मध्य में कॉमा (,) डालने की त्रुटि रह गई थी। इस कारण इन आदेशों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री इन मल्टी शिफ्ट्स के तौर पर ही पढ़ा जाता रहा। हालांकि देर शाम इस कंफ्यूजन को दूर भी कर लिया गया था, लेकिन कुछ ऐसे उद्योग संचालक भी थे, जिन तक यह स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं पहुंच पाए। इसी के चलते शनिवार को कर्फ्यू के दौरान महानगर की लगभग 80 फ़ीसदी औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन हुआ, लेकिन 20 फीसद ऐसी इकाइयां भी रही, जिनमें छुट्टी रखी गई।
जालंधर इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह सग्गू ने कहा कि शुक्रवार देर शाम सभी को इन दिशानिर्देशों के संबंध में स्पष्ट करने के लिए संपर्क साधा गया था, लेकिन 20 फीसद के लगभग ऐसे इंडस्ट्री संचालक बाकी बच गए थे, जो किसी औद्योगिक संगठन के साथ नहीं जुड़े हुए। इस वजह से उन तक स्पष्ट आदेश नहीं पहुंच पाए और उनकी ही वर्किंग प्रभावित रही। उन्होंने कहा कि सिंगल शिफ्ट में कार्य करने वाली औद्योगिक इकाइयों में अब श्रमिकों को ओवरटाइम न करने के लिए कह दिया गया है। छुट्टी का समय 5:30 बजे निर्धारित कर दिया है, ताकि श्रमिक सात बजे कर्फ्यू लागू होने से पहले घर पहुंच जाएं।
इसी मध्य उद्योग नगर मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन, गदईपुर के अध्यक्ष तेजिंदर सिंह भसीन ने कहा है कि कर्फ्यू के दौरान इंडस्ट्री को पूर्ण राहत मिली है। औद्योगिक इकाइयों में काम पर जाने वाले श्रमिकों को कर्फ्यू में बिल्कुल भी रोका नहीं गया है और उत्पादन 100 फीसद चल रहा है।
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