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हाउस की मीटिंग स्थगित, पार्षदों का मंच पर कब्जा कहा-जैसे कैप्टन को हटाया, राजा को भी बदलें

जिन कुर्सियों पर मेयर कमिश्नर सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर बैठे थे वहां पार्षद देसराज जस्सल मनदीप जस्सल लखबीर बाजवा और शमशेर सिंह खैहरा ने कब्जा कर लिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 02:10 AM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 02:10 AM (IST)
हाउस की मीटिंग स्थगित, पार्षदों का मंच पर कब्जा कहा-जैसे कैप्टन को हटाया, राजा को भी बदलें
हाउस की मीटिंग स्थगित, पार्षदों का मंच पर कब्जा कहा-जैसे कैप्टन को हटाया, राजा को भी बदलें

जागरण संवाददाता, जालंधर : विरोध की आशंका के बीच शुक्रवार को नगर निगम हाउस की मीटिग स्थगित कर दी गई। इसके बावजूद कांग्रेस की मुश्किल कम नहीं हुई। जैसे ही मेयर जगदीश राजा मीटिग स्थगित करने की घोषणा करके रेडक्रास भवन से बाहर निकले तो कांग्रेस पार्षद देसराज जस्सल ने मंच पर कब्जा करके मेयर को बदलने की मांग कर डाली। जिन कुर्सियों पर मेयर, कमिश्नर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर बैठे थे, वहां पार्षद देसराज जस्सल, मनदीप जस्सल, लखबीर बाजवा और शमशेर सिंह खैहरा ने कब्जा कर लिया। देसराज जस्सल ने माइक संभाला और मेयर जगदीश राजा को फेल बताते हुए कहा कि जिस तरह कैप्टन अमरिदर सिंह को सीएम के पद से हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया है, उसी तरह जगदीश राजा को हटाकर मेयर की कुर्सी किसी अन्य पार्षद को सौंपी जाए। जस्सल ने कहा कि मेयर राजा ने कांग्रेस को कमजोर किया है और उन्हें बदला जाना जरूरी है। जस्सल ने कहा कि हाउस की सहमति से निगम अफसरों पर कार्रवाई का प्रस्ताव नंबर 31 पास किया गया था लेकिन मेयर अफसरों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं कर पाए। नगर निगम में अफसरों का राज चल रहा है और पार्षदों को अपमानित होना पड़ रहा है। जस्सल की मेयर को बदलने की मांग उठाने से उनके साथ मंच पर बैठे पार्षद भी हैरान रह गए और एक-एक करके कुर्सी छोड़कर चले गए। ----------

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मेयर के समर्थन में आए पार्षद, जस्सल पर भड़के

जस्सल ने जैसे ही मेयर जगदीश राजा को बदलने की मांग की वैसे ही कांग्रेस पार्षद भड़क गए। सबसे पहले पार्षद प्रवीणा मनु ने जस्सल का विरोध किया और विरोध किया। पार्षद विक्की कालिया समेत कई पार्षदों ने जस्सल का विरोध जताया। इसके बाद सभी पार्षद जस्सल के खिलाफ हो गए लेकिन तब तक जस्सल अपना काम कर चुके थे। मेयर के समर्थन में अधिकांश पार्षद हाल के बाहर एकत्रित हुए और मेयर के समर्थन में नारेबाजी की।

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विपक्ष के पार्षद नहीं पहुंचे, कांग्रेस अंदरुनी लड़ाई में ही फंसी

बैठक में विपक्षी दल भाजपा और अकाली दल के अधिकांश पार्षद नहीं पहुंचे लेकिन कांग्रेस अपनी ही लड़ाई में फंस गई। भाजपा ने तो वीरवार को हाउस की मीटिग में विरोध की रणनीति भी बना ली थी लेकिन मीटिग में भाजपा से पार्षद शैली खन्ना और अकाली दल से जसपाल कौर भाटिया व डा. तमनरीत कौर ही पहुंचे। मीटिग में विपक्ष की नाममात्र हाजिरी से विरोध का खतरा कम था। पिछली कई मीटिग से मेयर के लिए सिरदर्दी बने पार्षद देसराज जस्सल एक बार फिर मेयर के खिलाफ बरसे। हालांकि मीटिग स्थगित कर दिए जाने के बाद हुआ घटनाक्रम सदन की लिखित कार्यवाही में नहीं आया। ----------

