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पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की डिवाइस की शर्त पर बिफरे उद्यमी

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से उद्यमियों को जरूरी बताई जा रही नई पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइस उद्यमियों को नागवार गुजरी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Sep 2019 08:04 PM (IST)Updated: Mon, 02 Sep 2019 08:04 PM (IST)
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की डिवाइस की शर्त पर बिफरे उद्यमी
पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की डिवाइस की शर्त पर बिफरे उद्यमी

जागरण संवाददाता, जालंधर

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पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की तरफ से उद्यमियों को जरूरी बताई जा रही नई पॉल्यूशन कंट्रोल डिवाइस उद्यमियों को नागवार गुजरी है। बिफरे उद्यमियों ने सोमवार को विधायक बावा अवतार हैनरी से मुलाकात कर इसे उद्यमियों के साथ धक्का बताया है। जालंधर इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट एसोसिएशन, उद्योग नगर एसोसिएशन गदईपुर एवं जालंधर नॉर्थ हलके के उद्यमियों ने सोमवार को हैनरी के आगे यह मसला उठाया। उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी के दौर में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चुनौतियां झेल रहे उद्यमियों को अब एन्हांसमेंट एवं कंस्ट्रक्शन नोटिसों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए महज 30 दिन का समय दिया गया है।

फोकल प्वाइंट एक्सटेंशन एसोसिएशन के अध्यक्ष नरिदर सिंह सग्गू ने बताया कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर की सिफारिश पर पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने एक अन्य डिवाइस लगाने के नोटिस जारी कर दिए हैं। इसके लिए ड्राइंग बनाने और फिर एक फेब्रिकेटर विशेषज्ञ से फेब्रिकेशन करवाने को जरूरी बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक अदद ड्राइंग के ऊपर 40 से 50 हजार का खर्च आएगा। उद्यमियों की मांग है कि एक इंडस्ट्री का एक कलस्टर बनाकर एक ड्राइंग अप्रूव करवा दी जाए और फिर यही कलस्टर के जरिए ही एक फेब्रीकेटर की सेवाएं ली जाएं। उन्होंने कहा कि अगर प्रत्येक इंडस्ट्री को वही ड्राइंग दोबारा से बनानी पड़ेगी तब तो 10 उद्यमियों को ही पांच लाख रुपये ड्राइंग बनाने पर ही खर्च आएंगे। इस मौके पर फोकल प्वाइंट एसोसिएशन के राजीव मित्तल और उद्योग नगर गदईपुर एसो. के अध्यक्ष तजिदर सिंह भसीन ने कहा कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर सरकारी संस्था है जिसकी जिम्मेदारी बनती है कि उद्यमियों से पैसा लेने की बजाय कोई नया उपकरण इंडस्ट्री को नि:शुल्क मुहैया करवाया जाए।

इस मौके पर बावा हैनरी के समक्ष यह मसला भी उठाया गया कि उद्यमियों को अब एन्हांसमेंट और नॉन कंस्ट्रक्शन नोटिस भेजे जा रहे हैं। हालांकि कई ऐसी इकाइयां भी हैं, जिन्होंने चलते हुई फैक्ट्रियां खरीदी हैं और पहले ही संबंधित फैक्ट्रिया तमाम शर्तों को पूरा कर चुकी हैं। बावजूद इसके इंडस्ट्री संचालकों को दोबारा से नोटिस भेजकर शर्तें पूरी करने के लिए कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मात्र 30 दिन का समय दिया गया है और इतने कम समय में तो संबंधित उद्यमी घर अथवा फैक्ट्री बैठ ही नहीं पाएगा। नरिदर सिंह सग्गू ने कहा कि उद्यमियों की शिकायत सुनने के बाद बावा हैनरी ने तत्काल उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा से संपर्क किया और चार सितंबर को एक बैठक सुबह 11 बजे मंत्री के साथ आयोजित करवा दी है। इसमें उद्यमियों के अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सेकेट्री इंडस्ट्री पीएसआइईसी के अधिकारी एवं खुद बावा हैनरी भी मौजूद रहेंगे। बावा हैनरी को शिकायत सुनाने पहुंचे उद्यमियों में फर्नेस एसो. से सुखविदर कालिया, संजीव कुमार, अशोक मल्होत्रा, नितिन कपूर, निखिल कपूर (जेएमपी इंडस्ट्री), जुनेजा, सुनील शर्मा समेत लगभग 50 उद्यमी मौजूद थे।


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