Jalalabad Blast: पिता ने कहा, हमें विश्वास ही नहीं हो रहा कि विंदर अब इस दुनिया में नहीं
19 वर्षीय दसवीं पास विंदर सिंह जलालाबाद अपनी बुआ से मिलने की बात कहकर घर से बुधवार की शाम को गया था। ऐसा कुछ घंटे में क्या कुछ हो गया कि उसकी नई मोटरसाइकिल तो सलामत है लेकिन हादसे में उसके चीथड़े उड़ गए।
एलेक्स डिसूजा, फरीदकोट। हमें तो विश्वास ही नहीं हो रहा है कि अब छोटा बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। 19 वर्षीय दसवीं पास बलविंदर उर्फ विंदर सिंह जलालाबाद अपनी बुआ से मिलने की बात कहकर घर से बुधवार की शाम को गया था। ऐसा कुछ घंटे में क्या कुछ हो गया कि उसकी नई मोटरसाइकिल तो सलामत है लेकिन हादसे में उसके चीथड़े उड़ गए। यह कहना है बुधवार रात जलालाबाद में हुए विस्फोट में मारे गए विंदर के पिता जसवंत सिंह का।
जसवंत सिंह ने बताया कि वह फिरोजपुर जिले के सरहदी गांव दुलची-के साथ लगते बस्ती निहंगा वाली के रहने वाले हैं। उनकी कुल चार संतानें हैं। विंदर से बड़े दो और बेटे है, जबकि बेटी सबसे छोटी है। वह और उनके तीनों बेटे दिहाड़ी मजदूरी करते थे। गांव में घर पर एक छोटी सी वह दुकान भी चलाते हैं। बेटे को मोटरसाइकिल का बहुत शौक था। पिछले दिनों ही उसे नई प्लेटिना मोटरसाइकिल लाकर दी थी। घटना वाले दिन शाम को विंदर जलालाबाद अपनी बुआ से मिलने के लिए कहकर निकला था। रास्ते में हादसा हो गया। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि बेटे के चीथड़े कैसे उड़ गए।
जसवंत ने बताया कि रात में उनके पास पुलिस का फोन आया कि,आपके बच्चे का एक्सीडेंट हो गया है, आप जलालाबाद अस्पताल आ जाओ। कुछ देर बाद फिर फोन आया कि आप फरीदकोट मेडिकल अस्पताल पहुंचो। वहां पहुंचने पर हमें पता लगा कि मेरे बेटे के शरीर के चीथड़े उड़ गए हैं। हमें तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि यह सबकुछ कैसे हुआ। उनका बेटा बेहद सीधा था। अपने काम से काम मतलब रखता था, वह कोई नशा भी नहीं करता था। पूरा गांव उसकी तारीफ करता था। उन्होंने पुलिस-प्रशासन से मांग की कि घटना की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई से पर्दा उठे और जो दोषी है उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो।
वीरवार की दोपहर गुरु गोविंद सिंह मेडिकल कालेज के फोरेंसिंक डिपार्टमेंट में मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया। टीम में डा. राजीव जोशी, डा. अश्वनी कुमार, डा. रवदीप धालीवाल व एक अन्य डाक्टर ने पोस्टमार्टम करके शव वारिसों के हवाले कर दिया। बताया जा रहा है कि घटना के कारणों का सही पता पोस्टमार्टम व पुलिस की फोरेंसिक टीम द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों के मिलान से ही लगेगा। इसकी रिपोर्ट आने में अभी थोड़ा समय लगेगा।
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