जालंधर में डीसी ने देश पर जान कुर्बान करने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि, बोले- शहीदों के दिखाए रास्ते पर चलें युवा
जालंधर में डीसी थोरी ने कहा कि 1971 की जंग आजाद भारत के इतिहास में एक नया मोड़ था। इस जंग में जीत ने हमारे देश को विश्व में एक मजबूत राष्ट्र के तौर पर उभारा था। यह सब सैनिकों की शहादत की बदौलत ही हो सका था।
जालंधर, जेएनएन। डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने शुक्रवार को युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि वे देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए सैनिकों की शहादत से सीख लें। डीसी थोरी वर्ष 1971 की भारत-पाक जंग में शहीद हुए जीत सिंह को श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए आयोजित समारोह में बोल रहे थे। डीसी ने कहा कि शहीद जीत सिंह ने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। युवाओं और विद्यार्थियों को इस महान नायक से प्रेरणा लेनी चाहिए और पूरे जोश और दृढ़ता के साथ देश की सेवा करनी चाहिए।
डीसी थोरी ने कहा कि 1971 की जंग आजाद भारत के इतिहास में एक नया मोड़ था। इस जंग में जीत ने हमारे देश को विश्व में एक मजबूत राष्ट्र के तौर पर उभारा था। यह सब सैनिकों की शहादत की बदौलत ही हो सका था। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा युवाओं की आबादी वाला देश है। उनके कंधों पर भारत को एक महाशक्ति बनाने की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सोसायटी, प्रसाशन और राष्ट्र हमेशा उन शहीदों का कर्जदार रहेगा, जिन्होंने भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया।
इस समारोह दौरान डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने जरूरतमंद व्यक्तियों को सिलाई मशीनें और कंबल भी बांटे। इसके साथ ही शहीद जीत सिंह ऐजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी को 25,000 रुपये अनुदान देने का एलान भी किया। इस अवसर पर प्रिंसिपल राजीव सेकरी, बलविंदर सिंह और अन्य उपस्थित रहे।
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