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पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में यातनाएं सहकर पागल हो गए 14 भारतीय, वतन लौटे धर्म सिंह ने किए कई अहम खुलासे

पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद कैदी मंगलवार को भारत लौटा। उसकी सजा पूरी हो गई थी। वतन लौटते ही धर्म सिंह ने बताया कि पाकिस्तान की जेल में भारतीय कैदियों के साथ कैसा अत्याचार किया जाता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 12:08 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 08:09 AM (IST)
पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में यातनाएं सहकर पागल हो गए 14 भारतीय, वतन लौटे धर्म सिंह ने किए कई अहम खुलासे
पाकिस्तान की जेल से वतन लौटा धर्मपाल। जागरण

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अमृतसर [नितिन धीमान]। पाकिस्तान की लाहौर स्थित कोट लखपत जेल की सलाखों के पीछे भारतीय कैदियों को अमानवीय यातनाएं दी जाने की बात नई नहीं है, लेकिन 19 साल बाद रिहा होकर लौटे जम्मू-कश्मीर के 39 वर्षीय धर्म सिंह ने जो मंजर बयां किया है, वह काफी खौफनाक है। रिहा होकर अटारी सीमा पर पहुंचे धर्म सिंह ने बताया कि कोट लखपत जेल में बंद 14 भारतीय यातनाएं सहते-सहते पागल हो गए। इन्हें अब मानसिक उपचार केंद्र में भेजा गया है। यातनाओं के कारण उनकी स्थिति ऐसी हो चुकी है कि उन्हें खुद ही मालूम नहीं कि वह भारत से पाकिस्तान कैसे आए पहुंचे और भारत में कहां रहते थे। वहां अन्य भारतीय कैदियों को जंजीरों से बांधकर रखा जाता है। भरपेट खाना भी नहीं दिया जात। बुरी तरह पीटा जाता है।

जम्मू-कश्मीर के जिला डोडा की तहसील बडरावा के गांव अवाली मसारी के रहने वाले धर्म सिंह 39 वर्ष के हैं। धर्म सिंह ने कहा, 'मैं 2003 में गलती से जम्मू के सांबा बार्डर से पाकिस्तान की ओर चला गया था। पाकिस्तानी रेंजर्स ने पहले तो उन्हें पकड़ कर खूब पीटा और फिर एक कमरे में फेंक दिया। दो साल तक इसी कमरे में बांधकर रखा गया। सिर्फ खाना देने के लिए कमरे का दरवाजा और हाथ खोले जाते थे। 2005 में मुझे कमरे से निकालकर फौज के हवाले कर दिया। बेगुनाही के बावजूद मुझे जासूस घोषित कर सजा-ए-मौत की सजा सुना दी गई। बाद में दहशतगर्दी का दोष साबित नहीं हुआ तो सजा-ए-मौत की जगह चौदह साल की सजा सुनाई गई। पांच साल की सजा तो मैंने ही भुगत चुका था और 14 वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतने के लिए कोट लखपत जेल में डाल दिया गया।' 

धर्म सिंह ने बताया कि इस जेल में भारतीय कैदियों को मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना दी जाती है। जेल में 31 अन्य भारतीय कैदी भी थे, जिनमें से चौदह पागल हो चुके थे। सभी पर जासूसी और दहशतगर्दी का दोष लगाया गया था। जेल में नशा धड़ल्ले से चलता था। पाकिस्तानी कैदी नसवार और सिगरेट पीते थे। सभी भारतीय कैदी बुरी तरह से बीमार हो चुके हैं। जंजीरों से बांधकर रखे कैदी सुध-बुध खो चुके हैं।

धर्म सिंह ने कहा, 'मैं बीस साल का था जब गलती से पाकिस्तान गया। आज वह 39 वर्ष का हो चुका है। माताजी का देहांत हो गया। दिमागी तौर पर मैं भी परेशान हूं। जेल में धमकियां, गालियां, पिटाई सब कुछ होता था। यह जेल नहीं एक तरह का टार्चर सेंटर है, जहां सिर्फ भारतीयों पर अत्याचार किया जाता है। भगवान का शुक्र है कि मैं ङ्क्षजदा लौट आया।'

मेडिकल जांच के बाद 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया

धर्म सिंह को अटारी सीमा पर मेडिकल जांच के बाद चौदह दिन के लिए गुरुनानक देव अस्पताल में क्वारंटाइन किया गया है। अटारी सीमा पर पंजाब पुलिस के प्रोटोकाल आफिसर अरुण कुमार के अनुसार जम्मू पुलिस व परिवार के सदस्यों को सूचित किया जा रहा है। क्वारंटाइन पूरा होने के बाद धर्म सिंह को जम्मू भेजा जाएगा।


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