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दो साल बाद खुले ICSE स्कूलों में लौटी रौनक, जालंधर में बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम

अभिभावक बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए गाइड करते हुए ही आगे कक्षाओं में भेज रहे थे। क्योंकि कोविड-19 के मद्देनजर ही ट्रांसपोर्टेशन सेवा पूरी तरह से बंद रखी गई और अभिभावकों को ही अपनी कंसेंट के साथ स्कूल ले जाने और छोड़ने की जिम्मेदारी रखी गई थी।

By Vinay KumarEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 12:48 PM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 05:05 PM (IST)
दो साल बाद खुले ICSE स्कूलों में लौटी रौनक, जालंधर में बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम
जालंधर में कोविड नियमों का पालन कर स्कूल जाते हुए बच्चे।

जागरण संवाददाता, जालंधर। कोरोना काल के लगभग 2 साल बाद आईसीएसई स्कूल सोमवार से आखिरकार खुल गए। इन फूलों में शुरुआत से ही ऑनलाइन क्लास चल रही थी और अब पहले से 12वीं तक की कक्षाओं के साथ स्कूल ओपन हो गए हैं। विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों का स्कूल खोलने पर उत्साह दिखा और स्कूल के मुख्य गेट पर ही रौनक दिखने लग पड़ी थी। अभिभावक बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए गाइड करते हुए ही आगे कक्षाओं में भेज रहे थे। क्योंकि कोविड-19 के मद्देनजर ही ट्रांसपोर्टेशन सेवा पूरी तरह से बंद रखी गई और अभिभावकों को ही अपनी कंसेंट के साथ स्कूल ले जाने और छोड़ने की जिम्मेदारी रखी गई थी। बच्चों में पढ़ाई का उत्साह जोश बरकरार रहे इसके लिए वह वक्त पुल छोड़ते समय उन पलों को तस्वीरों के जरिए मोबाइल में कैद करते हुए भी दिखे। इसके साथ-साथ शिक्षक अभिभावकों को गाइड करते रहे कि वह स्कूल मैं छुट्टी होने से 10 मिनट पहले ही आ जाएं ताकि किसी प्रकार से भी बच्चों की मुख्य गेट पर भीड़ इकट्ठा ना हो, जिससे क्रमवार पव्वा वर्क आते रहेंगे और बच्चों को ले जा सकेंगे।

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यही स्कूल के मुख्य गेट पर जहां पहले छोटे-छोटे बच्चों के बैग उठाने के लिए आया नजर आती थी वह भी निरादर दिखे। क्योंकि संक्रमण से सभी को बचाना जरूरी है इसलिए बच्चों को खुद ही अपने स्कूल बैग उठाकर अपनी कक्षाओं तक जाना पड़ा। अधिकतर अभिभावकों की तरफ से बच्चों के भारी-भरकम स्कूल बैग को देखते हुए उसे ट्रॉली बैग में बदल दिया था ताकि विद्यार्थी बैग खुद ही अपना खींचकर कक्षा तक ले जाएं। स्कूल के नोटिस बोर्ड पर भी जानकारियां दर्ज की गई थी कि बिना कंसेंट लेटर के विद्यार्थियों को स्कूल वह कक्षा में दाखिल करवाकर पढ़ाया नहीं जा सकता। हालांकि स्कूल की तरफ से कोई संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

बता दे कि कोविड-19 काल के शुरुआत में लगे जनता लॉकडाउन से पहले के स्कूल बंद है क्योंकि तब इन स्कूलों में छुट्टियां चल रही थी। हालांकि सरकार की गाइडेंस की तरफ से बीच में स्कूलों को खोलने का मौका भी दिया गया था और दोबारा 26 जुलाई से सभी स्कूलों को अपनी सभी कक्षाओं के साथ स्कूल खोलने की मंजूरी दे दी थी। मगर इस बीच भी स्कूल नहीं खुले थे और अब जाकर अभिभावकों की कंसेंट ठीक-ठाक मिलने पर ही स्कूलों को फिर से शुरू किया गया है।


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