सरबजीत से अच्छी निकली इस भारतीय कैदी की किस्मत, पाकिस्तान से लौटा जिंदा
गलती से पाकिस्तान सीमा में गए उत्तर प्रदेश निवासी व्यक्ति को पाकिस्तान ने पकड़ लिया था। अदालत ने उसे सजा सुनाई। अब पाक रेंजर्स ने समझौते के तहत भारतीय कैदी को अटारी वाघा सीमा के रास्ते वापस भारत भेज दिया है।
जेएनएन, अमृतसर। गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान गया उत्तर प्रदेश निवासीी पनवासी लाल को पाक रेंजर्स ने वाघा-अटारी सीमा पर बीएसएफ के हवाले कर दिया है। पाकिस्तान ने भारत के साथ हुए समझौते के तहत इस भारतीय बंदी को मंगलवार की देर सायं लौटाया।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिलेे के थाना कटरा के गांव हरिजन बस्ती चावका घाट निवासी पनवासी लाल पुत्र कन्हैया लाल को सजा पूरी होने के बाद भारत भेजा गया। करीब 35 वर्षीय यह कैदी गलती से सीमा पार कर पड़ोसी देश में पहुंच गया था, जिसे पाकिस्तान की अदालत ने सजा सुनाई थी। पनवासी लाल को नारायणगढ़ के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में रखा गया है, जहां आज उसका कोविड-19 सैंपल लिया जाएगा।
पंजाब के किसान सरबजीत के साथ पाकिस्तान ने छल किया था। पाकिस्तान ने सरबजीत को आतंकवाद के झूठे आरोपों में जेल में बंद किया था। वह अनजाने में 30 अगस्त 1990 को पाकिस्तान की सीमा पार कर गए थे। पाकिस्तानी की एक स्थानीय अदालत द्वारा साल 1991 में उन्हें फैसलाबाद और लाहौर में बम हमलों के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। इस सजा को सुप्रीम कोर्ट समेत ऊपरी अदालतों में बरकरार रखा गया था।
बम हमलों को लेकर सरबजीत के खिलाफ कोई ठोस सुबूत नहीं थे, इसलिए जुर्म कबूलने के लिए उस बार बार प्रताड़ित किया गया। हालांकि, दाखिल की गई दया याचिकाओं के बाद उसकी मौत की सजा बार बार टाली जाती रही।
यह भी पढ़ें : कुत्तों की भी चमकती है किस्मत, बहादुरगढ़ से 2 अमेरिका और 1 पहुंचा कनाडा, जानें पूरा मामला
यह भी पढ़ें : अच्छी खबर... PGI चंडीगढ़ में लगेेेगी देश की पहली DSA मशीन, दवाओं के ट्रायल की मिलेगी सटीक जानकारी
यह भी पढ़ें : मानहानि मामले में पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के खिलाफ जमानती वारंट जारी
यह भी पढ़ें : हरियाणा व चंडीगढ़ राष्ट्रीय औसत से अधिक कोरोना संक्रमित केस, पंजाब व हिमाचल में स्थिति बेहतर
यह भी पढ़ें : हरियाणा में कोरोना वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल 20 से, अनिल विज ने की पहला टीका लगवाने की पेशकश