Punjab : भारत सरकार ने दस पाकिस्तानी मछुआरों को किया रिहा, अंतरराष्ट्रीय सड़क सीमा से अपने वतन हुए रवाना
भारत सरकार ने दस पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा किया है। दरअसल 26 पाकिस्तानी मछुआरे गलती से गुजरात के कच्छ में प्रवेश कर गए थे। पुलिस ने इन्हें पकड़ जेल भेज दिया था। पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ कि पाकिस्तान में मछलियां पकड़ते समय ये गलती से इस ओर आ गए।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। भारत सरकार ने दस पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा कर दिया है। मंगलवार को ये मछुआरे अंतरराष्ट्रीय सड़क सीमा के रास्ते पाकिस्तान रवाना हुए। दरअसल, 26 पाकिस्तानी मछुआरे गलती से गुजरात के कच्छ में प्रवेश कर गए थे। पुलिस ने इन्हें पकड़ जेल भेज दिया था। पूछताछ में यह स्पष्ट हुआ कि पाकिस्तान में मछलियां पकड़ते समय ये गलती से इस ओर आ गए। इनमें से दस को पहले ही रिहा कर दिया गया था, जबकि दस को मंगलवार को पाकिस्तान भेजा गया। शेष छह कैदियों की रिहाई की दिशा में भी भारत सरकार प्रयास कर रही है। पाकिस्तान रवाना हुए मछुआरे रुस्तम के अनुसार भारतीय जेल में उनके साथ अच्छा व्यवहार किया गया।
‘पुलिस में 300 गैर पंजाबियों की भर्ती तुरंत रद की जाए’
चंडीगढ़ : विभिन्न संगठनों ने पंजाब पुलिस में सिपाही से लेकर डीएसपी पद तक 300 गैर पंजाबियों की भर्ती को रद करने की मांग की है। लक्खा सिंह सिधाना, किसान नेता बूटा सिंह शादीपुर और किरपाल सिंह ने कहा कि सभी पार्टियां प्रदेश में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने को संघीय ढांचे पर हमला बता रही हैं लेकिन अकाली-भाजपा गठबंधन और कैप्टन की सरकारों के समय पंजाबियों को अनदेखा करके अन्य राज्यों के 300 लोगों को पंजाब पुलिस में भर्ती किया गया है। लक्खा सिधाना ने कहा कि स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट बनाकर मुख्यमंत्री की सुरक्षा के नाम पर हुई भर्ती की गई। एसपीयू में केवल 12 पद हैं। इनमें सात एसपी, चार डीएसपी, एक डीआईजी रैंक का अधिकारी है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में काम कर चुके उन कर्मचारियों को पंजाब पुलिस में फिर भर्ती किया गया, जिनका सेवाकाल खत्म हो चुका है।
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