Move to Jagran APP

बिजली संकट : जालंधर की इंडस्ट्री कर रही मैनेज, कुछ दिन में संकट नहीं हुआ दूर तो बढ़ेगी परेशानी

कोयले की कमी की वजह से पैदा हुई बिजली की किल्लत को महानगर की इंडस्ट्री फिल्हाल मैनेज करती नजर आ रही है। हालांकि कयास यही लगाए जा रहे हैं कि आगामी चार दिन के भीतर कोयले की सप्लाई थर्मल प्लांटों तक पहुंचनी शुरू हो जाएगी।

By Vinay KumarEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 08:41 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 09:02 AM (IST)
बिजली संकट : जालंधर की इंडस्ट्री कर रही मैनेज, कुछ दिन में संकट नहीं हुआ दूर तो बढ़ेगी परेशानी
बिजली संकट दूर नहीं हुआ तो इंडस्ट्री को होगी परेशानी।

जागरण संवाददाता, जालंधर। कोयले की कमी की वजह से पैदा हुई बिजली की किल्लत को महानगर की इंडस्ट्री फिल्हाल मैनेज करती नजर आ रही है। बिजली के छोटे कट लगाए जा रहे हैं जिनके मुताबिक इंडस्ट्री अपनी वर्किंग तबदील कर रही है। यह जरूर है कि अगर आगामी कुछ ही दिनों में बिजली का संकट दूर नहीं हुआ तो फिर इंडस्ट्री का चल पाना मुश्किल भरा हो जाएगा। हालांकि कयास यही लगाए जा रहे हैं कि आगामी चार दिन के भीतर कोयले की सप्लाई थर्मल प्लांटों तक पहुंचनी शुरू हो जाएगी जिसके बाद बिजली सप्लाई भी सुचारू हो जाएगी।

loksabha election banner

जालंधर आटो पार्ट्स मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के संरक्षक एवं जेएमपी इंडस्ट्रीज के संचालक बलराम कपूर ने कहा कि वह ऐसी किसी भी आपात स्थित से निपटने के लिए लगभग 15 दिन का स्टाक रखते हैं ताकि आर्डर समय पर पहुंचाने में किसी तरह की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि हालांकि बिजली के कटों के मुताबिक वर्किंग में बदलाव करना पड़ रहा है लेकिन फिल्हाल परिस्थिति मैनेज हो रही है। उन्होंने कहा कि आगामी कुछ दिनों के भीतर बिजली सप्लाई सुचारू नहीं हुई तो फिर प्रोडक्शन प्रभावित होगा।हॉक लेदर्स के संचालक एसपीएस राजू विर्क ने कहा कि बीते चार दिन से बिजली संकट गहराया है लेकिन फिल्हाल इंडस्ट्री का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित नहीं हुआ है।

बिजली कटों के मुताबिक काम चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह जरूर है कि सरकार को अति शीघ्र बिजली के संकट को दूर करना चाहिए। इंडस्ट्री तो किसी तरह से चल रही है लेकिन घर से लेकर मार्केट तक बिना बिजली के प्रभावित हो रहे हैं।रबड़ फुटवियर मैन्यूफैक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज अरोड़ा ने कहा कि कुछ महीने पहले 12 दिन तक इंडस्ट्री बिना बिजली के वीकेंड पर रही थी। जिससे उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। विदेशी समेत देसी खरीददार भी पंजाब का विकल्प ढूंढने लगे थे। अगर ऐसा बार-बार होगा तो पंजाब की इंडस्ट्री का पक्का विकल्प तलाश लिया जाएगा और ग्राहक नहीं मिल सकेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.