फिर सामने आई स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, स्कूलों में नही पहुंची बच्चों के पेट के कीड़े मारने की दवा
मंगलवार को भी स्कूलोें को एल्बेंडाजॉल की 1.40 लाख गोलियां और 6 हजार सीरप का स्टॉक भेजा गया। अब भी 2.53 लाख गोलियां आना बाकी हैं।
जालंधर [जगदीश कुमार]। बच्चों के पेट के कीड़ों का खात्मा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मनाया गया डी-वर्मिंग डे जिले में स्वास्थ्य विभाग की लेटलतीफी की बलि चढ़ रहा है। डी-वर्मिंग डे के पांच दिन बाद भी स्वास्थ्य विभाग स्कूलों में दवा पहुंचाने में नाकाम साबित हो रहा है। मंगलवार को भी स्कूलोें को एल्बेंडाजॉल की 1.40 लाख गोलियों और 6 हजार सीरप का स्टॉक भेजा गया। अभी 2.53 लाख गोलियां आना बाकी हैं। ऐसे में जिले के ज्यादातर स्कूल और आंगनबाड़ी केंंद्र आज भी एल्बेंडाजोल की गोलियों का इंतजार कर रहे हैं। गत शुक्रवार को भी जिले के ज्यादातर स्कूलों में एल्बेंडाजॉल की गोलियों का स्टाक नही पहुंच पाया था।
विभाग मानता है कि डिमांड के मुकाबले काफी कम मात्रा में एल्बेंडाजॉल की गोलियों और सीरप का स्टॉक मिला है। सेहत विभाग का 5.27 लाख बच्चों को एल्बेंडाजॉल की गोली व सीरप देने का लक्ष्य है। विभाग के पास मुहिम की शुरूआत के समय केवल 1.40 लाख गोलियां व 6 हजार सीरप का ही स्टॉक पहुंचा था। दोनों ही विभागों ने 14 फरवरी को दूसरे राउंड में सभी बच्चों को एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाने का लक्ष्य पूरा करने की बात कही है।
जिले के 2200 स्कूलों तथा 1654 आंगवाड़ी सेंटरों में विभाग की टीमें 02 से 19 साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसमें सरकारी स्कूलों के 196000, निजी स्कूलों के 215000 तथा आंगनवाड़ी सेंटरों के 1,16,000 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य है।
स्टॉक मिलते ही आपूर्ति की जाएगीः सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डाॅ. राजेश कुमार बग्गा का कहना है कि जिले में 5.27 लाख बच्चों को डीवार्मिंग करने का लक्ष्य है। सेहत विभाग को डिमांड भेजी गई थी। इसके एवज में 1.40 लाख एल्बेंडाजोल की गोलियां व 6 हजार सीरप का स्टाक पहुंचे था। मंगलवार को भी स्कूलोें को एल्बेंडाजॉल की 1.40 लाख गोलियों और 6 हजार सीरप का स्टॉक भेजा गया। 14 फरवरी तक लक्ष्य पूरा किया जाएगा। पहले से ही विभाग को डिमांड भेजी जा चुकी है ,जैसे जैसे विभाग से दवा का स्टाक मिलेगा तुरंत सप्लाई स्कूलों को जारी कर दी जाएगी।
2.53 लाख गोलियां आना बाकी
मिड-डे-मील के मैनेजर बलजिंदर सिंह ने भी माना की उनके पास दवाई का पूरा स्टॉक नही पहुंचा है। उन्हें केवल 1.40 लाख गोलियां पहुंची थीं, जो स्कूलों तक पहुंचा दी गई हैं। सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में 3.93 लाख बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य है। 2.53 लाख गोलियां स्वास्थ्य विभाग की ओर से आनी बाकी है। 14 फरवरी को माॅप अप राउंड में सभी बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।