पुरानी की अाड़ में नई कॉलोनियां रेगुलर करवाकर लाेगाें से किया जा रहा धाेखा Jalandhar News
कॉलोनाइजरों पर नई कॉलोनी को पुरानी बता रेगुलर करवाने के आरोप लगा आरटीआइ एक्टिंविस्ट ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर जांच की मांग की है।
जालंधर, जेएनएन। अवैध कॉलोनियां डवेलप करने वाले कॉलोनाइजरों ने रेगुलराइजेशन पॉलिसी की आड़ में सरकार को ही चूना लगाया है। पॉलिसी में पुरानी कॉलोनियों को ही मंजूर करवाया जा सकता है। कॉलोनाइजरों ने पुरानी कॉलोनियां की जगह नई कॉलोनियों को ही मंजूर करवाने के आवेदन देकर न केवल सरकार से फ्रॉड किया है बल्कि वहां पर प्लॉट खरीदने वालों को भी कई सुविधाओं से वंचित कर दिया है।
कॉलोनाइजरों के इस खेल के चलते सरकार को रेवेन्यू का तो नुकसान होगा ही, साथ में ही वहां पर प्लॉट लेने वालों को पार्क, कम्यूनिटी हॉल, चौड़ी सड़कों की सुविधाएं नहीं मिलेंगी। आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करके अपील की है कि इन कॉलोनियों की जांच की जाए कि यह कितनी डवेलप हुई हैं और इन्हें पॉलिसी के तहत अप्रूव किया जा सकता है या नहीं।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि जो कॉलोनियों रेगुलर करवाने के लिए आवेदन दिए गए हैं दरअसल नई कॉलोनियां हैं। पॉलिसी में सिर्फ पुरानी कॉलोनियां ही मंजूरशुदा की जाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि नियमों के मुताबिक नई कॉलोनी में सड़कों की चौड़ाई 40 फुट रखनी होती है जबकि पुरानी कॉलोनी दिखाकर सड़कें सिर्फ 20 से 24 फुट ही रखी जा रही हैं। पार्कों, कम्युनिटी हॉल, ट्यूबवेल रूम के लिए भी जगह छोड़नी होती है। इसकी जांच के लिए उन्होंने पहले नगर निगम से मांग की थी लेकिन निगम ने इससे इंकार कर दिया। इसके बाद सिमरनजीत सिंह ने हाई कोर्ट में अपील की।
इस अर्जी पर 13 नवंबर बुधवार को सुनवाई होगी
300 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां, आवेदन सिर्फ 25 ने किया प्रॉपर्टी कारोबार में मंदी के बावजूद पिछले कुछ सालों में शहर और आपपास के इलाकों में 300 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां डेवलप हुई हैं। इनमें से गिनती के कॉलोनाइजरों ने एनओसी के लिए आवेदन दिया है। हाई कोर्ट में नगर निगम को इसका भी जवाब देना होगा कि जिन कॉलोनियों के आवेदन नहीं आए हैं उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। कॉलोनियों को मंजूर करवाने के लिए तय की गई तारीख 31 अक्टूबर निकल चुकी है और अब सिर्फ एक्शन ही होगा। नगर निगम का कोर्ट में अब कोई बहाना भी नहीं चलेगा।
कॉलोनियों में न पार्क मिलेगा, न चौड़ी सड़कें
पुरानी कॉलोनियों के लिए आई पॉलिसी में नई कॉलोनियों को मंजूर करवाने की कोशिश से इन कॉलोनियों में प्लॉट लेने वालों को भी नुकसान होगा। इन कॉलोनियों को पुरानी पॉलिसी में डवलप करवाने का उद्देश्य यही है कि मंजूरशुदा कॉलोनियों के मुताबिक इन कॉलोनियों में सड़कें चौड़ी न रखनी पड़ें और न ही पार्क व अन्य सुविधाएं देनी पड़ें। इससे कॉलोनाइजर करीब 20 प्रतिशत तक ज्यादा जमीन बेच कर प्रॉफिट कमा सकेगा। अभी जिन कॉलोनियों को मंजूर करवाने के लिए आवेदन आए हैं उनमें से ज्यादातर के लिए सिर्फ 10 प्रतिशत फीस ही जमा करवाई गई है।
इन 25 कॉलोनियों के खिलाफ हाई कोर्ट से जांच की अपील
बरकत एन्क्लेव संघिया रोड, कोट सदीक। रेरू एक्सटेंशन कॉलोनी, रेरू बाईपास। न्यू डिफेंस कॉलोनी फेस-1 पार्ट-3 परागपुर। न्यू यूनिवर्सल कॉलोनी, मिट्ठापुर। अमृत विहार कॉलोनी, सलेमपुर मुसलमाना। गुलमोहर सिटी एक्सटेंशन लम्मा पिंड। नूरपुर एन्क्लेव, नूरपुर। अमरीक एन्क्लेव, संसारपुर। राजा एन्क्लेव, ओल्ड फगवाड़ा रोड, परागपुर। एलपी एन्क्लेव चक्क हुसैना। वेस्ट एन्क्लेव, बस्ती शेख।
चक्क हुसैना में सुनीता अग्रवाल ने एनओसी का आवेदन दिया। शरणपाल एन्क्लेव, सुच्ची पिंड। एसएएस नगर, किंगरा, सुरिंदर सिंह, गुरिंदरबीर सिंह। करण एन्क्लेव दानिशमंदा, जगजीत सिंह। - नवयुग मिडल इनकम ग्रॉस कोऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसायटी। सूफी पिंड, दीप नगर भीम सैन में राकेश कुमार का आवेदन। राजेश कुमार, पंचशाल बडिंग। गुरु तेग बहादुर एन्क्लेव, बस्ती शेख। गुरदीप एवेन्यू, संसारपुर। गुरु ईश्वर एवेन्यू, सुरजीत सिंह। रॉयल एन्क्लेव, राम चंद्र और रविंदर कुमार।परसुराम नगर, जोगिंदर पाल। सुंदर नगर, बलविंदर सिंह पुत्र इंदरजीत सिंह।