मेयर काम करते तो हर बार मीटिंग से भागना न पड़ता : रौनी

वार्ड 66 से आजाद पार्षद दविदर सिंह रौनी ने कहा कि मेयर हर बार हाउस की मीटिग से भाग रहे हैं। अगर काम किया होता तो आज अपनी ही पार्टी के पार्षदों के विरोध का सामना ना करना पड़ता। रौनी ने कहा कि हाउस की मीटिग बेवजह रद की गई है और इससे शहर को नुकसान होगा।

----------------------------------------- विरोध के डर से पांच मिनट में खत्म हुई हाउस की मीटिग, प्रस्तावों पर नहीं हुई चर्चा

हाउस की मीटिग बिना किसी चर्चा के पांच मिनट में ही समाप्त हो गई। हालांकि मीटिग में विपक्ष के अधिकांश पार्षद मौजूद नहीं थे लेकिन कांग्रेस के ही पार्षद देसराज जस्सल, नीरजा जैन और अन्यों के विरोध की आशंका को देखते हुए मीटिग को स्थगित करने की भूमिका पहले से ही तैयार कर ली गई थी। वीरवार शाम से ही यह चर्चा बनी हुई थी कि शुक्रवार को होने वाली मीटिग टाली जा सकती है। हालांकि मीटिग शुरू होने से पहले स्थगित करने के बजाय मीटिग शुरू होने के पाचं मिनट के भीतर ही स्थगित की गई। मेयर जगदीश राज राजा ने हाउस की मीटिग शुरू करने की मंजूरी दी और सबसे पहले दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद अभी प्रस्तावों को पास करने या शून्यकाल पर फैसला होना ही था कि एक तरफ से पार्षद देसराज जस्सल खड़े हो गए तो दूसरी तरफ से मेयर के करीबी पार्षद मनमोहन राजू ने माइक संभाल लिया। राजू ने यह मांग कर डाली कि भगवान वाल्मीकि महाराज के प्रकाश पर्व पर हुए कार्यक्रमों के कारण अधिकांश पार्षद व्यस्त रहे और मीटिग का एजेंडा नहीं पढ़ पाए, इसलिए पार्षदों को एजेंडे की जानकारी नहीं है। राजू ने कहा कि मीटिग चार-पांच दिन के लिए स्थगित कर दी जाए। इस बीच पार्षद देसराज जस्सल अफसरों पर कार्रवाई के लिए पिछली मीटिग में पास किए गए प्रस्ताव नंबर 31 पर कार्रवाई की जानकारी मांगने के लिए खड़े हो गए लेकिन मनमोहन राजू के मीटिग स्थगित करने के प्रस्ताव को समर्थन के लिए पार्षद पवन कुमार भी समानांतर खड़े हो गए। उसके बाद मेयर ने तुरंत यह फैसला दे दिया कि हाउस अगले आदेशों तक स्थगित किया जाता है। आदेश जारी करने के बाद मेयर, कमिश्नर करनेश शर्मा, सीनियर डिप्टी मेयर सुरिदर कौर और डिप्टी मेयर हरसिमरनजीत सिंह बंटी मीटिग से चले गए। मेयर के फैसले से अफसर भी नाराज

मेयर के फैसले के बाद अफसर भी हैरान नजर आए। सूत्रों के अनुसार मीटिग के एजेंडे में विकास कार्यों के कुछ प्रस्तावों को लेकर भी मेयर का एतराज था। ऊपर देसराज जस्सल के विरोध के साथ ही यूनीपोल घोटाले को लेकर हाईकोर्ट में केस लड़ रही पार्षद नीरजा जैन भी अफसरों पर कार्रवाई का मुद्दा उठा सकती थीं। मीटिग में 80 में से 48 पार्षद ही पहुंचे। कई पार्षद अभी रास्ते में ही थे लेकिन मीटिग खत्म हो गई।

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दीवाली के बाद मीटिग की उम्मीद, कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव लटके

स्थगित की गई मीटिग अब दीवाली के बाद होने की उम्मीद है। कुछ पार्षद मीटिग को दीवाली से पहले करवाने के लिए भी दबाव बना रहे हैं। एजेंडे में कई ऐसे प्रस्ताव हैं जो शहर के लिए महत्वूपर्ण हैं। नई नौकरियों का प्रस्ताव भी खास है। नई भर्ती से कांग्रेस के लिए चुनावी दौर में जाना आसान रहता। करीब दो हजार मुलाजिमों की भर्ती को मंजूरी दी जानी है जबकि 500 से ज्यादा विकास कार्य मंजूर होने हैं।


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