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काली बेईं को पुनर्जीवित करने पर संत सीचेवाल की प्रशंसा की

अलाइंस फार रिवर के 39वें सेशन में हिस्सा लेते हुए देशभर के 40 से अधिक वातावरण प्रेमियों ने कहाकि पानी के प्राकृतिक स्त्रोतों को संभालने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीति बनाई जाए ताकि पानी के संकट से उभरा जा सके।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 09:34 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 09:34 PM (IST)
काली बेईं को पुनर्जीवित करने पर संत सीचेवाल की प्रशंसा की
काली बेईं को पुनर्जीवित करने पर संत सीचेवाल की प्रशंसा की

संवाद सूत्र, शाहकोट : अलाइंस फार रिवर के 39वें सेशन में हिस्सा लेते हुए देशभर के 40 से अधिक वातावरण प्रेमियों ने कहाकि पानी के प्राकृतिक स्त्रोतों को संभालने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीति बनाई जाए ताकि पानी के संकट से उभरा जा सके।

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वक्ताओं ने वेबिनार के माध्यम से कहा कि पानी के प्राकृतिक स्त्रोतों को खराब होने से बचाना व बरसाती पानी को संभालना देश के सामने बड़ी चुनौती है। वहीं, वेबिनार में पावन बेईं को पुनर्जीवित करने पर देश के वातावरण प्रेमियों ने संत बलबीर सिंह सीचेवाल की प्रशंसा की। संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि सबसे पहला लक्ष्य होना चाहिए कि बिना रुके काम कैसे करना है। यही सफलता का मंत्र है। काली बेईं की कार सेवा का जिक्र करते संत सीचेवाल ने कहा कि लोगों की शमूलियत के साथ ही बड़े कामों को किया जा सकता है।

सेवादार गुरविदर सिंह बोपाराय ने कहा कि सीचेवाल माडल के माध्यम से अब तक 100 से अधिक गांव एनआरआईज के सहयोग से गंदे पानी को ट्रीट करके खेती कर रहे।। केरला के डा. नगेन्द्र प्रभु ने विदेशी बूटी को कैसे नए स्वरूपों से संभाला जा सकता है, के बारे जानकारी दी। मुंबई कालेज की प्रिसिपल दोंदे ने वृंदावन नजदीकी गांवों में ऐतिहासिक जल कुंडों को साफ करने के लिए संत सीचेवाल से सहयोग मांगा। इस मौके पर संजय गुप्ता इंदौर, प्लास्टिक संभालने वाले पुणे वासी विनोद बोधनकर, डा. संतोष पाटीदार, विवेक श्रुति, आनंद झा, गुणवंत जोशी, संजय कश्यप, अजय जैन व शिक्षार्थी मौजूद थे।


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