Civil Hospital में पीजीआइ की तर्ज पर बनेंगे मरीजों के कार्ड, मोबाइल पर मिलेगा टेस्ट रिपोर्ट Jalandhar News
सरकारी अस्पतालों में मरीजों की पीजीआइ चंडीगढ़ की तर्ज पर रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होगी और मरीज को एक नंबर जारी किया जाएगा। मरीज को इलाज के लिए कार्ड बनाकर देंगे।
जालंधर, जेएनएन। पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन (पीएचएससी) ने राज्य के सरकारी अस्पतालों की कार्यप्रणाली को हाईटेक करने की योजना को अमलीजामा पहना दिया है। सरकारी अस्पतालों में पीजीआइ चंडीगढ़ की तर्ज पर मरीजों को हाईटेक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। प्रत्येक मरीज का यूनिक नंबर पर कार्ड बनेगा जिसके आधार पर उसके इलाज की प्रक्रिया होगी।
पीएचएससी के मैनेजिंग डायरेक्टर मनवेश सिंह सिद्धू ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों की पीजीआइ चंडीगढ़ की तर्ज पर रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होगी और मरीज को एक नंबर जारी किया जाएगा। मरीज को इलाज के लिए कार्ड बनाकर देंगे। वह कभी भी अस्पताल में कार्ड की एंट्री करवाके सेवाओं का लाभ ले सकते हैं। इससे मरीजों को मौजूदा समय में सिर्फ पर्ची बनाने में लगने वाली लाइनों से छुटकारा मिलेगा। साथ ही उनके समय की बचत भी होगी। मौजूदा समय में सिविल अस्पताल में 1200 से 1500 के करीब मरीज सिविल अस्पताल में आते हैं।
मोहाली और मानसा में इसके पायलेट प्रोजेक्ट में कामयाबी हासिल मिली है। सरकारी अस्पतालों में नए सिस्टम लोड कर कंप्यूटर भेज दिए गए हैं। वहां मौजूद स्टाफ को ट्रेनिंग करवाई जा रही है। जालंधर में इसका ट्रायल शुरू हो चुका है। एक जनवरी 2020 से राज्य के हर जिले में इसे शुरू किया जाएगा।
सरकार को ये होगा फायदा
हर जिले के सरकारी अस्पताल में में आने वाले मरीजों की डिटेल चंडीगढ़ स्थित मेन सिस्टम में होगी। सारा डेटा उसमें सुरक्षित रहेगा। इससे विभाग के पास हर प्रकार की बीमारी का एक डेटाबेस तैयार हो जाएगा। मरीज की जांच के बाद डॉक्टर मरीज को बीमारी के बारे में बताएगा, उसे कंप्यूटर में डाल दिया जाएगा। इसके आधार पर राज्य के किस जिले में कौन सी बीमारी पैर पसार रही है उस पर काबू पाने के लिए तुरंत कार्रवाई के आदेश जारी होंगे। सरकारी अस्पतालों में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटरों का कहना है कि स्टाफ की कमी है और कामकाज बढ़ रहा है। भविष्य में नए सिस्टम को लेकर दिक्कतें पैदा हो सकती है।
मोबाइल पर मिल जाएगी टेस्ट रिपोर्ट
वनिजी लैबोरेटरियों की तर्ज पर सिविल अस्पताल की लैबोरेटरियां भी हाईटेक की जा रही है। मरीजों को कुछ टेस्टों की मोबाइल पर ही रिपोर्ट मिल रही है। जनवरी 2020 तक इन प्रोजेक्टों को राज्य के सरकारी अस्पतालों में लागू किया जाएगा।
मरीज ऑनलाइन भी ले सकेंगे डॉक्टर से मिलने का समय
अस्पताल के एसएमओ डॉ. कश्मीरी लाल का कहना है कि सिविल अस्पताल में नए सिस्टम के तहत मरीजों को ओपीडी में आने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की भी सुविधा दी गई है। मरीज ऑनलाइन डॉक्टर से मिलने का समय लेगा तभी उसे एक नंबर जारी होगा, जिसे ओपीडी काउंटर पर दिखाकर डॉक्टर के पास जा सकते है।
डॉक्टरों को मिलेंगे टेबलेट
विभाग डॉक्टरों को टेबलेट देगा। डॉक्टर हर मरीज की बीमारी का विवरण देगा। इससे विभाग के पास हर इलाके में होने वाली बीमारियों का विवरण होगा। उसके आधार पर लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए योजनाएं तैयार की जा सकेंगी। एक मरीज को एक ही आइडी नंबर जारी होगा, ताउम्र इसी आइडी पर इलाज होगा। विभाग की ओर से नई तकनीक से लैस छह कंप्यूटर जालंधर सिविल अस्पताल को सौंप दिए हए हैं और कंपनी की टीम ने ट्रायल शुरू करवा दिए हैं। कुछ दिनों में नए सिस्टम में पर्चियां बनेंगी।
नई तकनीक का लोगों व अस्पताल को फायदा होगा। लेकिन स्टाफ की कमी आड़े आएगी। स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन को पहले भी पत्र लिखे जा रहे हैं। विभाग ने नए मुलाजिम भर्ती करने का आश्वासन दिया गया है।
- डॉ. चन्नजीव सिंह, कार्यकारी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, सिविल अस्पताल ।
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